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जमीन कब्जे की शिकायत लेकर गए थे, योगी आदित्यनाथ ने धक्का देकर भगा दिया!

क्या योगी ने आरोपी का नाम सुनकर फरियादी को भगाया?

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लखनऊ के व्यापारी ने सीएम योगी पर लगाए गंभीर आरोप.
राज कर रहे भू-माफिया, सो रही सरकार... न गुंडाराज न भ्रष्टाचार, अबकी बार भाजपा सरकार
ये नारा 2017 में उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने बंपर तरीके से चलाया था. वादा था कि प्रदेश से गुंडाराज और माफिया राज खत्म कर देंगे. सरकार आई. पुलिस-प्रशासन की सख्ती दिखी. कई इनकाउंटर की खबरें आईं. मगर एक वायरल वीडियो से इन सारी कोशिशों पर बट्टा लगता दिख रहा है. क्योंकि मामला सीधा सीएम योगी आदित्यनाथ से जुड़ गया है. यूपी की राजधानी लखनऊ के एक व्यापारी ने आरोप लगाया है कि जब वो सीएम योगी आदित्यनाथ से उनके जनता दरबार में मिला और अपनी जमीन पर कब्जा होने की बात कही तो योगी भड़क गए और उसे धक्का देकर भगा दिया. जमीन पर कब्जे का आरोप नौतनवा से निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी पर है.
यूपी चुनाव के वक्त लगे पोस्टर.
यूपी चुनाव के वक्त लगे पोस्टर.

ये मामला सबके सामने 3 मार्च को आया. जब पीड़ित बताए जा रहे लखनऊ के व्यापारी आयुष सिंघल का एक वीडियो वायरल हुआ. उस दिन आयुष गोरखपुर पहुंचे थे, जहां मठ पर सीएम योगी आदित्यनाथ का जनता दरबारा लगा हुआ था. जब आयुष जनता दरबार से निकले तो रोने लगे. मीडिया ने उनसे सवाल पूछे तो उन्होंने जो कहा वो दिल दहला देने वाला है. वो बोले -
मैं लखनऊ से आया हूं. मेरी जमीन अमरमणि और अमनमणि त्रिपाठी ने कब्जा कर रखी थी. मैं महाराज जी से मिलने गया. महाराज जी धक्का मारकर भगा दिए. कहे तुम्हारी जिंदगी में कभी कोई कार्रवाई नहीं होगी. बताइये मेरी क्या गलती है. जान से मारने की धमकी अमनमणि देता है. घर पर पत्थर वो फिकवाता है. महाराज जी को वोट वो देता है. मेरी क्या गलती. हम तो व्यापारी आदमी हैं.
देखें वीडियो-

आयुष ने बताया कि उनके पास 22.5 बीधा जमीन है. ये जमीन लखनऊ के चिनहट थाने के पपनामऊ में है. 2012 में इसकी रजिस्ट्री करवाई थी, लेकिन इसके बाद उस पर पूर्व मंत्री और उनके विधायक बेटे द्वारा कब्जा कर लिया गया. आयुष ने बताया कि वो पहले भी दो बार योगी आदित्यनाथ से मिल चुके हैं. एक बार लखनऊ में और एक बार गोरखपुर में. 28 फरवरी को गोरखपुर जनता दरबार में मिलने पर सीएम ने लखनऊ एसएसपी को जांच के आदेश दिए थे, लेकिन एक महीने बाद भी केस में उचित कार्रवाई न होने पर वह फिर सीएम से मिलने पहुंचे. उनका आरोप है कि इस बार जब वो सीएम से मिले और अपना मामला बताना शुरू किया कि उनकी जमीन पर अमनमणि ने कब्जा कर रखा है. उन्हें कागज पकड़ाया तो योगी ने कागज फेंक दिए. कहा-आवारा कहीं का, जिंदगी में तुम्हारी कार्रवाई नहीं होगी. आयुष बोले -
जब से सरकार बनी है तब से दौड़ रहे हैं. पिछली सरकार तो समाजवादियों की थी. तो उसमें तो कुछ नहीं हो सकता था. उम्मीद थी कि इस सरकार में कुछ करेंगे. इसमें भी धक्का मारकर भगा दिया.
अमनमणि त्रिपाठी पर है जमीन कब्जाने का आरोप.
अमनमणि त्रिपाठी पर है जमीन कब्जाने का आरोप.

सोशल मीडिया में आयुष का वीडियो बहुत तगड़े तरीके से वायरल हो गया है. इस वाकये पर हर तरह की बातें हो रही हैं. इस मामले की टाइमिंग भी कुछ ऐसी है कि इस पर विवाद होना लाजमी है. मार्च में ही हुए राज्यसभा चुनाव में अमनमणि त्रिपाठी ने बीजेपी के पक्ष में वोट किया है. महाराज जी के गुणगान करते तो वो काफी समय से दिख रहे हैं. इससे भी इस वाकये को बल मिलता है. सही क्या है वो यूपी सरकार और उसका प्रशासन ही बता सकता है.
प्रशासन ने दिया जवाब
लखनऊ के डीएम कौशल राज का बयान भी इस मामले में आ गया है. उन्होंने बताया कि मामला कोर्ट में है. जमीन के 8 सहखाताधारक हैं. जमीन पर बंटवारा होना है. आयुष की शिकायत पर मामले की जांच करवाई गई थी. डीएम कौशल राज ने यह भी बताया कि सुनवाई के दौरान कोर्ट में आयुष सिंघल की तरफ से कोई पक्षकार पेश नहीं हुआ. उनका कहना है कि इस जमीन में सिंचाई विभाग का भी हिस्सा है.
उधर, अमनमणि त्रिपाठी ने मामले में कहा कि जमीन हमारी है और हमारी ही रहेगी. बोले- जब मामला कोर्ट में चल रहा है कि तो सीएम क्या उस पर कोई भी कुछ नहीं कर सकता.


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