कोरोना के बढ़ते केस और वैक्सीन की कमी के बीच महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने केंद्र की मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाया. महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे का आरोप है कि केंद्र वैक्सीन देने में भेदभाव कर रहा है. वैक्सीन उपलब्ध कराने में बीजेपी शासित राज्य़ों को तवज्जो दी जा रही है. चौंकाने वाली बात ये रही कि महाराष्ट्र के मंत्री जब प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे, उसी बीच उन्हें केंद्र की ओर से नया आदेश मिल गया.
स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने गुरुवार 8 अप्रैल को कहा कि हमारा राज्य कोरोना टीकाकरण में अग्रणी है. फिर भी हमें पर्याप्त संख्या में वैक्सीन उपलब्ध नहीं कराई जा रही हैं. वैक्सीन की इतनी कमी हो गई है कि सतारा, सांगली, पनवेल में वैक्सीनेशन का काम रुक गया है. सिर्फ बुलढाणा ही ऐसा है, जहां स्टॉक बचा है.
टोपे ने कहा कि केंद्र सरकार के नए आदेश के अनुसार महाराष्ट्र को केवल 7.5 लाख वैक्सीन दी गई हैं. इसके उलट उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, हरियाणा आदि को महाराष्ट्र की तुलना में कहीं अधिक वैक्सीन दी गई हैं. गुजरात की 6 करोड़ जनसंख्या के लिए कोरोना वैक्सीन की 1.04 करोड़ डोज उपलब्ध कराई गई हैं. जबकि महाराष्ट्र की 12 करोड़ की जनसंख्या के लिए केवल 1 करोड़ डोज ही दी गई हैं.
राजेश टोपे ने कहा कि वैक्सीन को लेकर भेदभाव पर हमने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से बात की है. शरद पवार ने भी बात की. हमने पूछा कि हमारे पास सबसे अधिक संख्या में सक्रिय मरीज़ हैं, पॉजिटिविटी रेट ज्यादा है. फिर भी हमें इतनी कम वैक्सीन क्यों दी गई हैं. हर्षवर्धन ने आश्वासन दिया कि इसमें जल्द ही सुधार होगा.

केंद्र ने बढ़ाई वैक्सीन की डोज
जब राजेश टोपे ये प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे, उसी बीच उन्हें केंद्र सरकार का वैक्सीन की संख्या बढ़ाने का आदेश मिला. टोपे ने बताया कि मुझे बताया गया है कि साढ़े सात लाख नहीं, साढ़े 17 लाख डोज भेजी गई हैं. हालांकि इतनी भी काफी नहीं हैं. हमें 40 लाख डोज चाहिए.
महाराष्ट्र सरकार के इस आरोप के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने बताया कि कोविड वैक्सीन के 23 लाख डोज़ यानी 5 से 6 दिन का स्टॉक महाराष्ट्र सरकार के पास है. जिलों में वैक्सीन भेजना, जिलों से तहसील में भेजना, वहां से वैक्सीन केंद्रों तक वैक्सीन पहुंचाना, ये सब राज्य सरकार की ज़िम्मेदारी है.
बताते चलें कि बीते 24 घंटों में महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के 55 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं. तकरीबन 300 लोगों की मौत भी हुई है. राज्य में कोरोना के लगभग पौने पांच लाख एक्टिव केस हैं. ऐसे में वैक्सीन को लेकर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री का बयान महत्वपूर्ण हो जाता है. खासकर तब जब केन्द्र की भाजपा और राज्य की महायुति सरकार के बीच राजनीतिक तनाव चरम पर है. देखना ये है महाराष्ट्र की मांग को केन्द्र किस हद तक पूरा कर पाता है.
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