कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की कथित हत्या का मामला गोरखपुर पुलिस के लिए संकट बनता दिख रहा है. इस पूरे केस में गोरखपुर पुलिस का रवैया लगातार सवालों के घेरे में है. मनीष गुप्ता की मौत के कुछ ही घंटों बाद कानपुर के एसएसपी विपिन ताडा ने इसे एक दुर्घटना बता दिया था. बाद में पुलिस का एक वीडियो भी सामने आया, जिसमें वो मनीष गुप्ता की मीनाक्षी गुप्ता को केस न करने की सलाह देती दिख रही थी.
केस को लेकर आ रही तमाम अपडेट्स के बीच मीनाक्षी लगातार कहती रहीं कि उनके पति की हत्या में पुलिसवालों का हाथ है. गुरुवार 29 सितंबर को मीनाक्षी ने मीडिया को बयान दिया. कहा कि पुलिस-प्रशासन लगातार उन पर FIR न लिखवाने का दबाव डाल रहा है. हालांकि पुलिस ने उसी दिन 6 पुलिसवालों के खिलाफ केस दर्ज किया था. लेकिन उस पर भी हंगामा हो गया, क्योंकि FIR में केवल 3 पुलिसवालों के नामों का जिक्र था. बाकी 3 आरोपियों को अज्ञात बताया गया है.
कौन हैं 3 अज्ञात?
जिन लोगों के नाम FIR में नामजद हैं उनमें शामिल हैं- रामगढ़ताल SO जेएन सिंह, सब इंस्पेक्टर अक्षय मिश्रा और सब इंस्पेक्टर विजय यादव. बाकी 3 अज्ञात आरोपी कौन हैं? बात मीनाक्षी गुप्ता की तहरीर की करें तो उसमें इन 3 पुलिसवालों का भी नाम शामिल है,
# सब इंस्पेक्टर राहुल दुबे
# हेड कांस्टेबल कमलेश यादव
# हेड कांस्टेबल प्रशांत कुमार

(फोटो-आजतक)
पीड़ित पक्ष की तहरीर और पुलिस की FIR के आधार पर कहा जा रहा है कि मामले में लोचा है. ये बार-बार कहा गया है कि 27-28 सितंबर की दरम्यानी रात को गोरखपुर के कृष्णा पैलेस होटल में 5-6 पुलिसवाले चेकिंग के नाम पर घुसे थे. मीनाक्षी की तहरीर में भी 6 पुलिसकर्मियों का जिक्र है. हत्या से जुड़ी IPC की धारा 302 भी 6 आरोपियों पर लगाई गई है. तो फिर FIR में आधे आरोपियों का नाम क्यों गायब है, ये एक बड़ा सवाल बन गया है. कहा जा रहा है कि क्या ये पुलिसवालों को बचाने की कोशिश है.

(फोटो-आजतक)
क्या है पूरा मामला?
इस कथित हत्याकांड के पीड़ित मनीष गुप्ता कानपुर के रहने वाले थे. 35 वर्षीय मनीष अपने दो दोस्तों हरदीप सिंह चौहान और प्रदीप चौहान के साथ 27 सितंबर को गोरखपुर गए. वो वहां अपने एक अन्य दोस्त से मिलने गए थे. ये तीनों गोरखपुर के रामगढ़ताल इलाक़े के होटल कृष्णा पैलेस में रुके हुए थे. उसी रात क़रीब साढ़े 12 बजे 5-6 पुलिसवाले होटल में जांच करने पहुंचे. उन्होंने कमरे का दरवाजा खुलवाया. साथ में होटल का रिसेप्शनिस्ट भी था.
पुलिसवालों ने कहा कि चेकिंग हो रही है, ID प्रूफ़ दिखाओ. इतनी रात गए होटल के रूम में आकर चेकिंग करने पर मनीष और पुलिसवालों में बहस हो गई. पुलिसवालों पर आरोप है कि उन्होंने मनीष को इतना मारा कि वो ख़ून से तरबतर हो गए. उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई.
वीडियो – गोरखपुर में प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की मौत पर UP पुलिस की सफाई खून खौलाने वाली है!