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लाल किला हिंसा: पंजाब में आरोपियों को 2 लाख का ऐलान, BJP ने NIA जांच की मांग कर दी

26 जनवरी 2021 को किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकाला था इस दौरान हिंसा हुई थी.

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26 जनवरी को लाल किले पर किसान पुलिस के बैरिकेड तो तोड़ते हुए (बाएं), पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (दाएं). फोटो साभार- PTI
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13 नवंबर 2021 (Updated: 13 नवंबर 2021, 11:06 IST)
Updated: 13 नवंबर 2021 11:06 IST
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26 जनवरी, 2021 को किसान आंदोलन के दौरान लाल किला हिंसा से जुड़े पंजाब के 83 आरोपियों को पंजाब सरकार ने दो-दो लाख रुपए मुआवजा देनी की बात कही है. पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने ट्वीट किया,

काले कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन को मेरी सरकार का पूरा समर्थन है. हमने 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली की वजह से दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए सभी 83 लोगों को दो-दो लाख रुपये मुआवजा देने का फैसला किया है.

 26 जनवरी 2021 को किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकाला था. इस रैली के दौरान हिंसा हुई थी. आंदोलनकारियों ने बैरिकेड तोड़ दिए थे. कई सुरक्षाकर्मियों तक पर हमले किए गए थे. लालकिला परिसर में घुसकर धार्मिक झंडा तक लगा दिया था. दोनों पक्षों में झड़प हुई थी. 200 से ज्यादा किसानों पर केस दर्ज किया गया था. इसी घटना के बाद से हर महीने की 26 तारीख को ट्रैक्टर मार्च  निकाला जाता है.

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी द्वारा लाल क़िला हिंसा के दोषियों को मुआवज़ा देने का फ़ैसला साबित करता है कि देश को शर्मसार करने वाली हिंसा कांग्रेस द्वारा प्रायोजित थी. कांग्रेस हमेशा देश तोड़ने वाली शक्तियों के साथ रही है.

पंजाब की जनता देश भगत है उसके टैक्स के पैसे से देश विरोधियों को मुआवज़ा देने का सरकार को कोई हक़ नहीं है. मुख्यमंत्री और कांग्रेसी नेताओं को अगर इतनी हमदर्दी है तो अपनी जेब से दें. पंजाब BJP इस विषय को जनता में लेकर जाएगी तथा कांग्रेस का देश विरोधी चेहरा नंगा करेगी.

मेरा PM नरेंद्र मोदी और अमित शाह से अनुरोध है कि लाल क़िला हिंसा में कांग्रेस की भूमिका की जांच NIA को सौंपी जाए . पंजाब में हालात ख़राब कर राजनीतिक फ़ायदा उठाने की कांग्रेसी साज़िश को बेनक़ाब करना बहुत ज़रूरी है.

83 लोगों को दो-दो लाख रुपये मुआवजे देने की बात पर पंजाब BJP महासचिव सुभाष शर्मा ने चन्नी पर हमला बोला. उन्होंने दो ट्वीट किया. 500 किसान संसद तक ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे

इन सब के इतर, 29 नवंबर को करीब 500 किसान संसद तक ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे. उसी दिन से संसद का शीतकालीन सत्र भी शुरू हो रहा है. बता दें कि पिछले साल 29 नवंबर से किसान कानून को निरस्त किए जाने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं. इस 29 नवंबर को आंदोलन का एक साल पूरा हो रहा है.

संयुक्त किसान मोर्चा ने अपने बयान में कहा है कि 29 नवंबर से संसद सत्र शुरू हो रहा है. 500 किसान अपना विरोध दर्ज कराने के लिए शांतिपूर्ण और अनुशासनात्मक तरीके से ट्रैक्टर ट्रॉली के साथ हर दिन संसद तक जाएंगे. ऐसा केंद्र सरकार पर दबाव बढ़ाने के लिए और उसे उन मांगों को स्वीकार करने के लिए मजबूर करने को किया जाएगा. इसके लिए देशभर के किसानों ने ऐतिहासिक संघर्ष शुरू किया है. 26 नवंबर को पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और राजस्थान से दिल्ली की सीमाओं पर भारी भीड़ जुटेगी.

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