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इजरायल में घुसने की कोशिश कर रहे थे भारतीय नागरिक, जॉर्डन के सुरक्षाकर्मियों ने गोलीबारी की, एक की मौत

Indian National killed in Jordan: मृतक की पहचान थॉमस गेब्रियल परेरा और घायल की पहचान एडिसन के रूप में हुई है. दोनों केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम के पास थुंबा के रहने वाले थे. ये दोनों, दो अन्य लोगों के साथ टूरिस्ट वीज़ा पर 5 फ़रवरी को जॉर्डन पहुंचे थे. पूरा मामला क्या है?

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मृतक की पहचान केरल के थॉमस गेब्रियल परेरा के रूप में हुई है. (फ़ाइल फ़ोटो - इंडिया टुडे)

जॉर्डन में एक भारतीय व्यक्ति की मौत हो गई है. ये व्यक्ति एक अन्य भारतीय के साथ, जॉर्डन के बॉर्डर से इज़रायल में अवैध तरीक़े से घुसने की कोशिश कर रहा था. उसी वक़्त जॉर्डन के सुरक्षाकर्मियों ने उन पर गोलियां चला दीं. जिसमें इस व्यक्ति की मौक़े पर ही मौत हो गई (Indian national killed in Jordan border). वहीं, दूसरे व्यक्ति के पैर में गोली लगी है.

मृतक की पहचान थॉमस गेब्रियल परेरा और घायल की पहचान एडिसन के रूप में हुई है. दोनों केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम के पास थुंबा के रहने वाले थे. थॉमस और एडिसन, दोनों ही मछुआरा समुदाय से थे और ऑटोरिक्शा चालक थे. ये दोनों, दो अन्य लोगों के साथ टूरिस्ट वीज़ा पर 5 फ़रवरी को जॉर्डन पहुंचे थे. जॉर्डन में काम करने वाले एक केरलवासी ने उनकी मदद की थी.

घटना 10 फ़रवरी को हुई. यानी जॉर्डन जाने के पांच दिन बाद. कतर की राजधानी अम्मान स्थित भारतीय दूतावास ने इसे लेकर थॉमस के परिवार को एक लेटर भेजा है. ये लेटर पहले ही भेज दिया गया था. लेकिन एडिसन दो-तीन दिन पहले केरल में अपने घर पहुंचा. तभी परेरा के घरवालों को इसकी ख़बर मिली. इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के मुताबिक़, परिवार के लोगों ने लेटर के हवाले से बताया,

थॉमस एक अन्य व्यक्ति के साथ अवैध रूप से जॉर्डन के करक प्रांत से सीमा पार करने की कोशिश कर रहा था. सुरक्षा बलों ने उन्हें रोकने की कोशिश की. लेकिन उन्होंने चेतावनी नहीं सुनी. ऐसे में सुरक्षाकर्मियों ने उन पर गोलियां चला दीं. एक गोली थॉमस के सिर में लगी और उसकी मौक़े पर ही मौत हो गई. बाद में, उसके शव को स्थानीय अस्पताल भेज दिया गया.

लेटर में आगे कहा गया है कि भारतीय अधिकारी थॉमस की पहचान वेरिफाई करने के लिए अस्पताल जाएंगे. इसके बाद शव को भारत ले जाने की व्यवस्था की जाएगी. लेटर में परिवार से मृतक की आइडेंटिटी कार्ड के डिटेल्स भी मांगे गए हैं. थॉमस के एक रिश्तेदार ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा,

हमें बताया गया कि इज़रायल जाने की कोशिश करते समय उन्हें सुरक्षा बलों ने गोली मार दी थी. कुछ दिनों तक हमें जॉर्डन गए लोगों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली. इसके बाद हमने भारतीय दूतावास से संपर्क किया और उनके बारे में जानकारी मांगी. 

रिश्तेदार ने आगे बताया,

इधर 28 फरवरी को एडिसन गोली लगने से घायल अवस्था में घर पहुंचे. तभी हमें थॉमस की मौत के बारे में पता चला. इस बीच, दूतावास ने थॉमस की मौत की सूचना देने वाला एक ईमेल हमें भेजा. ये दरअसल 28 फ़रवरी को भेजा गया था. लेकिन दुर्भाग्य से हमने 1 मार्च को ही इसे खोला.

सूत्रों ने बताया कि एडिसन को जॉर्डन की सेना ने कैंप में शिफ़्ट कर दिया था. उसे गोली लगने से हुए जख्मों का इलाज कराया गया था. उसे समुद्र के किनारे गोली लगी थी. लेकिन जब उसे होश आया, तो उसे पता चला कि वो सुरक्षा बलों के कैंप में है. कुछ दिनों बाद उसे जॉर्डन की जेल में डाल दिया गया. बाद में उसे वापस भारत भेज दिया गया. जानकारी के मुताबिक़, इन 4 लोगों के ग्रुप में से दो अन्य जॉर्डन की जेल में हैं.

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बताया गया कि करक प्रांत से ये लोग इज़रायल जाने की कोशिश कर रहे थे. इस प्रांत की सीमा, पश्चिम में डेड सी से और उत्तर में माआन प्रांत और राजधानी अम्मान से लगती है. बताया जाता है कि जॉर्डन 12 प्रांतों में विभाजित है. गूगल मैप से पता चलता है कि करक के पास जॉर्डन सीमा और इज़रायल सीमा के बीच निकटतम बिंदु डेड सी के पास है.

जॉर्डन स्थित भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर एक पोस्ट कर घटना की जानकारी दी है. इस पोस्ट में बताया गया कि वो पीड़ित परिवार के संपर्क में है. पार्थिव शरीर को वापस घर भेजने के लिए जॉर्डन के अधिकारियों के साथ काम कर रहा है.

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जॉर्डन में मौजूद भारतीय दूतावास का X पोस्ट.

वहीं, विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि जॉर्डन में भारतीय दूतावास, स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में है. मामले पर नज़र बनाए हुए है. हर संभव कांसुलर सहायता दी जाएगी.

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