कर्नाटक में दक्षिण कन्नड़ा जिले के बेल्थांगडी तालुक में पशु तस्करी के शक में भीड़ ने दो लोगों पर हमला कर दिया. बेल्थांगडी के मेलंथाबेट्टू में हुई इस घटना में पीड़ितों की पहचान अब्दुल रहमान और मुहम्मद मुस्तफा के रूप में हुई है. ये दोनों इसी तालुका के ही रहने वाले हैं. अब इन्हें मंगलौर के एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पुलिस ने इस मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के नाम साबू, राजेश भट, राकेश भट, गुरुप्रसाद, लोकेश और चिदानंद हैं. कुछ आरोपी बजरंग दल के भी सदस्य हैं.

इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक पुलिस ने बताया कि घटना उस समय हुई जब पीड़ित गुरुवार, एक अप्रैल की शाम चर्च रोड के एक गैराज में वाहन की मरम्मत के बाद पिकअप ट्रक से घर लौट रहे थे. जब वे लगभग 10.45 बजे के करीब मेलंथाबेट्टू ग्राम पंचायत कार्यालय पहुंचे, तो दो लोग बाइक पर आए और उन्हें रोक लिया. जल्द ही कुछ और लोग एक ओमनी कार में पहुंचे और दोनों पर अवैध रूप से मवेशियों को ले जाने का आरोप लगाया. फिर उन्होंने कथित तौर पर लाठी-डंडों से बेरहमी से मारा. पुलिस का कहना है कि भीड़ ने उनके वाहन को भी क्षतिग्रस्त कर दिया.
न्यू इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, जिले के SP बीएम लक्ष्मी प्रसाद का कहना है कि इस दौरान लगभग 25 लोग वहां मौजूद रहे होंगे. लेकिन ज्यादातर लोग हंगामे के कारण इकट्ठा हुए थे. हमारा मानना है कि हमला करने वाले 10 लोग ही होंगे. उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.
Thenewsminute से बातचीत में मुस्तफा ने कहा- हमें दो बाइक पर सवार लोगों ने रोका और पूछा कि क्या हम गायों को ले जा रहे हैं. इतनें में कार से कुछ और लोग आए लाठी और रॉड से मारने लगे. शिकायतकर्ता के अनुसार पिकअप वाहन की जांच किए बिना ही कथित गो रक्षकों ने हमला कर दिया.
आरोपियों में बजरंग दल के सदस्य भी
Thenewsminute की खबर के मुताबिक, पुलिस ने राजेश भट को गिरफ्तार किया है. वह 2020 के ग्राम पंचायत इलेक्शन में उम्मीदवार रह चुका है. पुलिस ने उसके भाई राकेश भट को गिरफ्तार किया है. पुलिस का कहना है कि राजेश से जुड़े लोगों ने ही वाहन रोका और दो लोगों के साथ मारपीट की. इस वाहन में कोई मवेशी नहीं मिला. पुलिस को तीन अन्य आरोपियों की तलाश है जो बजरंग दल के सदस्य हैं. हालांकि पुलिस का ये भी कहना है कि हमला करने वाले सारे लोग बजरंग दल के नहीं है. बेल्थांगडी पुलिस स्टेशन में IPC की कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है.
दिसंबर 2020 में कर्नाटक में गोहत्या पर रोक लगाने से संबंधित कानून बनाया था. कर्नाटक प्रिवेंशन ऑफ स्लॉटर एंड प्रिजरवेशन ऑफ कैटल बिल 2020. इसके बाद राज्य में गाय, बछड़ों, बैल और भैंस के वध पर रोक है. कानून के तहत उल्लंघनकर्ताओं पर 7 साल की अधिकतम सजा और 5 लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है. नए कानून के तहत पशुओं की तस्करी, अवैध परिवहन, गायों पर अत्याचार और पशुवध करने वालों के लिए सख्त सजा का प्रावधान है. गाय और बछड़ों के अलावा विधेयक में भैंस एवं उनके बच्चों के संरक्षण का भी प्रावधान है. आरोपी व्यक्ति के खिलाफ तेज कार्यवाही के लिए विशेष अदालत गठित करने का भी प्रावधान है.
गोबर का स्वाद कैसा होता है, इस बन्दे ने खाकर बता दिया!