उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को गौ संरक्षण केंद्रों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने सरकारी भवनों में गाय के गोबर से बने प्राकृतिक पेंट के इस्तेमाल की वकालत की है.
योगी सरकार ने दिया सरकारी दफ्तरों को गाय के गोबर से बने पेंट से रंगने का आदेश, अखिलेश ने तंज कर दिया
Yogi Adityanath calls for use of cow dung paint: अधिकारियों ने योगी आदित्यनाथ को बताया कि 7,693 गौ आश्रय स्थलों में 11.49 लाख गायों को रखा गया है. सीसीटीवी कैमरों के ज़रिए उन पर निगरानी रखी जा रही है.
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उनकी इस बात पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव की भी प्रतिक्रिया आई है. अखिलेश ने इसे लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, ‘गोबरनामा : भाजपा सरकार का नया कारनामा.’
इससे पहले, योगी 4 मई को पशुपालन एवं डेयरी विकास विभाग के कामकाज की समीक्षा कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि पशुपालन और डेयरी विकास उत्तर प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था का ज़रूरी स्तंभ है. उन्होंने कहा,
गौ संरक्षण केंद्रों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए. सरकारी भवनों में गाय के गोबर से बने प्राकृतिक पेंट का इस्तेमाल किया जाना चाहिए. इसका उत्पादन भी बढ़ाया जाना चाहिए.
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि 'मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहयोग योजना' के तहत उन गरीब परिवारों को गायें उपलब्ध कराई जाएं, जिनके पास गायें नहीं है. योगी के मुताबिक़, इस पहल का मकसद गाय सेवा को बढ़ावा देना और दूध की उपलब्धता के ज़रिए घरेलू पोषण को बढ़ाना है.
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, अधिकारियों ने योगी आदित्यनाथ को बताया कि 7,693 गौ आश्रय स्थलों में 11.49 लाख गायों को रखा गया है. सीसीटीवी कैमरा फुटेज तथा निरीक्षण के ज़रिए उन पर निगरानी रखी जा रही है.
अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को ये भी बताया कि 40,968 हेक्टेयर चारागाह भूमि से अतिक्रमण हटा दिया गया है. जिसमें से 12,168 हेक्टेयर भूमि का इस्तेमाल हरे चारे के उत्पादन के लिए किया जा रहा है.
मुख्यमंत्री को बताया गया कि इस पहल से ग्रामीण रोजगार भी पैदा हो रहा है. जिसमें महिला स्वयं सहायता समूह सक्रिय रूप से शामिल हैं और इस मकसद के लिए कुल 21,884 गौसेवकों को प्रशिक्षित और तैनात किया गया है.
मुख्यमंत्री योगी को ये भी बताया गया कि 2024-25 में दूध की खरीद 3.97 लाख लीटर प्रतिदिन (LLPD) तक पहुंच गई. जो पिछले साल की तुलना में 10% की बढ़ोतरी है. दूध का कारोबार 1,120.44 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. जो पिछले साल से 16% ज़्यादा है.
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