दिल्ली (Delhi) के मुंडका इलाके (Mundka Fire) में एक बिल्डिंग में लगी भीषण आग में अबतक 27 लोगों के मारे जाने की खबर आई है. 12 लोग घायल हुए हैं जिनका इलाज जारी है. 14 मई की सुबह सीएम केजरीवाल ने भी घटनास्थल का दौरा किया और पूरे मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं. इन सबके बीच फायर डिपार्ट्मेंट के डायरेक्टर ने आजतक से बातचीत में कई खामियों का खुलासा किया. उनके मुताबिक अगर इन चीजों को इग्नोर नहीं किया जाता तो इतना बड़ा हादसा नहीं होता.
दिल्ली के फायर डिपार्ट्मेंट के डायरेक्टर अतुल गर्ग ने घटना के पीछे कुछ बड़े कारणों का खुलासा किया. उनका कहना है कि आवासीय इलाके में कमर्शियल बिल्डिंग बनाने के लिए इजाजत नहीं ली गई थी. और ना ही किसी तरह का NOC यानी नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट लिया गया था. आमतौर पर इतनी बड़ी इमारत में आने-जाने के लिए कई दरवाजे होते हैं. अतुल गर्ग का कहना है कि उन्हें इस बात पर आश्चर्य लेकिन इस इमारत में सिर्फ एक ही दरवाजा है. ना ही आग लगने जैसे किसी आपातकालीन स्थिति में इमरजेंसी एक्जिट (Emergency Exit) का रास्ता ही बनाया गया था.
अतुल गर्ग ने आगे बताया कि घटना के वक्त करीब 50-60 लोग एक ही कमरे में मौजूद थे, जिसका दरवाजा बाहर से बंद था. फैक्ट्री के अंदर काफी ज्यादा मात्रा में प्लास्टिक का इस्तेमाल किया गया था. साथ भी अंदर आग से बचाव के लिए कोई साधन भी मौजूद नहीं था. हादसे का एक कारण यह भी है कि बिल्डिंग में इतना ज्यादा सामान रख दिया गया कि वह ओवरलोड हो गई थी. ये आग एक इलेक्ट्रिक ब्लास्ट से भड़की थी. अगर बिल्डिंग का मालिक इन बातों का ध्यान रखता तो, इतना भयानक हादसा नहीं होता.
फैक्ट्री मालिक के पिता की भी मौत
आजतक को मिली जानकारी के मुताबिक जिस समय ये आग भड़की, फैक्ट्री के अंदर एक कार्यक्रम चल रहा था, जहां कर्मचारियों को इकट्ठा कर उन्हें अच्छा काम करने के प्रोत्साहित किया जा रहा था. इस कार्यक्रम में फैक्ट्री मालिक के पिता अमरनाथ गोयल भी मौजूद थे. इस अग्निकांड में उनकी भी मौत हो गई है. वहीं दिल्ली पुलिस ने दोनों फैक्ट्री मालिकों हरीश गोयल और सतीश गोयल को गिरफ्तार कर लिया है. जबकि बिल्डिंग का मालिक मनीष लकड़ा फरार है, पुलिस उसकी तलाश कर रही है.
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