कोरोना वैक्सीन के मोर्चे पर अब अच्छी खबर आने लगी है. पहले फ़ाइज़र और मॉडर्ना ने दावा किया था कि उनकी वैक्सीन 94-95 फ़ीसद तक कारगर है. अब इस रेस में एक समय सबसे आगे चल रही ऑक्सफर्ड और Astrazeneca ने बताया है कि उनकी वैक्सीन औसतन 70.4 प्रतिशत तक कामयाब है. ऑक्सफर्ड ने सोमवार 23 नवंबर को बयान जारी करके जानकारी दी कि दो ग्रुप में इस वैक्सीन के प्रभाव की जांच की गयी थी. एक ग्रुप में वैक्सीन 90 प्रतिशत कारगर पाई गई. दूसरे ग्रुप में 62 प्रतिशत कारगर दिखी. दोनों ग्रुपों में वैक्सीन की अलग-अलग मात्रा दी गयी थी.
ऑक्सफर्ड वैक्सीन ग्रुप के डायरेक्टर और पूरे वैक्सीन निर्माण के प्रमुख पर्यवेक्षक डॉ ऐंड्रू पॉलार्ड ने कहा,
इन नतीजों से पता चलता है कि हमारे पास ऐसी वैक्सीन है, जो बहुत सारी जिंदगियां बचा सकती है… इस सफलता के लिए हम इस ट्रायल में शामिल वॉलंटियर्स और दुनिया भर के शोधकर्ताओं के शुक्रगुज़ार हैं.
Today marks an important milestone in the fight against #COVID19. Interim data show the #OxfordVaccine is 70.4% effective, & tests on two dose regimens show that it could be 90%, moving us one step closer to supplying it at low cost around the world>> https://t.co/fnHnKSqftT pic.twitter.com/2KYXPxFNz1
— University of Oxford (@UniofOxford) November 23, 2020
डॉक्टर पॉलार्ड ने ये भी कहा कि जिस ग्रुप में वैक्सीन 90 प्रतिशत असरदार मिली है, हम उसी डोज़ को लेकर आगे बढ़ सकते हैं. ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी की प्रोफ़ेसर सारा गिल्बर्ट ने भी इन नतीजों पर ख़ुशी जतायी. कहा,
इन नतीजों से हम कोरोनावायरस को ख़त्म करने की दिशा में एक क़दम और आगे बढ़ चुके हैं. हम अपना काम जारी रखेंगे. इस प्रोजेक्ट से पूरी दुनिया को फायदा मिलेगा.
ऑक्सफर्ड की इस वैक्सीन का तकनीकी नाम ChAdOx1 nCoV-2019 रखा गया है. भारत में इस वैक्सीन का निर्माण आदर पूनावाला की कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया पुणे में कर रही है. पूनावाला ने भी वैक्सीन को लेकर नई घोषणा पर खुशी जताई. कहा,
कम कीमत वाली वैक्सीन कोविशील्ड जल्द ही उपलब्ध होगी. ये लाने- ले जाने में भी आसान होगी. उससे 90 फीसदी तक प्रोटेक्शन मिल सकेगा.
I am delighted to hear that, Covishield, a low-cost, logistically manageable & soon to be widely available, #COVID19 vaccine, will offer protection up to 90% in one type of dosage regime and 62% in the other dosage regime. Further details on this, will be provided this evening. https://t.co/KCr3GmROiW
— Adar Poonawalla (@adarpoonawalla) November 23, 2020
वैक्सीन इतने प्रतिशत कारगर है, इसका क्या मतलब है?
कोई भी वैक्सीन किसी वायरस से लड़ने में कितनी कारगर है, यह उसकी एफिकेसी का मामला होता है. इसका मतलब यह है कि एक बिना वैक्सीन वाले संक्रमित ग्रुप और वैक्सीन वाले संक्रमित ग्रुप के बीच ठीक होने की संभावना कितनी ज्यादा है. इस आंकड़े के मिलने के बाद एक गणित के फॉर्मूले से वैक्सीन की एफिकेसी निकालते हैं. एफिकेसी बोले तो लैब में वैक्सीन कितनी कारगर तरीके से काम कर रही है इसका लेखाजोखा. मिसाल के लिए मॉडर्ना की वैक्सीन को ही ले लीजिए-
अमेरिका में वैक्सीन ट्रायल में भाग लेने वाले 30 हजार लोगों को जब यह वैक्सीन दी गई तो कुल 95 लोग कंफर्म कोविड 19 पॉजिटिव मिले. इसमें से 90 केस प्लॉसिबो ग्रुप ( जिन्हें वैक्सीन नहीं बल्कि वैक्सीन बताकर कुछ और दिया गया था) और सिर्फ 5 केस वैक्सीन ग्रुप में मिले.
अब लगाना पड़ता है थोड़ा गणित. इसका एक फॉर्मूला है.
V E = A R U- A R V /A R U × 100 %
यहां पर V E मतलब = वैक्सीन की एफिकेसी
A R U मतलब = बिना वैक्सीन वालों में अटैक रेट
A R V मतलब = वैक्सीन वाले में अटैक रेट
इस फॉर्मूले के हिसाब से 90 में से 5 घटाने पर आए 85. अब 85 को 90 से भाग किया तो जवाब आया 0.944444. इसको 100 से गुणा करने पर आएगा 94.4, यही मॉडर्ना वैक्सीन की एफिकेसी है.
इसका यह कतई मतलब नहीं है कि सिर्फ 100 में से सिर्फ 94 लोग ही सही होंगे. वैक्सीन सब पर असर करेगी, लेकिन उम्र और शारीरिक स्थिति के हिसाब से असर कम या ज्यादा हो सकता है.
वैज्ञानिक तो ये भी कहते हैं कि 40 प्रतिशत तक कारगर वैक्सीन भी जनता को दी जा सकती है.
आगे क्या होगा?
ऑक्सफर्ड ने बयान करके कहा है कि ट्रायल में मिले आंकड़ों को पोथी-पतरी समेत नीति निर्माताओं को दिया जाएगा. सबकुछ की जांच की जाएगी. इससे लग रहा है कि वैक्सीन आने में कुछ समय लग सकता है. हालांकि एक बार वैक्सीन पर कामयाबी की मुहर लग गई तो इसका जल्दी जल्दी निर्माण कैसे होगा, और लोगों तक कैसे पहुंचेगी, इसकी तैयारी अभी से शुरू कर दी गई है.
वीडियो : आम लोगों को कब से मिलेगी कोरोना वैक्सीन, AIIMS के डायरेक्टर से सुनिए