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भारत की सेना के अधिकारियों को लेकर झूठ फैला रहा था ISI, पूरी पोल खुल गई

Pahalgam Terror Attack: भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाए तो Pakistan ने Indian Army के सीनियर अफसरों के बारे में Fake News फैलानी शुरू कर दी. India की तरफ से इसका मुंहतोड़ जवाब दिया गया है.

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रिटायरमेंट के दिन लेफ्टिनेंट जनरल सुचिंद्र कुमार (बीचे में) ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी. (X @NorthernComd_IA)
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मंजीत नेगी

Pakistan Propaganda Against India: भारत सरकार पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Attack) का कड़ा जवाब देने की तैयारी कर रही है. इस बीच पाकिस्तान ने भारतीय सेना (Indian Army) के खिलाफ झूठी और मनगढ़ंत खबरें फैलानी शुरू कर दी हैं. 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोग मारे गए थे. इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए. अब पाकिस्तान ने अपनी मीडिया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए भारतीय सेना के सीनियर अफसरों के बारे में फेक न्यूज फैलानी शुरू कर दी.

इंडिया टुडे से जुड़े पत्रकार मनजीत नेगी के अनुसार, पाकिस्तान के मीडिया और सोशल मीडिया हैंडल्स ने भारतीय सेना के सीनियर अफसरों के खिलाफ पूरी तरह से झूठी और गलत जानकारी फैलाई. इन फेक न्यूज का जब फैक्ट चेक किया गया, तो साबित हुआ कि ये सभी अफवाह और प्रोपगैंडा से ज्यादा कुछ नहीं थीं.

1. लेफ्टिनेंट जनरल डीएस राणा

लेफ्टिनेंट जनरल डीएस राणा 'डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी' (DIA) के डायरेक्टर जनरल हैं. पाकिस्तान के चैनल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स ने ये दावा किया कि उन्हें ‘सस्पेंड’ कर दिया गया और उन्हें अंडमान-निकोबार में कालापानी की सजा दे दी है.

लेकिन हकीकत ये है कि जनरल राणा को प्रमोट करके ‘कमांडर-इन-चीफ’ बना दिया गया है. 1 जून से वे अंडमान-निकोबार कमांड की जिम्मेदारी संभालेंगे. यानी वे अपने पद पर और ज्यादा जिम्मेदारी के साथ काम करेंगे.

2. लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिंद्र कुमार

इसी तरह पाकिस्तान ने प्रोपगैंडा फैलाया कि लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिंद्र कुमार को नार्दन कमांड से हटा दिया गया. पाकिस्तानी मीडिया की तरफ से दावा किया गया कि उन्हें पाकिस्तान का विरोध ना करने की वजह से पद से हटाया गया.

लेकिन सच्चाई ये है कि जनरल कुमार 30 अप्रैल को अपने चार दशक लंबे करियर के बाद सम्मान के साथ रिटायर हो गए. ये कोई ‘पद से हटाए जाने’ का मामला नहीं था, बल्कि ये तो एक सामान्य रिटायरमेंट है.

3. एयर मार्शल एसपी धारकर

पाकिस्तान के सोशल मीडिया पर ये भी दावा किया गया कि एयर मार्शल एसपी धारकर को इसलिए 'निकाल' दिया गया क्योंकि उन्होंने पाकिस्तान से युद्ध लड़ने से इनकार कर दिया था. लेकिन इस दावे की भी कोई सच्चाई नहीं है.

एयर मार्शल धारकर ने अपनी सेवा पूरी की और 30 अप्रैल को सम्मान के साथ रिटायर हो गए. इसके बाद एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी ने उनकी जगह जिम्मेदारी संभाली.

प्रोपगैंडा और स्ट्रेटेजी

पाकिस्तान के इन प्रोपगैंडा का एक खास तरीका है- समय और टारगेट. जैसे ही भारत सरकार ने पहलगाम हमले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और आतंकियों से बदला लेने का फैसला किया, पाकिस्तान ने इन झूठी खबरों को फैलाना शुरू कर दिया. इसके जरिए पाकिस्तान ने भारतीय सेना के अफसरों को निशाना बनाते हुए लोगों की बीच देश की आर्मी के बारे में शक पैदा करने की कोशिश की.

यह भी पढ़ें- पाकिस्तानी मीडिया का झूठ, 'भारत ने कमांडर सुचिंद्र कुमार को निकाला', पूर्व जनरल बोले- 'अपने जनरल जैसा समझा है क्या'

आरोप है कि ये झूठी खबरें पाकिस्तानी खूफिया एजेंसी 'इंटर-सर्विसेंज इंटेलिजेंस' (ISI) से जुड़े सोशल मीडिया हैंडल के एक क्लस्टर ने फैलाईं. इसने पहले भी बालाकोट, सर्जिकल स्ट्राइक और राफेल की क्षमताओं के बारे में कथित तौर पर गलत जानकारी फैलाई है.

भारत ने तुरंत इन प्रोपगैंडा की पोल खोल दी. इन्फॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री ने 'इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी' रूल्स , 2021 (IT Rules 2021) के तहत पाकिस्तान से जुड़े कई सोशल मीडिया अकाउंट्स और चैनल्स को ब्लॉक कर दिया. भारतीय सेना, मिनिस्ट्री और भारतीय मीडिया ने इस बारे में सही और साफ जानकारी जारी की हैं, ताकि किसी भी तरह की गलतफहमी ना हो.

वीडियो: पहलगाम आतंकी हमले को अंजाम देने वाली पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI की पूरी कहानी क्या है?