कोरोना संक्रमितों और उनके परिवार वालों के साथ बुरे व्यवहार की आपने कई खबरें पढ़ी होंगी. लेकिन इस वाली में तो हद हो गई. जम्मू के डोडा जिले के रहने वाले कोरोना संक्रमण से मृत एक शख्स के अंतिम संस्कार को बीच में रोक देने की खबर सामने आई है. यहां भीड़ ने मंगलवार, 02 जून को कोरोना संक्रमित व्यक्ति के अंतिम संस्कार को बीच में ही रोक दिया. बाद में प्रशासन के बीच-बचाव के बाद अंतिम संस्कार किसी और जगह किया गया. 72 साल के यह शख्स जम्मू में कोरोना के चौथे संक्रमित व्यक्ति थे.
मृत शख्स के बेटे ने मीडिया को बताया,
“हमने मेडिकल की टीम और अन्य अधिकारियों के साथ अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया और इलाके में एक श्मशान घाट पर चिता जलाई. तभी कुछ स्थानीय लोग आए और उन्होंने अंतिम संस्कार को बीच में ही रोक दिया”.
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार स्थानीय उन पर पत्थर फेंक रहे थे. जिसके बाद परिवार वालों को खुद को बचाने के लिए एम्बुलेंस में आधे जले हुए शरीर के साथ भागना पड़ा. अंतिम संस्कार के दौरान उस शख्स की पत्नी और उसके दोनों बेटे ही मौजूद थे.
मृतक के बेटे ने बातचीत में आगे बताया कि उन्होंने अंतिम संस्कार के लिए शव को गृह जिले में ले जाने के लिए सरकार से अनुमति मांगी थी, लेकिन उन्हें बताया गया था कि यहां अंतिम संस्कार के दौरान किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी. बेटे ने कहा,
“हमारे हॉस्पिटल के एम्बुलेंस ड्राइवर और अन्य कर्मचारियों ने बहुत मदद की और हम डेड बॉडी के साथ वापस हॉस्पिटल ले जाने में कामयाब रहे. सरकार को कोरोनोवायरस संक्रमितों के अंतिम संस्कार के लिए थोड़ी बेहतर योजना के साथ सामने आना चाहिए था”.
परिवार ने यह भी आरोप लगाया कि घटनास्थल पर मौजूद सुरक्षा अधिकारियों ने मदद नहीं की.
हालांकि बाद में शव को शहर के भगवती नगर इलाके में एक श्मशान घाट ले जाया गया. जहां दोपहर में कड़ी सुरक्षा के बीच एडिशनल डिप्टी कमिश्नर सहित कई सिनियर अधिकारियों की मौजूदगी में अंतिम संस्कार कराया गया.
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