“एक काम करो. बिल्डर को फ़ोन करो और उससे 2 करोड़ मांगो.”
“अगर नहीं माना तो?”
“तो उसके बेटे की गाड़ी पर फायरिंग करवा देना. डरकर ख़ुद पैसे भिजवा देगा.”
अगर आपको ऊपर लिखी बातें 90 के दशक की किसी बॉलीवुड फिल्म के डायलॉग की याद दिला रहे हैं तो बता दें कि ऐसा बिल्कुल नहीं है. ये किसी फिल्म नहीं बल्कि दिल्ली पुलिस के असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर राजबीर सिंह का डायलॉग बताए जा रहे हैं. वही राजबीर सिंह, जिन्हें 2005 में बहादुरी के लिए राष्ट्रपति से सम्मान मिल चुका है.
क्या है पूरा मामला?
आजतक के पत्रकार अरविन्द ओझा के मुताबिक़, दिल्ली के हौज़खास इलाके में रहने वाले एक बिल्डर ने इसी साल 28 जून को शिकायत दर्ज करवाई थी. इसमें कहा गया था कि सुबह 11 बजे उन्हें एक अनजान नम्बर से कॉल आया. कॉल करने वाले ने अपना नाम ‘काला’ बताया. कहा कि अगर उसे 2 करोड़ रुपये नहीं दिए तो उसके पूरे परिवार की हत्या कर दी जाएगी.
मामला पुलिस तक पहुंचा. जांच में पता चला कि जिस फोन नंबर से कॉल किया गया था, वो रोहतक के रहने वाले राममूर्ति नाम के शख्स से 27 जून को छीना गया था. जिस मोबाइल का इस्तेमाल हुआ था, वो दिल्ली के ‘सावन’ नाम के शख्स का था, जिसे मुकेश नामक व्यक्ति ने लिया था. उसके बाद ये मोबाइल हरियाणा के गैंगस्टर ‘काला’ को दे दिया गया. उसने राजस्थान के भिवाड़ी से जबरन वसूली के इरादे से ये कॉल की. जांच में सबके नाम साफ़ होने के बाद पुलिस ने सावन, काला, मुकेश और इनके एक और साथी सनी को गिरफ्तार कर लिया.
जांच के दौरान कॉल रिकॉर्ड से पुलिस को ये भी पता चला कि जिन नंबरों से बिल्डर को वसूली के फ़ोन किए जा रहे थे, उनमें से दो नम्बरों से गैंगस्टर ‘काला’ दिल्ली पुलिस के असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर राजबीर सिंह के साथ भी लगातार संपर्क में था. पुलिस की पूछताछ में ये आरोप भी सामने आया कि काला को बिल्डर का नंबर राजबीर ने ही दिया था. ये भी कहा था कि अगर बिल्डर 2 करोड़ रुपये न दे तो बिल्डर के बेटे की कार पर फायरिंग करवा दी जाए. पुलिस का दावा है कि एएसआई राजबीर सिंह ही इस गैंग का मास्टरमाइंड है.
मेडल वापस लेने की है तैयारी
48 वर्षीय राजबीर सिंह दिल्ली पुलिस में फिलहाल साउथ वेस्ट की पीसीआर (पुलिस कंट्रोल रूम) यूनिट में तैनात था. इससे पहले वह स्पेशल सेल और क्राइम ब्रांच में भी रहा है. 2005 में दिल्ली पुलिस में बेहतरीन काम के लिए उसे गैलेंट्री अवार्ड से सम्मानित किया गया था. पुलिस फ़ोर्स की तरफ जारी स्टेटमेंट में कहा गया कि दिल्ली पुलिस एएसआई राजबीर सिंह को दिए गए मेडल्स को वापस लेने पर विचार कर रही है. फिलहाल राजबीर को सस्पेंड कर दिया गया है. बर्खास्तगी की तलवार भी लटकी हुई है.
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