'जय भीम' में थप्पड़ वाले सीन पर प्रकाश राज ने ट्रोल आर्मी से क्या कहा?
फिल्म के एक सीन में पुलिसवाले बने प्रकाश राज हिंदी में बात करते एक शख्स को थप्पड़ मारते हैं.
पिछले दिनों रिलीज़ हुई फिल्म ‘जय भीम’ अपने एक सीन को लेकर विवादों में है. फिल्म के एक सीन में पुलिसवाले बने प्रकाश राज हिंदी में बात करते एक शख्स को थप्पड़ मारते हैं. साथ ही उससे तमिल में बात करने को कहते हैं. इस सीन को लेकर सोशल मीडिया पर कुछ लोगों का कहना है कि ये सीन जबरदस्ती कॉन्ट्रोवर्सी क्रिएट करेगा. जबकि फिल्म में इसकी कोई खास ज़रूरत थी नहीं.
एक आहत तबका ये मान रहा है कि ये सीन हिंदी भाषी ऑडियंस के खिलाफ है. इस विवाद पर अब प्रकाश राज का रिएक्शन आया है. उन्होंने न्यूज 9 लाइव से बात करते हुए कहा,
जय भीम जैसी फिल्म देखने के बाद उन्होंने आदिवासियों की पीड़ा नहीं देखी, उनके खिलाफ हो रहे अन्याय को नहीं देखा और न महसूस किया. उन्होंने देखा तो सिर्फ वो थप्पड़. उनको बस इतना ही समझ में आया, जो उनके एजेंडे को दिखाता है.
अगर कोई पुलिस अधिकारी किसी मामले की जांच के दौरान पूछताछ करता है और उसे पता है कि जिससे वह पूछताछ कर रहा है वह स्थानीय भाषा जानता है, लेकिन बचने के लिए हिंदी भाषा का इस्तेमाल कर रहा है तो पुलिस अधिकारी की प्रतिक्रिया क्या होगी? फिल्म का प्लाट 1990 के दशक काहै. अगर उस किरदार ने उन पर हिंदी थोप दी होती तो वह इस तरह से ही रिएक्ट करते. और अगर ये ज्यादा इंटेंस के साथ सामने आया है तो वो इसलिए क्योंकि ये मेरा भी विचार है, और मैं उस विचार के साथ खड़ा हूं.
उन्होंने आगे कहा, प्रकाश राज का मानना है कि इस तरह के विवादों पर अपनी प्रतिक्रिया देने का कोई तुक नहीं है. उन्होंने कहा,कुछ के लिए ये थप्पड़ का सीन परेशान करने वाला था, क्योंकि स्क्रीन पर प्रकाश राज था. पर वो मुझसे ज्यादा गलत दिखाई देते हैं क्योंकि उनकी मंशा सामने आ गई. अगर आदिवासियों का दर्द उन्हें झकझोर नहीं पाया तो मैं केवल इतना कहना चाहूंगा कि क्या आप सब इतना ही समझ सके? क्या आप सब ऐसे ही व्यक्ति हैं? ऐसे कट्टरपंथियों के बारे में कोई राय देने का मतलब नहीं है.
बता दें कि फिल्म के सीन को लेकर एक आहत तबका ये मान रहा था कि ये सीन हिंदी भाषी ऑडियंस के खिलाफ है. जबकि इस सीन को फिल्म के कॉन्टेक्स्ट में देखने पर ये पता चलता है कि जिस आदमी को थप्पड़ मारा जा रहा है, वो हिंदी का प्रयोग करके एक मुश्किल सिचुएशन से बचना चाहता है. क्योंकि उसे पता है कि पुलिसवाले को हिंदी समझ नहीं आएगी. इसलिए पुलिसवाला उसे थप्पड़ मारकर उस भाषा में बोलने को कहता है, जो उसे समझ आती है. ‘जय भीम’ एक असली घटना पर आधारित है. अमेज़न प्राइम वीडियो पर फिल्म स्ट्रीम हो रही है.