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कौन है जसविंदर सिंह मुल्तानी, जिस पर NIA ने लुधियाना कोर्ट ब्लास्ट मामले में UAPA लगाया है?

जसविंदर मुल्तानी को जर्मनी में हिरासत में लिया जा चुका है, ISI कनेक्शन की बात सामने आई.

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बाएं से दाएं. Ludhiana court blast के बाद मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी और SFJ का सदस्य जसविंदर सिंह मुल्तानी. (फोटो: PTI/India Today)
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31 दिसंबर 2021 (Updated: 31 दिसंबर 2021, 10:04 IST)
Updated: 31 दिसंबर 2021 10:04 IST
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लुधियाना कोर्ट ब्लास्ट मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जसविंदर सिंह मुल्तानी के खिलाफ FIR दर्ज की है. NIA ने उसके खिलाफ IPC की धारा 120B (आपराधिक षड्यंत्र) और UAPA की कई धाराओं के तहत ये कार्रवाई की है. जसविंदर मुल्तानी जर्मनी में रहता है और उसका संबंध खालिस्तान समर्थक आतंकवादी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) से है. NIA ने उस पर भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने के आरोप लगाए हैं. मुल्तानी को जर्मनी में हिरासत में लिया जा चुका है. जांच एजेंसी को शक है कि जसविंदर सिंह मुल्तानी लुधियाना कोर्ट ब्लास्ट की साजिश में शामिल है.
इंडिया टुडे से जुड़ीं कमलजीत सिंह कौर संधू की रिपोर्ट के मुताबिक, जसविंदर सिंह मुल्तानी के खिलाफ दिल्ली में FIR दर्ज की गई है. हालांकि, इस मामले की जांच NIA की पंजाब ब्रांच करेगी. ये भी सामने आया है कि फिलहाल NIA के अधिकारी अभी जर्मनी जाने की तैयारी नहीं कर रहे हैं. लेकिन आगे जरूरत पड़ने पर ऐसा किया जा सकता है. RDX और ISI का लिंक बीती 23 दिसंबर को लुधियाना कोर्ट में ब्लास्ट हुआ था. इसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. वहीं पांच लोग घायल हुए थे. जांच एजेंसियों ने मृतक की पहचान पंजाब पुलिस के पूर्व हेड कॉन्स्टेबल गगनदीप के रूप में की थी. ये भी सामने आया कि कोर्ट में बम ब्लास्ट करने वाला भी गगनदीप ही था. असल में वो बम लगा लगाने गया था और ऐसा करते हुए ही धमाका हो गया जिससे उसकी जान चली गई.
जांच में सामने आया कि गगनदीप के पास हाई क्वालिटी का लगभग डेढ़ किलो विस्फोटक था. उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसके पेट में प्लास्टिक के अवशेष भी मिले थे. जांच अधिकारियों ने बताया कि उसका शव जिस अवस्था में पाया गया, उसी के आधार पर एक्सपर्ट्स ने माना कि वो बम को एक्टिवेट करने की कोशिश कर रहा था.
गगनदीप के पास से एक डोंगल भी बरामद हुआ जिसमें एक सिम भी मिला. ये भी सामने आया कि 23 दिसंबर को मृतक एक स्कूटर से कोर्ट आया था. इस आधार पर पुलिस ने अनुमान लगाया कि गगनदीप का कोई साथी ही उसे छोड़ने आया था.
ड्रग्स केस में गगनदीप दो साल तक जेल में बंद रहा था. जांच में पुलिस को भी ये भी शक हुआ कि जेल में अपनी कैद के दौरान वो SFJ के लोगों के संपर्क में आया था.
Ludhiana Court में हुए ब्लास्ट के बाद जांच के लिए पहुंचे अधिकारी. (फोटो: PTI)
Ludhiana Court में हुए ब्लास्ट के बाद जांच के लिए पहुंचे अधिकारी. (फोटो: PTI)

इसके अलावा जांच एजेंसियों को ये भी शक हुआ कि इस मामले में पाकिस्तान की इंटेलिजेंस एजेंसी ISI का हाथ हो सकता है. लुधियाना कोर्ट ब्लास्ट में RDX का इस्तेमाल हुआ था. इस आधार पर ही ISI के शामिल होने की आशंका जताई गई. यहां ये बात गौरतलब है कि सितंबर 2019 से लेकर अब तक पाकिस्तान के करीब 140 ड्रोन भारतीय सेना में प्रवेश कर चुके हैं. पंजाब में भी सरहद पार से ड्रोन आने की रिपोर्टें प्रकाशित हो चुकी हैं. बताया गया है कि ISI भारत में खालिस्तानी मूवमेंट को फिर से खड़ा करने की कोशिश में लगी हुई है. कौन है जसविंदर सिंह मुल्तानी? जसविंदर सिंह खालिस्तान समर्थक आतंकवादी संगठन सिख फॉर जस्टिस का सदस्य है. वो इस संगठन के संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू का करीबी है. उसका नाम कई मामलों में आ चुका है. इस वजह से वो एजेंसियों की नजरों में चढ़ा हुआ था. हाल फिलहाल के तीन आतंकी मामलों तरण तारण, अमृतसर और SAS नगर में उसका नाम सामने आया था. किसान नेता बलवंत सिंह राजेवाल की हत्या की कथित साजिश रचने में भी जसविंदर सिंह का नाम आया था. दिल्ली पुलिस ने पिछले साल इस कथित साजिश का खुलासा किया था.
जसविंदर सिंह मुल्तानी मूल तौर पर पंजाब के होशियारपुर जिले के मंसूरपुर गांव का रहने वाला है. करीब 15 साल पहले वो जर्मनी चला गया था. उसके भाई बहन भी अपने परिवारों के साथ जर्मनी में रहते हैं. हालांकि, उसके पिता अभी भी मंसूरपुर गांव में ही हैं. उन्होंने जमीन बेचकर उसे जर्मनी भेजा था. शुरुआत में वो पिता से मिलने गांव आता भी था, लेकिन बाद में उसने यहां आना बंद कर दिया. इस बीच उसके पिता की मानसिक हालत भी खराब हो गई.
जसविंदर सिंह मुल्तानी SFJ के लिए काफी लंबे समय से काम कर रहा है. वो सिख युवाओं को कट्टरपंथ की तरफ धकेलता है. इसके लिए ऑनलाइन माध्यमों का इस्तेमाल करता है. सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक, मुल्तानी के ISI से अच्छे खासे संबंध हैं. पाकिस्तान से पंजाब में हथियार भेजने के लिए वो ISI के नेटवर्क का भी इस्तेमाल करता है. यही नहीं, गैंग्स्टर नेटवर्क, स्मगलिंग और नॉर्को टेरर में भी वो शामिल है.

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