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'भारत के साथ सीमा विवाद जटिल, लेकिन...', राजनाथ सिंह के चार सुझावों पर बोला चीन

China के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता Mao Ning ने भारत के साथ लगातार बातचीत के लिए प्रतिबद्धता जताई. उन्होंने कहा कि चीन बॉर्डर वाले इलाकों में शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने, क्रॉस बॉर्डर एक्सचेंज और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए तैयार है.

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चीन ने भारत के साथ बातचीत से मसले हल करने की बात की है. (इंडिया टुडे)
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आनंद कुमार
1 जुलाई 2025 (Updated: 1 जुलाई 2025, 08:47 AM IST) कॉमेंट्स
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चीन (China india border dispute) ने कहा है कि भारत के साथ लंबे समय से चल रहा सीमा विवाद जटिल है और इसे सुलझाने में समय लगेगा. लेकिन साथ ही ड्रैगन ने दोनों देशों के बीच बॉर्डर तय करने और बॉर्डर वाले इलाकों में शांति बनाए रखने पर चर्चा करने की इच्छा जाहिर की है.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग का ये बयान 26 जून को किंगदाओं में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक के बाद आया है, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने चीनी समकक्ष डोंग जून के साथ द्विपक्षीय बैठक की थी.

इस द्विपक्षीय वार्ता के दौरान राजनाथ सिंह ने बॉर्डर पर तनाव कम करने और कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करने के लिए एक चार सूत्रीय योजना पेश की थी. जिसमें नियमित और पारदर्शी संवाद पर जोर देने के लिए कम्यूनिकेशन चैनलों को मजबूत करना शामिल है.

बीजिंग में मीडिया ने चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के बयान पर प्रतिक्रिया मांगी तो उन्होंने कहा, 

 दोनों देशों ने पहले ही विशेष प्रतिनिधि (SR) तंत्र स्थापित कर लिया है. और सीमा समझौते के लिए राजनीतिक पैरामीटर और गाइडिंग प्रिंसिपल्स पर सहमति जताई है.

मीडिया ने माओ निंग से पूछा कि दोनों देशों के बीच विशेष प्रतिनिधि (SR) की 23 बैठक हो चुकी है, फिर सीमा विवाद सुलझाने में इतना समय क्यों लग रहा है? इसके जवाब में निंग ने कहा,

 बॉर्डर का सवाल जटिल है और इसे सुलझाने में समय लगता है. लेकिन सकारात्मक बात ये है कि दोनों देशों ने पहले से ही बॉर्डर पर शांति स्थापित करने के लिए विभिन्न स्तरों पर कम्युनिकेशन के लिए तंत्र स्थापित किया हुआ है.

माओ निंग ने भारत के साथ लगातार बातचीत के लिए प्रतिबद्धता जताई. उन्होंने कहा कि चीन बॉर्डर वाले इलाकों में शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने, क्रॉस बॉर्डर एक्सचेंज और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए तैयार है.

पिछले साल सितंबर में चीनी विदेश मंत्री वांग यी और भारत के NSA अजीत डोवाल के बीच विशेष प्रतिनिधि (SR) की 23वीं बैठक हुई थी. इस बैठक में दोनों देशों के बीच डिसएंगेजमेंट समझौते पर बात बनी थी. इसके तहत संबंधित क्षेत्रों में पेट्रोलिंग और जानवरों को चराए जाने जैसे गतिविधियों को दोबारा शुरू करने पर सहमति बनी थी.

ये भी पढ़ें - सीमा पर शांति रहे और संबंध बेहतर हों, इसके लिए भारत ने चीन को सुझाया 4 सूत्रीय फार्मूला

भारत और चीन एशिया महाद्वीप के दो सबसे बड़े देश हैं. दोनों के बीच दशकों से सीमा विवाद चलता आ रहा है. यह पूरे एशिया की शांति और सुरक्षा पर असर डालता है. दोनों देश आपस में 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा शेयर करते हैं. 

वीडियो: SCO समिट में राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को खूब सुनाया, पाकिस्तान के मंत्री ताकते रह गए

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