The Lallantop
Advertisement

कुतिया मरने तक पर शोक जताने वाले दिल्ली के नेता 600 किसानों के मरने पर चुप हैं- मलिक

जयपुर में एक कार्यक्रम के दौरान बोले.

Advertisement
Img The Lallantop
किसान आंदोलन के दौरान हुई मौतों पर बोले सत्यपाल मलिक.
font-size
Small
Medium
Large
7 नवंबर 2021 (Updated: 7 नवंबर 2021, 14:06 IST)
Updated: 7 नवंबर 2021 14:06 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

सत्यपाल मलिक. मेघालय के गवर्नर. वह पिछले कुछ समय से लगातार किसानों के मुद्दे पर सरकार और बीजेपी की लाइन से हटकर बोल रहे हैं. उन्होंने किसान आंदोलन को लेकर एक बार फिर मोदी सरकार पर निशाना साधा है. रविवार, 7 नवंबर को जयपुर में एक कार्यक्रम में सत्यपाल मलिक ने कहा,

देश में इतना बड़ा आंदोलन आज तक नहीं चला, जिसमें 600 लोग शहीद हो गए. कुतिया भी मरती है तो दिल्ली के नेताओं का शोक संदेश जाता है, लेकिन 600 किसानों का प्रस्ताव लोकसभा में पास नहीं हुआ.

आजकल इश्यू है किसानों वाला, उस पर तो बोल दो तो कंट्रोवर्सी हो जाएगी. ये अखबार वाले ऐसा कर देते हैं कि मैं दो हफ्ते तक इंतजार करता हूं कि दिल्ली से कोई टेलीफोन तो नहीं आ रहा. हालांकि गवर्नर को हटाया नहीं जा सकता फिर भी जो मेरे शुभचिंतक हैं, वो इस तलाश में रहते हैं कि ये कुछ बोलें और ये हटें. फेसबुक पर लिख देते हैं कि गवर्नर साहब जब आप इतना महसूस कर रहे हो तो इस्तीफा क्यों नहीं देते. मैं कहता हूं कि आपके पिताजी ने बनाया था. मुझे जिसने बनाया था, ना तो मैं वोट से बना. मुझे बनाया था दिल्ली में दो तीन बड़े लोग हैं उन लोगों ने. और मैं उनकी इच्छा के विरुद्ध बोल रहा हूं. ये तो मैं जानकर बोल ही रहा हूं. लेकिन जिस दिन वो कह देंगे कि मुझे दिक्कत है तो मैं एक मिनट भी नहीं लगाउंगा.

आज ये स्थिति है कि हरियाणा के किसी गांव में चीफ मिनिस्टर हेलिकॉप्टर नहीं उतार सकता. पश्चिमी यूपी के किसी गांव में हमारा मिनिस्टर नहीं जा सकता. रिश्तेदारी में नहीं जा सकता. गमी में नहीं जा सकता. फिर दिल्ली में राज करने का क्या फायदा. जिद्द करके बैठ गए हो आप. अरे सामने बिठाओ, आपके किसान हैं. इतने बुरे हाल में रहते हैं उनकी छोटी सी बात मान लो. और माननी पड़ेगी ऐसा नहीं है बिना माने काम चल जाएगा.

उन्होंने कहा, उन्होंने अपने भाषण में कहा,

सत्यपाल मलिक ने कह कि किसान आंदोलन का असर भारत की सेनाओं पर भी पड़ा है. वहां भी इन्हीं किसानों के बेटे हैं. कुछ भी हो सकता है. आज आप ताकत में हो. युद्ध होता है तो इन्हीं किसानों के लडकों को झोंका जाता है. कारगिल में सरकार की गलती थी. इसकी कीमत किसान के बच्चों ने चुकाई. अन्याय हमारे ही साथ होता है. इसमें किसी न किसी दिन लोग रिएक्ट कर जाते हैं. अभी तक किसानों ने कंकड़ भी नहीं मारा है.

मलिक ने कहा- सरकार में ऐसे लोग हैं, जो किसानों के पक्ष में है. एक-आध लोग हैं, जिनके दिमाग में घमंड है. घमंड तो किसी का भी नहीं चला. किसान दिल्ली से हारकर नहीं आएंगे. उन्होंने तय करके रखा है कि इस काम को पूरा करके ही रहेंगे. उन्होंनेकहा कि केंद्र सरकार केवल एमएसपी मान ले तो काम हो जाएगा. एमएसपी पर कानून से कम पर किसान नहीं मानेंगे. एमएसपी पर कानून कई लोग नहीं बनने देना चाहते क्योंकि उस कारण से किसी का नुकसान होता है. अडाणी का पानीपत में गोदाम बन गया, जब तक पार्लियामेंट में कानून ही पास नहीं हुआ था. मैं लिखकर देता हूं कि एमएसपी रहेगी. एमएसपी को कानूनी जामा पहनाया जाएगा.

thumbnail

Advertisement

election-iconचुनाव यात्रा
और देखे

Advertisement

Advertisement