पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए इटली जाना था लेकिन केंद्र सरकार ने अनुमति नहीं दी. ममता अक्टूबर में वेटिकन में होने वाले विश्व शांति सम्मेलन में भाग लेने के लिए जाने वाली थीं. ‘पॉलिटिकल एंगल’ को ध्यान में रखते हुए ममता को इटली जाने की मंजूरी नहीं दी गई. कहा गया कि यह कार्यक्रम जिस लेवल का है, उसके लिए एक राज्य की मुख्यमंत्री की भागीदारी सही नहीं है. इस सम्मेलन में जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल, पोप फ्रांसिस और इटली के प्रधानमंत्री मारियो ड्रैगी शामिल होंगे. इससे पहले इटली सरकार ने ममता बनर्जी से निवेदन किया था कि वे किसी प्रतिनिधि के साथ न आएं. ममता बनर्जी ने तब उद्योग प्रतिनिधिमंडल की मंजूरी का प्रस्ताव दिया था. इसके लिए विदेश मंत्रालय से अनुरोध किया था, लेकिन मंजूरी नहीं दी गई.
ममता ने क्या कहा?
इजाजत नहीं मिलने पर ममता बनर्जी की ओर से प्रतिक्रिया आई है. इंडिया टुडे के मुताबिक पश्चिम बंगाल की CM ने कहा,
“2 महीने पहले मुझे शांति सम्मेलन में जाने के लिए कहा गया था. पोप और जर्मन चांसलर को आमंत्रित किया गया था. मुझे आमंत्रित किया गया था. इटली सरकार ने मुझे शांति सम्मेलन के लिए विशेष अनुमति दी है. आज, सेंट्रल ने मुझे एक पत्र भेजा. उनका कहना है कि CM का वहां जाना ठीक नहीं है. मैं जहां भी जाने की कोशिश करती हूं, वे बाधा उत्पन्न करते हैं. लेकिन वो लोग दुनिया भर में घूमते हैं.”
उन्होंने आगे कहा –
“बहुत से लोग अमेरिका या ब्रिटेन नहीं जा सकते, क्योंकि कोवैक्सिन को WHO द्वारा मान्यता नहीं मिली है. लेकिन हमारे PM विशेष अनुमति के साथ विदेश गए. क्या उन्होंने एक बार सोचा कि इतने सारे छात्रों को आने-जाने के अवसर से वंचित कर दिया गया है. मुझे पीएम के दौरे से कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन आपने मुझे देश का प्रतिनिधित्व करने की अनुमति क्यों नहीं दी. मुझे क्यों रोका? हर बार वे मुझे ऐसे ही रोकते हैं.”
ममता ने आगे कहा-
“मेरा विदेश जाने का कोई इरादा नहीं है. लेकिन अगर मैं इस कार्यक्रम में शामिल होती तो देश का सम्मान होता. इस कार्यक्रम में पोप एक ईसाई नेता के रूप में होते. मिस्र के इमाम एक मुस्लिम नेता के रूप में उपस्थित होते. एक हिंदू महिला के रूप में मैं देश का प्रतिनिधित्व करती. आपने मुझे अनुमति क्यों नहीं दी? यह शुद्ध ईर्ष्या के अलावा और कुछ नहीं है. BJP के कारण लोगों ने आज़ादी खोई है. अब हमें वो आज़ादी वापस पानी है. हम हिंदुस्तान में तालिबानीकरण की अनुमति नहीं देंगे.”
वहीं TMC प्रवक्ता देबांग्शु भट्टाचार्य देव ने ट्वीट किया –
“केंद्र सरकार ने दीदी की रोम यात्रा की इजाजत नहीं दी. पहले उन्होंने चीन यात्रा की अनुमति रद्द कर दी थी. हमने अंतरराष्ट्रीय संबंधों और भारत के हितों को ध्यान में रखते हुए उस फैसले को स्वीकार कर लिया. अब इटली की यात्रा को लेकर मोदी जी ऐसा क्यों हुआ? बंगाल के साथ आपकी समस्या क्या है?”
Central government denied permission for Didi’s Rome trip!
Previously they’ve cancelled the permission of China trip too. We accepted that decision with keeping international relations and India’s interests in mind.
Now why Italy Modi ji? What is your problem with Bengal? Chi!
— Debangshu Bhattacharya Dev (@ItsYourDev) September 25, 2021
BJP नेता ने भी उठाए सवाल
वहीं ममता को इजाजत नहीं मिलने पर TMC छोड़ BJP में आने वाले रिटायर्ड कर्नल दीप्तांघसू चौधरी ने ममता के समर्थन में ट्वीट किया.
एक ‘हिंदू प्रेमी’ भारत सरकार रोम में सभी धर्मों के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में एक उदारवादी हिंदू महिला को शामिल होने की अनुमति कैसे नहीं दे सकती है? क्या यह ईर्ष्या, बदला या नैतिकता की निचला स्तर है, जो लगातार लोकतंत्र की कसम खाते हैं और शपथ लेते हैं? क्या जीसस सही नहीं थे? हे प्रभु, अज्ञानियों को क्षमा करें.
How can a “Hindu loving” GoI not allow a moderate/liberal #Hindu lady to attend international conf of all religions in Rome?
Is it jealousy, revenge or morality at lowest of those who crow & swear by democracy from roof top?
Wasn’t Jesus right? O Lord please pardon the ignorant.— Diptangshu Chaudhury (@ColDiptangshu) September 25, 2021
वहीं BJP नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सवाल उठाए कि गृह मंत्रालय ने ममता को भाग लेने से क्यों और किस कानून के आधार पर रोका? बता दें कि कम्युनिटी ऑफ सेंट एगिडियो के प्रेसिडेंट प्रोफेसर मार्को इम्पाग्लियाजो ने 6 और 7 अक्टूबर को आयोजित होने वाले कार्यक्रम के लिए ममता को निमंत्रण भेजा था. लेकिन केंद्र ने ममता को इटली जाने की परमिशन देने से ही मना कर दिया.
UPSC के एक पेपर में पूछे गए सवालों पर ममता बनर्जी BJP पर क्यों भड़क गईं?