हरदीप सिंह पुरी. केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री. 16 जुलाई को उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसमें उन्होंने अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट्स शुरू करने के बारे में जानकारी दी. इसी दौरान उन्होंने एक टर्म का इस्तेमाल किया. यह था- ‘एयर बबल.’
कहा कि फ्रांस, जर्मनी और अमेरिका के साथ एयर बबल बनाने पर बातचीत काफी आगे बढ़ चुकी है. एयर फ्रांस 18 जुलाई से 1 अगस्त तक दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु के लिए 28 फ्लाइट ऑपरेट करेगा. साथ ही अमेरिका के लिए यूनाइटेड एयरलाइंस 17 जुलाई से 31 जुलाई तक 18 फ्लाइट चलाएगा. जर्मनी के लिए इस तरह की फ्लाइट पर बातचीत लगभग पूरी हो चुकी है.
यह ट्वीट देखिए-
In case of the United States, we have an agreement with United Airlines to operate 18 flights between India-US between July 17 & July 31 but this is an interim one. We have a request from Germany also & an agreement with Lufthansa is almost done: Civil Aviation Min HS Puri (2/2)
— ANI (@ANI) July 16, 2020
पर यह एयर बबल है क्या चीज?
एयर बबल एक तरह से फ्लाइट्स शुरू करने के समझौते का नाम है. इसमें दो देश आपस में समझौता करते हैं. इसके तहत दो देशों के बीच तय समय के लिए फ्लाइट्स शुरू होती है. ये फ्लाइट्स कोरोना प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए शुरू की जाती है. और चुनिंदा जगहों के लिए ही होती हैं. ये फ्लाइट्स सीधे एक जगह से दूसरी जगह जाती हैं. इनमें वे ही लोग सफर कर सकते हैं जो सभी कोरोना से जुड़े सभी नियम-कानूनों पर खरे उतरते हैं.
और ये कोरोना प्रोटोकॉल क्या है?
कोरोना प्रोटोकॉल यानी कोरोना वायरस से लड़ने के नियम-कायदे. जैसे- क्वारंटीन किए जाने के नियम, टेस्टिंग के नियम, किस तरह के लक्षणों को कोरोना लक्षण माना जाएगा आदि. अगर किन्ही दो देशों में यह प्रोटोकॉल एक जैसा होता है तो वे एयर बबल के लिए सहमति देते हैं. क्योंकि अगर एक जगह कोरोना के नियम-कायदे कड़े हुए और दूसरी जगह कमजोर तो फिर कोरोना वायरस फैलने का खतरा रहेगा.
भारत ने किसके साथ बनाया है एयर बबल
भारत ने अभी अमेरिका, फ्रांस और जर्मनी के साथ अपना एयर बबल तैयार किया है. इनका और भारत को कोरोना प्रोटोकॉल एक जैसा ही है. इस बारे में भारत की बात ब्रिटेन से भी हो रही है.
क्या है समझौते में
समझौते के तहत अमेरिका से भारत के लिए यूनाइटेड एयरलाइंस की 18 फ्लाइट आएंगी. सभी फ्लाइट दिल्ली आएंगी. ये 17 जुलाई से 31 जुलाई के बीच ऑपरेट होंगी.
इसी तरह फ्रांस से बात बनी है. एयर फ्रांस की 28 फ्लाइट 18 जुलाई से 1 अगस्त तक चलेंगी. ये फ्लाइट्स दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु आएंगी.
जर्मनी से लुफ्थांसा की फ्लाइट आएंगी. इनके टाइम टेबल को लेकर अभी बात हो रही है.
इनके अलावा संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की एयरलाइंस एमिरेट्स 12 जुलाई से भारत से फ्लाइट शुरू हो चुकी हैं. यह फ्लाइट्स 26 जुलाई तक चलेंगी. यह सभी फ्लाइट फंसे हुए लोगों को लाने-ले जाने के लिए ही चलाई गई हैं. हालांकि यह एयर बबल का हिस्सा नहीं है.

अभी कैसे जाते थे विदेश?
अभी विदेश जाने के दो ही तरीके थे. एक, चार्टर विमान से जाना. लेकिन यह सबके बस में नहीं. क्योंकि इस पर काफी पैसा खर्च होता है. दूसरा, वंदे भारत मिशन की फ्लाइट से. वैसे तो यह मिशन विदेशों में फंसे भारतीयों को लाने के लिए चलाया गया था. शुरू-शुरू में ये प्लेन भारत से खाली ही जाते थे. ऐसे में सरकार ने बाद में वंदे भारत मिशन की फ्लाइट्स को विदेश जाने के इच्छुक लोगों के लिए खोल दिया. मुख्य तौर पर इनसे वही लोग जाते थे, जो विदेशी थे और भारत में फंस गए थे.
क्या वंदे भारत मिशन की फ्लाइट में यात्रा फ्री में होती है?
नहीं. वंदे भारत मिशन बाहर फंसे भारतीयों को निकालने के लिए चलाया गया है. लेकिन इसमें भी किराया लगता है. इन फ्लाइट्स में सामान्य दिनों की तुलना में किराया ज्यादा है. उदाहरण के तौर पर, अगर पहले अमेरिका जाने का किराया 60 हजार रुपये था. तो वह वंदे भारत मिशन की फ्लाइटस में 70-75 हजार रुपये है. हालांकि सरकार ने जुलाई में अमेरिका और कनाडा जाने वाली फ्लाइट्स के किराए में कमी की थी. लेकिन फिर भी वह सामान्य किराए से ज्यादा है.
क्या कोई भी एयर बबल में चलने वाली फ्लाइट्स से यात्रा कर सकता है?
नहीं. एय़र बबल का मतलब यह नहीं है कि सब ठीक हो गया है और अब इंटरनेशनल फ्लाइट्स शुरू हो गई हैं. एयर बबल में चलने वाली फ्लाइट्स में एक तरह से फंसे हुए लोगों को लाने-ले जाने का काम ही करेंगी. जैसे- अगर आपको अमेरिका जाना है तो पहले यह बताना होगा कि क्यों जाना चाहते हो? माने कामकाज अमेरिका में है और इंडिया में फंस गए हो. या अमेरिकी नागरिक हो और कोरोना के चलते इंडिया में ही रह गए थे. इसी तरह से इंडिया आने वाले को भी यह सब बताना होगा. क्योंकि अभी भी दूसरे देशों के नागरिकों की एंट्री पर भारत में बैन जारी है.
ऐसा कब तक चलेगा?
कोरोना के मामले सामने आने के बाद से इंटरनेशनल फ्लाइट्स बंद हैं. हाल-फिलहाल यह पूरी तरह से शुरू होता दिख भी नहीं रहा. ऐसे में एयर बबल के जरिए ही फ्लाइट्स शुरू की जा सकती है. ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड जैसे देशों ने यही तरीका अपनाया है.

भारत से विदेश जाने के अभी क्या नियम-कायदे हैं?
सरकार ने इस बारे में 1 जून को आदेश दिया था. इसके तहत,
# दूसरे देशों के नागरिक
# ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया यानी भारतीय मूल के विदेशी नागरिक
# ग्रीन कार्ड धारक यानी अमेरिका में रहने की नागरिकता पाए लोग.
लेकिन यहां ध्यान देने की बात है कि यात्रा का आखिरी फैसला गंतव्य देश यानी जहां आपको जाना है, वही करेगा.
विदेश से भारत कौन-कौन आ सकता है?
# विदेशों में फंसे भारतीयय
# वे विदेशी लोग जिनका भारत में बिजनेस हो.
# स्वास्थ्यकर्मी और इंजीनियरिंग फील्ड से जुड़े लोग.
# भारत में प्रोडक्शन के काम से जुड़े लोग.
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