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योगी ने ऐसा क्या कह दिया कि विरोध में प्रियंका गांधी मंदिर में झाड़ू लगाने पहुंच गईं?

प्रियंका ने CM योगी को जातिवादी और दलित विरोधी बताया.

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लखनऊ में एक स्थान पर झाड़ू लगातीं प्रियंका गांधी. (फोटो- PTI)
9 अक्तूबर 2021 (Updated: 9 अक्तूबर 2021, 08:33 IST)
Updated: 9 अक्तूबर 2021 08:33 IST
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3 अक्टूबर को UP के लखीमपुर खीरी में हिंसा हुई. रात में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी लखीमपुर के लिए निकलीं, लेकिन रास्ते में ही पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया. हिरासत में लेकर प्रियंका को जिस गेस्ट हाउस में रखा गया, वहां से उनका एक वीडियो सामने आया था. इसमें प्रियंका अपने कमरे में झाड़ू लगाती दिख रही थीं. वीडियो वायरल रहा. अब इस पर UP के CM योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जनता ने प्रियंका को इसी लायक छोड़ा है माने झाड़ू लगाने लायक. योगी के इसी बयान के विरोध में प्रियंका गांधी 8 अक्टूबर को पहुंची लखनऊ के एक वाल्मीकि मंदिर और आस-पास के क्षेत्र में झाड़ू लगाने. प्रियंका ने कहा –
“योगी जी का बयान मेरा नहीं, दलितों का, महिलाओं और सफाई कर्मचारियों का अपमान है. ये बयान करोड़ों सफाई कर्मचारियों के ख़िलाफ़ है, उन महिलाओं के ख़िलाफ़ है जो अपने घर में झाड़ू लगाती हैं, हमारे दलित भाई-बहनों के ख़िलाफ़ है. मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि आपको इस लायक बनाया कि आप झाड़ू लगाएं. उनको यह दिखाने, समझाने के लिए हमने झाड़ू लगाई कि यह कोई छोटा काम नहीं है.”
प्रियंका ने ट्वीट भी किया. लिखा -
“आज उप्र के मुख्यमंत्री ने जातिवादी बयान देकर अपनी दलित विरोधी मानसिकता दिखाई. कल उप्र की सभी जिला कांग्रेस कमेटियां भगवान वाल्मीकि मंदिर में सफाई करेंगी. देश के करोड़ों दलितों और महिलाओं का अपमान भारत बर्दाश्त नहीं करेगा.”
9 अक्टूबर को कांग्रेस कार्यकर्ताओं का प्रदेश के 70 से अधिक जिलों में वाल्मीकि मंदिर में झाड़ू लगाने और CM योगी के बयान का विरोध करने का कार्यक्रम है. दोपहर तक मेरठ, गाज़ियाबाद, कानपुर समेत कुछ जिलों में कार्यकर्ताओं ने झाड़ू लगाने का काम शुरू भी कर दिया. पीड़ित परिवार को पैसा नहीं, न्याय चाहिए प्रियंका गांधी ने कहा –
“जब मैं उन परिवारों के पास (लखीमपुर में) गई तो एक बात उन्होंने साफ कही कि उनको सरकार की तरफ से 45 लाख का मुआवजा मिला है. कांग्रेस सरकारों ने भी दिया है. पर हमको न्याय चाहिए. अगर अपराधी के पिता गृह राज्य मंत्री तो कैसे करवाई होगी?”
प्रियंका ने कहा कि चाहे इंदिरा जी हों, राजीव जी हों या सोनिया गांधी जी हों, जो मेरे उसूल हैं, उन्हीं से मिले हैं. अपने मां-बाप से मिले और दादी से मिले और मैं अपने उसूलों के हिसाब से चलती हूं. पीटकर हत्या नहीं हुई प्रियंका ने कहा कि जब वे मृतक कश्यप जी के घर जाना चाह रही थीं तो IG ने कहा कि आप क्यों जा रही हैं. उसकी तो मारपीट में हत्या हुई है. लेकिन प्रियंका का कहना है कि जब उनके पिता और भाई ने फोटो दिखाई तो शरीर पर तारकोल के निशान, टायर के निशान थे. इससे स्पष्ट है उसकी मारपीट से जान नहीं गई.

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