लालगंज के सांसद पशुपति कुमार पारस और विधायक राजकुमार शाह को गांव वालों ने बंधक बना लिया. क्यों? वजह जानने से पहले चमकी बुखार के बारे में अब तक क्या हुआ ये पढ़ लीजिए.
बिहार के मुज़फ्फरपुर में बच्चों के मरने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. चमकी बुखार कह लीजिए या फिर एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम, इस बीमारी की वजह से 150 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है. इस मामले में केंद्र सरकार कह रही है कि नज़र बनाए हुए है, राज्य सरकार कह रही है कि हमारी टीम भी काम कर रही है. वहीं दूसरी तरफ डॉक्टर्स कह रहे हैं कि हालात काबू में है. कुल मिलाकर काम सभी कर रहे हैं, लेकिन बच्चों के मरने का सिलसिला रुक नहीं रहा है.
अब इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, राज्य और यूपी सरकार को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. ये नोटिस कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट में डाली गई याचिका पर सुनवाई करते हुए भेजा है. कोर्ट ने नोटिस भेजकर पूछा है-
# राज्य सरकार ने बीमारी रोकने के लिए क्या किया?
# बच्चों के इलाज के लिए राज्य सरकार ने क्या उपाय किए?
# राज्य सरकार ऐसे कोई कदम उठाए भी जिनसे बच्चों की मौत रोकी जा सकती थी?
# बच्चे इसी मौसम में हर साल बीमार क्यों होते हैं?
# हर साल बच्चे बीमार होते हैं तो राज्य सरकार की क्या तैयारी थी?
# केंद्र सरकार ने इस मामले में कौन-कौन से कदम उठाए है?
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में यूपी सरकार को भी नोटिस भेजा है क्योंकि यूपी के भी कई इलाके में बच्चे हर साल मस्तिष्क ज्वर के शिकार होते हैं. नोटिस का जवाब 7 दिनों के भीतर देने को कहा गया है.
SC issues notice to Centre, Bihar & Uttar Pradesh govts asking them to file affidavits within 7 days giving details of facilities dealing with public health, nutrition and sanitation, for treatment of children suffering from Acute Encephalitis Syndrome (AES) in Muzaffarpur. pic.twitter.com/7eyytB2lQM
— ANI (@ANI) June 24, 2019
बिहार में चमकी बुखार से मरने वालों की संख्या 150 से ऊपर तो जा ही चुकी है, इसकी चपेट में भी 600 के करीब बच्चे आ चुके हैं. मुज़फ्फरपुर के एसकेएमसीएच में अभी भी एईएस से पीड़ित 100 के करीब बच्चे हैं जिनका इलाज चल रहा है. एसकेएमसीएच से सुपरिटेंडेंट सुनील शाही के मुताबिक-
राज्य में बारिश होने और गर्मी कम होने के बाद बीमार बच्चों के आने की संख्या कम हो गई. जो भी बच्चे भर्ती हो रहे हैं वे डायरिया और दूसरी बीमारी से पीड़ित हैं.
वहीं दूसरी तरफ एसकेएमसीएच में रविवार के दिन काफी हो-हल्ला मचा रहा. दरअसल जब से ये मामला मीडिया में उछला है, उसके बाद से ही नेताओं के अस्पताल पहुंचने का सिलसिला लगातार जारी है. इसी प्रथा को फॉलो करते हुए बिहार सरकार के पूर्व मंत्री अजित कुमार एसकेएमसीएच पहुंचे. वहां वो पीड़ित बच्चों और उनके परिवार वालों के लिए बिस्किट और दवाईयां लेकर पहुंचे थे. लेकिन सुरक्षा की वजह से उन्हें अस्पताल के भीतर नहीं जाने दिया जा रहा था. जिसकी वजह से वो काफी देर हल्ला मचाते रहे, हालांकि अस्पताल के बाहर लोगों को बुलवा कर सामान बांटने के बाद मामला शांत हुआ.

ऐसी ही भगदड़ की स्थिति हाजीपुर में भी मची रही. यहां लालगंज के सांसद पशुपति कुमार पारस और विधायक राजकुमार शाह को गांव वालों ने बंधक बना लिया. लोगों ने सांसद-विधायक को खूब खरी खोटी सुनाई. खूब नारे लगाए. क्योंकि चमकी बुखार की वजह से यहां भी 5 बच्चों की जान गई थी. लेकिन सांसद और विधायक में से कोई भी मौके पर नहीं पहुंचा, ना ही किसी तरह की कोई मदद पहुंचाई गई.
काफी देर बंधक बनाए जाने के बाद और लोगों को नाराजगी देखते हुए विधायक राजकुमार शाह ने पीड़ित परिवारों को 5 हज़ार रुपये की आर्थिक मदद दी, फिर लोगों की मदद से गांव में दवाईयां बंटवाई.
Bihar: LJP MP from Hajipur, Pashupati Kr Paras, reached Harivanshpur village today&distributed medicines & Rs 5000 each among the families who lost their children to AES. Villagers had y’day put up missing person posters for Union Minister RV Paswan, brother of Pashupati Kr Paras pic.twitter.com/WQx50bvNY1
— ANI (@ANI) June 23, 2019
करीब एक घंटे बाद एसडीओ पहुंचे जिसके बाद विधायक को छुड़ाया गया. आलम ये था कि भागने के दौरान विधायक की गाड़ी से एक गार्ड गिरकर गिर गया और उसे चोट लग गई.
Bihar: LJP MLA of Lalganj(Vaishali)visited Harivanshpur village today. Villagers protested&raised slogans against him. They’d put up missing person posters against him&Union Minister RV Paswan y’day. Hajipur MP&RV Paswan’s brother Pashupati Kr Paras also visited the village today pic.twitter.com/QkKUvpE9nW
— ANI (@ANI) June 23, 2019
लालगंज के सांसदों को भी लोगों ने नहीं बख्शा. उनके विरोध में भी खूब नारे लगे. क्योंकि एक दिन पहले ही गांव वालों ने रामविलास पासवान के गुमशुदा होने के पोस्टर गांव में लगवा दिए थे. जिसके बाद रामविलास पासवान के भाई और लालगंज के सांसद पशुपति नाथ पारस मौके पर पहुंचे. लगातार हो रही मौतों पर इन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा-
बीमारी की वजह का तो पता नहीं, क्योंकि हम एक्सपर्ट नहीं है. लेकिन बिहार सरकार से बात कर रहे हैं, केंद्रीय टीम भी मामले की जांच कर रही है. यहां का जनप्रतिनिधि होने के नाते मेरा दायित्व बनता है कि भविष्य में ऐसी घटना फिर ना दोहराए.

इतना बड़ा मामला हो गया राजनीति न हो ये कैसे हो सकता है. आरजेडी ने इस मामले में सरकार के विरोध में मार्च निकाला. साथ ही स्वास्थ्य मंत्री मंंगल पांडे के इस्तीफे की मांग की. आरजेडी के छात्र संघ ने इस बीमारी की बारीकी से जांच कराने के लिए कमेटी बनाने और पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजे की मांग की.
स्वास्थ्य अधिकारियों ने मीडिया को इस बात की जानकारी दी कि पटना, भागलपुर, बांका, सीतामढी, समस्तीपुर, पूर्वी चंपारण और पश्चिम चंपारण में बच्चों की मौत हुई हैं. सरकार की तरफ से जानकारी दी गई कि बच्चों को अस्पताल पहुंचाने के लिए एक्स्ट्रा एंबुलेंस भी तैनात किए गए हैं. इसके अलावा 16 नोडल अधिकारी स्वास्थ्य केंद्रों में तैनात किए गए हैं. हालांकि जानकारी ये भी मिली कि मौसम सुधरने की वजह से हालात तेजी से सुधर रहे हैं.
बिहार: चमकी बुखार के शिकार बच्चे ही क्यों होते हैं?