अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में भारत के कार्यकारी निदेशक डॉ. कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन (Dr. Krishnamurthy Subramanian) को भारत सरकार ने वापस बुला लिया है. ये फैसला ऐसे वक्त में लिया गया, जब 9 मई को होने वाली IMF बोर्ड की महत्वपूर्ण बैठक में पाकिस्तान को दी गई वित्तीय सहायता की समीक्षा की जाएगी. कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन के तीन साल के कार्यकाल को खत्म होने में छ: महीने ही बाकी थे.
भारत ने सुब्रमण्यन को IMF से वापस बुलाया, पाकिस्तानी फंड वाली मीटिंग से पहले ये क्यों हुआ?
IMF के कार्यकारी निदेशक पद से Dr. Krishnamurthy Subramanian का इस्तीफा ऐसे समय में हुआ है, जब 9 मई को IMF बोर्ड की एक महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है. इस बैठक में Pakistan को दी जाने वाली वित्तीय सुविधाओं की समीक्षा की जाएगी.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 30 अप्रैल के आदेश में कहा गया है कि मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (ACC) ने IMF के कार्यकारी निदेशक डॉ. कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन की सेवाओं को तत्काल प्रभाव से समाप्त करने की मंजूरी दे दी है. सूत्रों ने बताया कि सरकार IMF बोर्ड में उनकी जगह पर किसी दूसरे व्यक्ति को नामित करने की तलाश में है. हालांकि, अभी उनके इस्तीफे के कारणों की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. डॉ. सुब्रमण्यन पहले भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार थे. उन्हें अगस्त 2022 में इस पद के लिए नामित किया गया था और उन्होंने 1 नवंबर 2022 को कार्यभार संभाला था. उनका तीन साल का कार्यकाल नवंबर 2025 तक तय था, लेकिन उन्होंने अब 6 महीने पहले ही पद से इस्तीफा दे दिया है.
विदाई की वजह क्या है?रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में आई उनकी नई किताब ‘India @100’ के प्रचार को लेकर कथित अनियमितता का आरोप लगाया गया. सूत्रों ने बताया कि उन्होंने अपनी किताब के प्रचार के लिए अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया. IMF की वेबसाइट के मुताबिक, सुब्रमण्यन का नाम 2 मई तक IMF के कार्यकारी निदेशक के रूप में दिखाई दिया था. लेकिन 3 मई से, IMF ने भारत, बांग्लादेश, भूटान और श्रीलंका का प्रतिनिधित्व करने वाले इस पद को खाली बताया है.
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पाक फंडिंग का विरोधIMF के कार्यकारी निदेशक पद से सुब्रमण्यन का इस्तीफा ऐसे समय में हुआ है, जब 9 मई को IMF बोर्ड की एक महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है. इस बैठक में पाकिस्तान को दी जाने वाली वित्तीय सुविधाओं की समीक्षा की जाएगी. संभावना जताई जा रही है कि इस बैठक में भारत अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान को आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए धन दिए जाने का विरोध करने जा रहा है. क्योंकि 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी. जिसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ गया है.
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