‘धर्म संसद’ मामले में वसीम रिजवी के साथ यति नरसिंहानंद गिरफ्तार हुए या नहीं?
हरिद्वार के एसपी सिटी ने क्या बताया?
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धर्म संसद मामले में वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी को गिरफ्तार कर लिया गया है. उत्तराखंड के हरिद्वार (Haridwar) में पिछले दिनों ‘धर्म संसद’ नाम से कार्यक्रम हुआ था. उस दौरान वहां हिंदू संगठनों के प्रतिनिधियों ने खूब भड़काऊ भाषण दिए थे. उन्होंने मुस्लिमों के नरसंहार तक की बात कही थी. अब इस मामले में हरिद्वार पुलिस ने कार्रवाई करते हुए वसीम रिजवी को अरेस्ट किया है. उन्होंने भी इस धर्म संसद में हिस्सा लिया था.
वसीम रिजवी शिया वक्फ बोर्ड यूपी के पूर्व चेयरमैन हैं. बीते महीने उन्होंने अपने मुसलमान से हिंदू बनने की घोषणा की थी. बताया था कि अब उनका नाम वसीम रिजवी नहीं, जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी है. उन पर इस्लाम को मानने वाले करोड़ों लोगों की धार्मिक भावनाओं को जानबूझकर आहत करने का आरोप लगा है. आजतक की खबर के मुताबिक हरिद्वार पुलिस ने उत्तराखंड-उत्तर प्रदेश के नारसन सीमा से रिजवी को हिरासत में लिया था. फिर शहर कोतवाली लाकर उनसे घंटों पूछताछ की गई. बाद में खबर आई कि उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है.
क्या यति नरसिंहानंद गिरी भी हुआ गिरफ्तार?
कुछ मीडिया रिपोर्टों में वसीम रिजवी के साथ यति नरसिंहानंद के भी हिरासत में लिए जाने की बात कही गई है. हालांकि इस बारे में पुलिस कुछ साफ-साफ नहीं बता रही. हमने इस खबर का सच जानने के लिए हरिद्वार के एसपी स्वतंत्र कुमार से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उस तरफ से फोन नहीं पिक किया गया. यति को लेकर कोई जानकारी सामने नहीं आई है.
इस बीच सोशल मीडिया पर यति नरसिंहानंद गिरी का एक वीडियो भी चल रहा है जिसमें वो वसीम रिजवी की गिरफ़्तारी के समय पुलिस से बात करते नज़र आ रहे हैं.
वीडियो में यति नरसिंहानंद और पुलिसवालों के बीच गिरफ्तारी को लेकर बातचीत सुनी जा सकती है. लेकिन पुलिसवाले जिस लहजे में यति से बात कर रहे हैं, उससे साफ लग रहा है कि वो उनके आगे लाचार हैं और साथ चलने की गुहार लगा रहे हैं. क्या है पूरा मामला? हरिद्वार में बीती 17 से 19 दिसंबर के बीच धर्म संसद का आयोजन किया गया था. ये आयोजन जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी की अध्यक्षता में हुआ. बड़ी संख्या में साधु-संतों ने धर्म संसद में हिस्सा लिया था. इस धर्म संसद में कई विवादित विषयों पर चर्चा की गई. महामंडलेश्वर धर्मदास और महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती समेत कई लोगों ने मुसलमानों को लेकर आपत्तिजनक भाषण दिए. नरसंहार के नारे लगाए. इन विवादित भाषणों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए तो हंगामा मच गया. इनमें धर्म की रक्षा के लिए शस्त्र उठाने, एक विशेष समुदाय के व्यक्ति को प्रधानमंत्री ना बनने देने और एक विशेष समुदाय की आबादी न बढ़ने देने का जिक्र था. इस पूरे मामले के सामने आने के हरिद्वार सीओ सिटी शेखर सुयाल ने कहा था कि धर्म संसद में कुछ लोगों के विवादित बयानों के बाद FIR दर्ज की गई है. इन लोगों के खिलाफ IPC की धारा 153 A (धर्म, भाषा, नस्ल आदि के आधार पर लोगों में नफरत फैलाने की कोशिश) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.Conversation between "Swami Ji" Yati Narsinghanand and police officers during Jitendra Tyagi/Wasim Rizvi's arrest- pic.twitter.com/IzXj1vfAH5
— Fatima Khan (@khanthefatima) January 13, 2022