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सेक्स सीडी पर हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही थी, अर्ध-नग्न आदमी घुस आया

सुनवाई में शामिल चर्चित वकील इंदिरा जयसिंह ने इस घटना पर कड़ी आपत्ति जताई है.

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कर्नाटक हाई कोर्ट फाइल फोटो (सोर्स वेबसाईट कर्नाटक हाई कोर्ट)
1 दिसंबर 2021 (Updated: 1 दिसंबर 2021, 11:44 IST)
Updated: 1 दिसंबर 2021 11:44 IST
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कर्नाटक हाई कोर्ट (Karnataka High court) में वर्चुअल सुनवाई के दौरान एक अजीब घटना घटी. हुआ ये कि सुनवाई के समय एक अर्ध-नग्न आदमी काफी देर तक स्क्रीन पर दिखाई देता रहा. लेकिन किसी का ध्यान उसकी ओर नहीं गया. आखिरकार सुनवाई में शामिल महिला वकील ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कोर्ट का ध्यान इस ओर खींचा. वकील ने गुजारिश की कि सुनवाई में आधा नंगा होकर आए व्यक्ति के खिलाफ अदालत की अवमानना के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए. मामला क्या है? इंडिया टुडे के मुताबिक घटना मंगलवार 30 नवंबर की है. कर्नाटक के पूर्व मंत्री रमेश जारकीहोली से जुड़े कथित सेक्स स्कैन्डल मामले पर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायधीश ऋतुराज अवस्थी और जस्टिस सचिन शंकर मगदुम की बेंच सुनवाई कर रही थी. जूम ऐप पर हुई इस प्रोसीडिंग में जानी-मानी वकील इंदिरा जयसिंह पीड़िता का पक्ष रख रही थीं. तभी उनका ध्यान स्क्रीन पर दिख रहे एक व्यक्ति पर गया जो अर्ध-नग्न होकर नहा रहा था. खबर के मुताबिक करीब 20 मिनट तक ये आदमी वर्चुअल सुनवाई के दौरान दिखता रहा. इंदिरा जयसिंह ने इस पर आपत्ति जताई और कोर्ट को इसके बारे में जानकारी दी. खबर के मुताबिक बेंच का ध्यान इस अर्ध-नग्न आदमी की मौजूदगी पर नहीं गया था. लेकिन सुनवाई में मौजूद कई वकीलों ने पुष्टि की है कि एक अर्ध-नग्न आदमी कुछ समय के लिए सुनवाई से जुड़ा था. ये जानकारी सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो इसकी पुष्टि के लिए इंदिरा जयसिंह खुद सामने आईं. उन्होंने अपने ट्विटर हैन्डल से ट्वीट करते हुए लिखा,
"मैं इस बात की पुष्टि करती हूं कि अदालत में एक अर्ध-नग्न आदमी पूरे 20 मिनट तक स्क्रीन पर दिखाई देता रहा. मेरे आपत्ति जताने के बाद भी वो शख्स काफी देर तक स्क्रीन पर दिख रहा था. मैं इसके खिलाफ अदालत की अवमानना ​​और यौन उत्पीड़न के लिए आधिकारिक शिकायत करूंगी. अदालत में बहस के बीच में इस तरह की घटना बेहद परेशान करने वाली है." 
इंदिरा जयसिंह के इस ट्वीट पर सोशल मीडिया पर मिली जुली प्रतिक्रिया मिल रही है. जहां एक और कुछ लोग महिला वकील की बात का समर्थन कर रहे हैं, वहीं कुछ लोग ये भी कह रहे हैं कि किसी महिला के लिए किसी पुरुष को बिना कपड़ों के देखना थोड़ा अजीब लग सकता है लेकिन ये बिल्कुल भी यौन उत्पीड़न का मामला नही है. नोइंग भारत नाम के एक ट्विटर (Twitter) यूजर ने ट्वीट करते हुए लिखा है,
"अगर कोई पुरुष किसी महिला के छोटे कपड़ों पर आपत्ति जताता है तो यही महिला वकील ये कहेंगी कि 'मेरा शरीर, मेरी मर्जी, मैं कुछ भी पहनूं'. हिपोक्रेसी की भी सीमा होती है."
वहीं एक दूसरे ट्विटर यूजर ने महात्मा गांधी की तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा,
ये भी अर्ध नग्न हैं और देश के राष्ट्रपिता हैं.
बहरहाल, इस मामले पर एक्शन लेते हुए कर्नाटक हाई कोर्ट ने पुलिस से सभी सबूतों को इकट्ठा करने और इस व्यक्ति की पहचान कर इसके खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं.

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