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लखीमपुर मामला: आशीष मिश्रा का नया वीडियो सामने आया, बंदूक लेकर कहां जा रहा था?

एक दूसरे वीडियो में किसान आशीष को खेतों में तलाशते दिखे.

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सामने आए वीडियो का स्क्रीनशॉर्ट जिसमें आशीष बंदूक निकाल रहे हैं.
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22 अक्तूबर 2021 (Updated: 22 अक्तूबर 2021, 08:47 IST)
Updated: 22 अक्तूबर 2021 08:47 IST
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लखीमपुर हिंसा मामले की जांच चल रही है. आए दिन नई-नई बातें पता चल रही हैं. जांच में शामिल डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल को लेकर बड़ी जानकारी आ रही है. लेकिन वो बाद में बताएंगे. पहले हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा के बारे में जानिए जिनका एक नया वीडियो सामने आया है. इंडिया टुडे/आजतक के पास ये वीडियो है जिसमें आशीष मिश्रा के हाथ में पिस्तौल है और वो कहीं जाता दिख रहा है. एक वीडियो और है जिसमें कुछ लोग पुलिस से बातचीत करते दिख रहे हैं. दोनों वीडियो घटना वाले दिन यानी 3 अक्टूबर के बताए जा रहे हैं. पहले वीडियो में क्या है? पहले वीडियो में आशीष मिश्रा अपने समर्थकों के साथ कहीं जाते दिख रहे हैं. उनके हाथ में पिस्तौल है. आजतक के अभिषेक वर्मा के मुताबिक पुलिस इस पर कुछ नहीं बोल रही है. हालांकि सूत्रों ने आजतक को बताया है कि घटना से जुड़े एक और आरोपी अंकित दास को जब किसानों ने रोका था तो उसने आशीष मिश्रा को इसकी जानकारी दी थी. बताया गया है कि आशीष मिश्रा इस बात से गुस्सा हो गया. रिपोर्ट के मुताबिक उसने अपने साथियों के साथ खुलेआम सड़क पर पिस्टल लोड की जो कि वीडियो में दिख रहा है. दूसरे वीडियो में क्या है? इसमें कुछ लोग पुलिसवालों से कह रहे हैं,
आप लोगों ने सारा सहयोग दिया, लेकिन ये बात गलत है. देखो कितने लोगों का एक्सिडेंट हुआ पड़ा है. कितने बंदे मरे हैं. गाड़ी निकालनी है तो प्यार से निकालो.
वीडियो में एक व्यक्ति की आवाज आती है. वो कहता है- हम लोग नहीं भागते तो हम भी मर जाते. एक दूसरा व्यक्ति कहता है- सर बंदे आएंगे. सब छानबीन करेंगे खेतों में. रिपोर्ट के मुताबिक घटना के तुरंत बाद आशीष मिश्रा खेतों के रास्ते से गाड़ी चलाकर फरार हो गया था. इस वीडियो में किसान आशीष को खोज रहे हैं और खेतों की तलाशी की बात कर रहे हैं. वे पुलिसवालों से कह रहे हैं कि एक-एक गन्ने का खेत खोलकर देखेंगे. क्या हुआ था लखीमपुर में? बीती 3 अक्टूबर को लखीमपुर में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या का एक कार्यक्रम था. नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान डिप्टी सीएम के कार्यक्रम में प्रदर्शन करने के लिए काले झंडे लेकर जा रहा थे. वे अभी रास्ते में ही थे कि एक महिंद्रा थार गाड़ी कई किसानों को टक्कर मारते हुए निकल गई. उसके पीछे 2 और गाड़ियां थीं. उसके बाद किसान भड़क गए. इस घटना में 4 किसान और 1 पत्रकार सहित 8 लोगों की मौत हो गई. आरोपों के घेरे में आया आशीष मिश्रा, जो सांसद और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा उर्फ टेनी का बेटा है. उसके खिलाफ हत्या के आरोप में केस दर्ज किया गया है. आशीष मिश्रा और कुछ दूसरे आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. वहीं विपक्षी पार्टियां निष्पक्ष जांच के लिए केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के इस्तीफे की मांग कर रही हैं. लखीमपुर केस की बुधवार 20 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान चीफ जस्टिस एनवी रमना की बेंच ने यूपी सरकार की ओर से स्टेटस रिपोर्ट मिलने में देरी को लेकर नाराजगी जताई. साथ ही किसानों पर गाड़ी चढ़ाने के मामले में हुई गिरफ्तारियों पर असंतोष जताया. बेंच ने ये टिप्पणी भी की कि लगता है सरकार इस मामले में जांच से हाथ पीछे खींच रही है. DIG उपेंद्र अग्रवाल का ट्रांसफर हुआ इस बीच उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ा प्रशासनिक बड़ा फेरबदल किया है. शुक्रवार 22 अक्टूबर को आई जानकारी के मुताबिक, सरकार ने यूपी के 6 बड़े पुलिस अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया है. इनमें 5 IG अधिकारी संजीव गुप्ता, अनिल कुमार राय, केपी सिंह, एमआरडी राव और राकेश सिंह के अलावा डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल भी शामिल हैं. उन्हें लखनऊ स्थित पुलिस महानिदेशक मुख्यालय से देवीपाटन रेंज का डीआईजी बनाया गया है. उपेंद्र अग्रवाल लखीमपुर मामले की जांच में शामिल हैं. वे इसकी मॉनिटरिंग कमेटी के हेड हैं. आजतक के संतोष शर्मा को पता चला है कि इस तबादले का लखीमपुर मामले की जांच कर रही मॉनिटरिंग कमेटी पर कोई असर नहीं पड़ेगा. उपेंद्र अग्रवाल इसके हेड बने रहेंगे.

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