महाराष्ट्र के अमरावती में बंद के दौरान हिंसा, दुकानों में तोड़फोड़
सत्ता पक्ष और विपक्ष ने एक दूसरे पर लगाए आरोप.
त्रिपुरा में पिछले महीने हुई हिंसा के विरोध में शुक्रवार 12 नवंबर को महाराष्ट्र के कई शहरों में रैलियां निकाली गईं. कुछ जगहों पर शांतिपूर्ण तरीके से सब हुआ, पर मालेगांव, नांदेड़ और अमरावती में हिंसा हुई. तोड़फोड़ हुई, जमकर बवाल काटा. शुक्रवार की घटना के विरोध में शनिवार, 13 नवंबर को भाजपा और हिंदू संगठनों ने बंद का आह्वान किया था. पर भीड़ ने बंद के दौरान भी कई स्थानों पर पथराव किया और दुकानों में तोड़-फोड़ की. पुलिस को लाठी चार्ज करनी पड़ी. प्रशासन ने अगले आदेश तक अमरावती में कर्फ्यू लगा दिया. 4 दिनों के लिए धारा 144 लगा दी और अफवाह को रोकने के लिए इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमरावती में ये दूसरा दिन है जब इस तरह से सड़क पर हिंसा हुई. इसी वजह से क्षेत्र में कर्फ्यू लगाया गया. BBC की रिपोर्ट के मुताबिक, शनिवार सुबह भाजपा कार्यकर्ता शहर के राजकमल चौक पर इकट्ठा हुए और उन्होंने मार्च किया. बंद को देखते हुए अमरावती शहर में भारी पुलिस बल तैनात है. एक अधिकारी के मुताबिक, अमरावती के राजकमल चौक पर सैकड़ों लोग हाथ में भगवा झंडे पकड़े हुए नारे लगाते नज़र आए. इनमें से कुछ लोगों ने दुकानों पर पथराव किया. उन्हें नुकसान पहुंचाया जिसकी वजह से पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. वहीं, शुक्रवार को हुई हिंसा के मामले में 20 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.
अमरावती DCP विक्रम सली का कहना है कि पांच शिकायतों के आधार पर केस दर्ज किया जा चुका है. फिलहाल माहौल शांतिपूर्ण है. इस मार्च के लिए पुलिस से कोई अनुमति नहीं ली गई थी. शिकायत के आधार पर इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
नेताओं ने क्या कहा?प्रदेश के गृहमंत्री ने सभी से शांति की अपील की है. गृहमंत्री दिलीप वालसे पाटिल ने अमरावती, नांदेड़ और मालेगांव में हुई हिंसा की निंदा करते हुए कहा,
हम किसी भी तरह की हिंसा की निंदा करते हैं. मैंने देवेंद्र फड़णवीस और अमरावती की सांसद से बात कर शांति और सामाजिक सौहार्द्र स्थापित करने में मदद की अपील की थी. हम स्थिति को नियंत्रण में बनाए रखने की पूरी कोशिश कर रहे हैं.
Situation under control.I'm personally monitoring it through senior Police officials.If someone is found guilty, they won't be spared.We need to maintain social harmony, I appeal to all.I also appeal to Police to control the situation with restraint&maintain peace: Maharashtra HM
— ANI (@ANI) November 12, 2021
वहीं अमरावती से सांसद नवनीत राणा ने वीडियो के जरिए लोगों से कहा-
अमरावती में जो कुछ हुआ, उसकी निंदा करते हैं. मैं नागरिकों और नेताओं से अपील करती हूं कि शांति और सौहार्द्र बनाए रखें. इसके साथ ही मैं विपक्षी पार्टी के मंत्री से इसे राजनीतिक रंग नहीं देने की अपील करती हूं.
We condemn what happened in Amravati y'day. I appeal to citizens & political leaders that it's our responsibility to maintain harmony&peace here. I want to tell the Guardian minister to not give political colour to this but talk about safety of people: Navneet R Rana, Amravati MP pic.twitter.com/FeF8By3vVd
— ANI (@ANI) November 13, 2021
विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने राज्य सरकार से कानून व्यवस्था बनाए रखने का आग्रह किया और तीन शहरों में शुक्रवार को हुई हिंसा की निंदा की. उन्होंने कहा,
त्रिपुरा में जो घटना घटी ही नहीं, उसके ऊपर जिस प्रकार से दंगे महाराष्ट्र में हो रहे हैं, ये बिल्कुल गलत है. त्रिपुरा के मस्जिद को जलाने की जो अफवाह फैलाई गई, उस मस्जिद की फोटो भी पुलिस ने जारी की है और सोशल मीडिया के जाली फोटो का पर्दाफाश किया गया है. लेकिन बावजूद इसके मोर्चे निकाले गए. इसमें हिन्दू दुकानों को जलाने का प्रयास किया गया, हम इसकी निंदा करते हैं. साथ ही अमरावती में जो घटना हुई वो अस्वस्थ करने वाला माहौल है. मैं अमरावती के लोगों से निवेदन करता हूं कि हिंसा न करें. झूठी चीजों पर भड़कना और भड़काना ये भी गलत होगा. सरकार की पार्टी के लोग स्टेज पर जाकर जिस प्रकार से भड़काने वाला भाषण देते हैं उसके बाद मोर्चे निकलते हैं, उन पर भी कार्रवाई लेनी चाहिए.
Reactions in Maharashtra on incidents that never occurred in Tripura, are very unfortunate. It seems like a well-planned conspiracy❗ Hindu shops set on fire in Amravati. More serious part is MVA ministers giving provocative statements. I sincerely appeal all,to maintain peace ❗ pic.twitter.com/s4nkSaKkmM
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) November 13, 2021
वहीं शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि राज्य सरकार मजबूत स्थिति में है और इस हिंसा के लिए ज़िम्मेदार चेहरों को जल्द सामने लाया जाएगा. उन्होंने कहा,
महाराष्ट्र में जो हिंसा हो रही है उसका उद्देश्य महाविकास अगाड़ी सरकार को अस्थिर करना है. हिंसक घटनाओं की बात करते हुए वे (विपक्ष) राज्यपाल से मिलेंगे और केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर दावा करेंगे कि महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था बिगड़ रही है. भविष्य में ये सब भी होगा. लेकिन राज्य सरकार बिल्कुल स्थिर है.
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र गृह मंत्रालय की जांच इस हिंसा के लिए ज़िम्मेदार लोगों को सामने लाया जाएगा.