नितिन नंदगांवकर. शिवसेना के नेता हैं. उन्हें एक दुकान के बोर्ड पर लिखा कराची नाम पसंद नहीं आया. उन्होंने दुकानदार को नाम बदलने का अल्टिमेटम दे दिया. कहा, हमें कराची नाम से नफरत है. वहां से आतंकी आते हैं. इसका विडियो वायरल हो रहा है. इसके बाद दुकानदार ने साइनबोर्ड पर लिखे कराची शब्द को ढक दिया है.
नितिन नंदगांवकर अपने फेसबुक पेज के बायो में खुद को सोशल वर्कर और राजनीतिज्ञ लिखते हैं. इस वीडियो को उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर खुद शेयर किया है. इसमें वह मुंबई के बांद्रा वेस्ट इलाके में स्थित ‘कराची स्वीट्स’ का नाम बदलने के लिए कह रहे हैं.
क्या-क्या कहा दुकानदार से?
वीडियो में शिवसेना नेता नितिन दुकान के मालिक से कह रहे हैं,
आप हिन्दू धर्म के हो, मुस्लिम धर्म के हो, कोई भी धर्म के हो, हमें उससे कोई मतलब नहीं है. मुंबई में कराची नाम मत रखो. कराची मतलब आप पाकिस्तान के ही हो.
दुकानदार कहता है-
हां, हमारे परदादा कराची से थे.
फिर नितिन नंदगांवकर कहते हैं-
परदादा लोग वहां से थे, लेकिन जब बंटवारा हो गया, आप यहां पर आ गए, आपका स्वागत है. आप धंधा करो, लेकिन कराची नाम मत रखो. कराची नाम से हमें बहुत तकलीफ है. आपका जो रजिस्टर है, उसे बदलो. मैं आपको यकीन दिलाता हूं, आपका ये धंधा है. हम धंधा करेंगे. लेकिन हमें कराची नाम से नफरत है. हमारे देश में कराची पाकिस्तान से आतंकी हमला होता है. आप अपने परदादा के नाम पर दुकान का नाम रखिए. लेकिन वो कराची नहीं होना चाहिए. आप अपना नाम रखिए. ये आप कर सकते हैं, करना पड़ेगा. आपको टाइम देता हूं. जितना समय चाहिए, आप ले लो. मैं फिर 15 दिन के बाद आउंगा. आपको बीएमसी में जो भी मदद चाहिए, मुझसे ले लो.
इस वीडियो के बाद एक फोटो सामने आया है, जिसमें दुकान का साइनबोर्ड न्यूजपेपर से ढका हुआ है. वीडियो के वायरल होने के बाद इंडिया टुडे ने दुकान के मालिक से बात की. उनका कहना है,
मैं इस मुद्दे को लेकर किसी तरह की परेशानी में नहीं पड़ना चाहता. मैंने अपने वकीलों से सलाह ली है कि आने वाले दिनों में मैं शॉप का नाम बदल सकता हूं या नहीं.
जब इस मुद्दे पर आगे सवाल किया गया तो दुकान के मालिक ने बताया कि शिवसेना नेता नितिन नंदगांवकर यहां दुकान पर आए थे और नाम चेंज करने के लिए कहा था. उन्होंने मुझसे अच्छी तरह बात की. और बाकी जो हैं, लोग उस वीडियो में देख ही रहे हैं.
इंडिया टुडे टीवी ने दुकान का दौरा किया. देखा कि दुकान का मुख्य साइनबोर्ड अखबार से ढका हुआ था ताकि कराची शब्द को छुपाया जा सके.
कराची बेकरी और कराची स्वीट्स मुंबई में पिछले 60 सालों से हैं. उनका पाकिस्तान से कोई लेना-देना नहीं है. नाम बदलने की मांग करने का कोई सेंस नहीं बनता. नाम बदलने की मांग करना शिवसेना का आधिकारिक स्टैंड नहीं है.
पहले भी ऐसा हो चुका है
हालांकि ये पहला मौका नहीं है, जब इस तरह का मामला उठा है. 14 फरवरी 2019 को श्रीनगर के पास पुलवामा में आतंकी हमला हुआ था. 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे. उसके बाद 22 फरवरी को बेंगलुरु के इंदिरानगर में कराची बेकरी पर करीब 20 लोगों की भीड़ जुट गई और बेकरी का नाम बदलने के लिए मालिक पर दबाव बनाना शुरू कर दिया. नारेबाजी भी हुई. इसके बाद बेकरी मालिक ने अपने जान-माल की सुरक्षा के लिए कराची बेकरी के बोर्ड से कराची शब्द को ढक दिया. दुकान के बाहर तिरंगा भी लगा दिया.
विडियो: सवाल बेकरी के नाम से कराची हटाने वालों की देशभक्ति का है!