The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • axiom 4 crew including shubhan...

शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष से वापसी टली, नासा बोला- 14 जुलाई से पहले नहीं लौटेगा Axiom-4 क्रू

Axiom-4 मिशन 25 जून को फ्लोरिडा में केनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च हुआ था. ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट 28 घंटे की यात्रा पूरी करके इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर 26 जून को पहुंचा था. पहले क्रू के वापसी 10 जुलाई तक होने का अनुमान लगाया जा रहा था, लेकिन अब कहा जा रहा है कि क्रू 14 जुलाई से पहले नहीं लौट पाएगी.

Advertisement
shubhanshu shukla axiom 4 crew return nasa iss
शुभांशु शुक्ला और पूरे क्रू ने इस दो सप्ताह के अवधि में धरती के 230 चक्कर लगा लिए हैं और 100 लाख किलोमीटर का सफर तय कर लिया है.
pic
उपासना
11 जुलाई 2025 (Published: 12:08 PM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला(Astronaut Shubhanshu Shukla) समेत Axiom-4(एक्सियोम-4) क्रू का 14 जुलाई से पहले धरती पर लौटना मुमकिन नहीं है. नासा(NASA) ने ये जानकारी दी है. पहले तय हुआ था कि एक्सियोम क्रू 10 जुलाई के बाद कभी भी वापस लौट सकता है. लेकिन ताजा जानकारी के हिसाब से क्रू को वापस लौटने में 3-4 दिन की देरी हो सकती है. 

इस देरी के पीछे कई संभावित वजहें हैं. इसमें तकनीकी और मौसमी कारण थे, लेकिन नासा कमर्शियल क्रू प्रोग्राम के मैनेजर स्टीव स्टिच ने वापसी में देरी का एक और प्रमुख कारण बताया है. उन्होंने कहा कि हाई बीटा पीरियड की वजह से 14 जुलाई के बाद ही क्रू वापसी कर पाएगा.

उन्होंने बताया, हम स्टेशन प्रोग्राम पर नजर बनाए हुए हैं. एक्सिओम-4 के प्रोग्रेस को लगातार देख रहे हैं. हमें लगता है कि मिशन को अनडॉक करने का समय आ गया है. मगर हाई बीटा पीरियड के बाद अनडॉकिंग के लिए 14 जुलाई सही टारगेट लग रहा है. आपको बता दें कि अनडॉक का मतलब है स्पेसक्राफ्ट स्पेस स्टेशन को छोड़ देगा. इसके बाद स्पेसक्राफ्ट धरती पर वापस लौट आएगा.

अब ये जानते हैं हाई बीटा पीरियड क्या है जिसकी वजह से अंतरिक्ष यात्रियों के लौटने की तारीख 14 जुलाई तय की गई है. इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर मौजूद ऑर्बिटल प्लेन और सूरज के बीच जब 70 डिग्री से ज्यादा एंगल बन जाता है, इसे हाई बीटा पीरियड कहा जाता है. इस पीरियड में ISS लगभग हर समय सूरज की रोशनी में रहता है. हर एक चक्कर को पूरा करते हुए ज्यादा समय सूरज की रोशनी में ही गुजरता है. इससे ओवरहीटिंग की स्थिति बन जाती है. NASA को थर्मल मैनेजमेंट करना पड़ता है.

इसके अलावा Axiom-4 क्रू SpaceX के ड्रैगन कैप्सूल ‘ग्रेस’ में धरती पर लौटेगा, जो फ्लोरिडा तट के पास अटलांटिक महासागर या मैक्सिको की खाड़ी में सॉफ्ट स्प्लैश डाउन यानी पानी पर उतरेगा. इसके लिए अच्छा मौसम होना बहुत जरूरी है. अगर इस क्षेत्र में तेज हवाएं, बारिश या तूफान जैसी मौसमी परेशानियां हों, तो स्प्लैश डाउन सुरक्षित नहीं होगा. नासा ने बताया कि मौसम की स्थिति को देखते हुए वापसी को 14 जुलाई तक टाला जा सकता है.

Axiom-4 मिशन 25 जून को फ्लोरिडा में केनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च हुआ था. ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट 28 घंटे की यात्रा पूरी करके इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर 26 जून को पहुंचा था. इस मिशन में शुभांशु के साथ तीन और लोग- पेगी व्हिटसन, स्लावोस उज़नान्स्की-विस्निवस्की और तिबोर कपु भी गए हैं. पूरी टीम ने इस दो सप्ताह के अवधि में धरती के 230 चक्कर लगा लिए हैं और 100 लाख किलोमीटर का सफर तय कर लिया है.

अगर मौसम या तकनीकी कारणों से 14 जुलाई तक वापसी नहीं हो पाती, तो नासा और SpaceX दूसरे लॉन्च विंडो का इंतजार करेंगे. क्रू को ISS पर अतिरिक्त दिन बिताने पड़ सकते हैं. क्रू को पहले से ही इस तरह की स्थिति के लिए तैयार करके भेजा गया है. क्रू के पास पर्याप्त भोजन, ऑक्सीजन और अन्य संसाधन हैं. Axiom-1 मिशन में भी क्रू ने खराब मौसम के कारण 17 दिन बिताए थे.

वीडियो: इंडियन एयरफोर्स के ग्रुप कैप्टन Shubhanshu Shukla स्पेस में रवाना हुए, 28 घंटे में पहुंचेंगे

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement