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लुधियाना कोर्ट में पंजाब पुलिस के पूर्व हेड कॉन्स्टेबल ने किया था धमाका, टैटू से हुई पहचान!

ड्रग्स केस में पूर्व कॉन्सटेबल के खिलाफ कोर्ट में सुनवाई चल रही थी.

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बाएं- घटना स्थल की जांच करती पुलिस, दाएं- धमाके में मारे गए गगनदीप की फाइल फोटो (आजतक)
25 दिसंबर 2021 (Updated: 25 दिसंबर 2021, 08:51 IST)
Updated: 25 दिसंबर 2021 08:51 IST
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पंजाब (Punjab) के लुधियाना कोर्ट में हुए धमाके (Ludhiana Court Blast) के में मारे गए संदिग्ध की पहचान गगनदीप सिंह के रूप में की गई है. गनगदीप सिंह पंजाब पुलिस में हेड कॉन्सटेबल रह चुका है. पंजाब पुलिस के मुतबिक, घटनास्थल से बरामद शव के पास से मिले फोन और मृतक के शरीर पर बने टैटू (Tattoo) से उसकी पहचान हो सकी. कोर्ट में बम लगाते वक्त ब्लास्ट होने से उसकी जान चली गई थी. वहीं पंजाब पुलिस की तरफ से यह भी कहा गया है कि कोर्ट में हुए धमाके के पीछे खालिस्तानी (Khalistani) संगठनों का हाथ है. घटना गुरुवार 23 दिसंबर की है. लुधियाना कोर्ट में एक जोरदार धमाका हुआ था, इस धमाके में एक की मौत हो गई थी और पांच अन्य घायल हुए थे. 'कट्टरपंथियों के संपर्क में था गगनदीप' इंडिया टुडे से जुड़ी कमलजीत संधू की रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब पुलिस के महानिदेशक सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने मीडिया को बताया,
"पंजाब पुलिस ने लुधियाना कोर्ट ब्लास्ट मामले की जांच में पाया कि इस घटना के पीछे खालिस्तानी तत्वों, गैंगस्टरों और ड्रग्स स्मगलरों का हाथ है."
मामले की जांच कर रहे अधिकारियों का कहना है कि जिस वक्त गगनदीप जेल में बंद था, तब वो कुछ धार्मिक कट्टरपंथियों के संपर्क में आया था. फिलहाल अगले साल राज्य में विधानसभा चुनाव भी होने वाले हैं, इसलिए पुलिस इस धमाके को आगामी चुनावों से जोड़ कर भी देख रही है. वहीं गुरुवार, 23 दिसंबर को पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने भी कोर्ट में धमाके को साजिश करार दिया. चन्नी ने कहा,
"जैसे-जैसे चुनाव पास आ रहा है, वैसे-वैसे कुछ देश विरोधी ताकतों द्वारा हरकतें की जा रही हैं. इसे लेकर सरकार सचेत है, लोगों को भी सचेत रहना चाहिए. बेअदबी की कोशिश की गई सफल नहीं हुए,अब ब्लास्ट किया गया."
शुक्रवार, 24 दिसंबर को केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजजु ने भी घटनास्थल का मुयाअना किया. केंद्रीय मंत्री ने मीडिया को बताया,
"केंद्र और राज्य दोनों मिलकर इस मामले की जांच कर रहे हैं. इस धमाके के पीछे जिसका भी हाथ है, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर राजनीति नहीं करनी चाहिए. मुख्यमंत्री चन्नी जांच में पूरा सहयोग कर रहें हैं." 
ड्रग्स माफियाओं से जुड़े थे तार इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक 30 वर्षीय मृतक गगनदीप सिंह लुधियाना के खन्ना का रहने वाला था, मृतक के परिवार ने उसके शरीर पर बने टैटू को देखकर उसकी पहचान की. पंजाब के उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा (Sukhjinder Singh Randhawa) ने भी इस बात की पुष्टि की है. वहीं मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी का कहना है कि गगनदीप ने अपने शरीर पर सिख धर्म का धार्मिक चिह्न 'खंडा' का टैटू बनवाया था. पुलिस अधिकारी ने बताया,
"आठ साल पहले गगनदीप सिंह उर्फ 'गग्गी' पंजाब पुलिस में सिपाही के पद पर भर्ती हुआ था, बाद में उसे प्रमोशन मिला और वो हेड कॉन्स्टेबल बन गया. गिरफ्तार होने से करीब आठ महीने पहले ही खन्ना में उसकी पोस्टिंग हुई थी, इसी दौरान उसकी शादी भी हो गई थी."
अधिकारी ने आगे बताया,
"11 अगस्त 2019 को वो अपने दो दोस्त अमनदीप सिंह और विकास कुमार के साथ अपनी कार से लुधियाना के सेक्टर 39 जा रहा था. इस दौरान उसकी कार से 385 ग्राम हेरोइन बरामद की गई, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया था.मोहाली में एंटी-ड्रग्स एसटीएफ ने उसके खिलाफ NDPS एक्ट की धाराओं के तहत FIR दर्ज की थी. पूछताछ के दौरान गगनदीप ने पुलिस को बताया था कि उसने करीब छह महीने पहले छोटे ड्रग्स पेड्लर्स को ड्रग्स बेचना शुरू किया था, पकड़ी गई हेरोइन गगनदीप को दिल्ली से मिली थी. जिसके बाद उसे पंजाब पुलिस से बर्खास्त कर दिया गया था."
गगनदीप दो साल तक जेल में था, इसी साल सितंबर में उसे बेल मिली थी. उसके खिलाफ चल रहे ड्रग्स के केस की सुनवाई गुरवार, 24 दिसंबर को होनी थी. लेकिन सुनवई से एक दिन पहले ही उसने कोर्ट में धमाका कर दिया. लुधियाना कोर्ट के अतिरिक्त सेशन जज शतिन गोयल इस केस की सुनवाई कर रहे थे. पुलिस ने बताया कि गगनदीप ने अदालत के रिकार्ड रूम को उड़ाने के लिए ये धमाका किया था.
पंजाब के लुधियाना कोर्ट में हुए ब्लास्ट में मारा गया गगनदीप
                                    पंजाब के लुधियाना कोर्ट में हुए ब्लास्ट में मारा गया गगनदीप

क्या कहा मुख्यमंत्री चन्नी ने? वहीं गुरुवार को पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने इस ब्लास्ट के पीछे किसी पाकिस्तान या खालिस्तानी समूह के होने से साफ इंकार किया था, लेकिन उन्हीं की सरकार में गृह मंत्री सुखजिंदर सिंह ने इस धमाके  के पीछे बाहरी ताकतों के हाथ होने की आशंका जताई थी. इससे पहले चन्नी ने ये भी कहा था कि लुधियाना कोर्ट में हुए ब्लास्ट और ड्रग्स के उस मामले में संबंध है, जिसमें पंजाब के पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने ये भी कहा था कि जब से उनकी सरकार ने राज्य में ड्रग्स के खिलाफ सख्ती की है, तब से ही गोल्डन टेंपल और कपूरथला गुरुद्वारे में बेअदबी की कोशिश हुई.

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