गाजियाबाद में पुलिस के लिए किसी आम दिन सा माहौल था. घर से निकलते वक़्त ट्रैफिक हवलदार भी ये डिसाइड न कर पाया होगा कि दिन सर्द है या गर्म. कार वाले रोज़ की तरह ही हॉर्न मार-मारकर आवाज़ से ट्रैफिक साफ़ कर देने के प्रयास कर रहे थे. नेशनल हाइवे 24 पर काला पत्थर के पास की बात है. एक स्विफ्ट कार ने रेड लाइट जंप करने की कोशिश की. रेड लाइट जंप अगर ओलंपिक में कोई खेल होता तो नोएडा-गाजियाबाद वाले सारे स्वर्ण ले आते. कार को पुलिस वालों ने पकड़ा. और जानते हो क्या मिला? 3 करोड़ रुपये कैश. एक बैग में.
पुलिसवालों के होश उड़ गए. आदमी नंबर दो से भी कमाए तो इत्ती नोट कमाने में सालों लग जाते हैं. कागज मांगे वो भी नहीं दिखा पाए. तुरंत गाड़ी को दो जनों के साथ थाना इंदिरापुरम ले जाया गया.
फिर हुआ कांड. एक घंटे में बीजेपी के लोग थाने पहुंचे और पैसे के बारे में बताया. बोले पैसा पार्टी का है. तीन करोड़ रुपये दिल्ली बीजेपी कार्यालय से निकला है, और लखनऊ जा रहा है. पार्टी विकास के लिए.
पार्टी के सीए भी मौके पर आ गए. सीए लोगों को देखकर खुशी होती है. जीते जी कम ही लोग सीए बन पाते हैं. सीए पेपर दिखा रहे थे कि पैसा उनका है और लीगल है. उनने पुलिस पर पैसा छोड़ने के एवज में 10 लाख मांगने का भी आरोप लगा दिया. आरोपों में कितनी सच्चाई है. ये जांच के बाद साफ होगा. जेएनयू में नारा कौन लगा गया था, ये तो आज तक साफ़ न हो पाया है.
पुलिस अब तीन करोड़ की असलियत की छानबीन में जुटी है. पुलिस कह रही है कि इनकम टैक्स की टीम को बुलाया है. अब जांच की गति को स्पीड पकड़ाकर रफ़्तार बढ़ाएंगे. पुलिस ये भी कही कि आदमी मोबाइल का कैशे तक बचाकर रखता है. ये इत्ता कैश लेकर ऐसे-कैसे जा रहे थे. पुलिस को तो बताना चाहिए. सेफ्टी भी कोई चीज होती है. कैशे वाली बात पुलिस ने नहीं कही थी. सॉरी.