रेप की एक और ख़बर. इस बारी बिहार से. मधुबनी जिले का हरलाखी गांव. यहां 20 साल की मूक-बधिर युवती से कथित तौर पर दुष्कर्म किया गया. घटना 12 जनवरी की बताई जा रही है. आरोपी ने रेप के बाद कथित तौर पर युवती की आंखें किसी नुकीली चीज से फोड़ दीं, ताकि वो उसका चेहरा न पहचान सके. हरलाखी के थाना प्रभारी अशोक कुमार ने बताया कि इस मामले आरोपी की पहचान कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है.
पहले से ही बोलने और सुनने में अक्षम इस युवती की एक आंख तो बुरी तरह डैमेज हो चुकी हैं, वहीं दूसरी आंख में भी काफी जख़्म आए हैं. पीड़िता का इलाज चल रहा है. ‘बिहार तक’ की ख़बर के मुताबिक – पीड़िता सुबह 9 बजे पास के आम के बगीचे में गई थी. जलाने के लिए पत्ते चुनने. यहीं पर वो दुष्कर्म की शिकार हुई. पीड़िता को पहले सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी कंडीशन सीरियस थी, इसलिए आनन-फानन में दरभंगा रेफर कर दिया गया. अभी भी पीड़िता की हालत गंभीर है और उसका इलाज जारी है.
बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस मामले को लेकर नीतीश सरकार पर निशाना साधाते हुए कहा –
“ऐसी-ऐसी घटनाएं हो रही हैं, जो बिहार तो क्या, देश ने नहीं देखी होंगी. मधुबनी में बच्ची के साथ रेप किया गया और दोनों आंखें निकाल ली गईं. वो पहले से सुन नहीं सकती थी, बोल नहीं सकती थी. अब देख भी नहीं सकेगी. मतलब बच्ची ज़िंदा लाश के बराबर हो गई. क्रूरता से घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है और प्रशासन दावा करता है कि बिहार में कानून का राज है.”
जाते-जाते आपको छोड़ जाते हैं अमेरिकी कवियित्री मर्ज पियर्सी की एक कविता के साथ. कविता अंग्रेज़ी में है. हम उसका हिंदी अनुवाद आपसे साझा कर रहे हैं.
“रेप होने और सीमेंट के खड़े जीनों से धकेल दिए जाने में कोई फर्क नहीं
सिवाय इसके कि भीतर-भीतर रिसते हैं ज़ख़्म;
रेप होने और ट्रक से कुचले जाने में भी कोई फर्क नहीं
सिवाय इसके कि बाद में पुरुष पूछता है कि क्या तुम्हें आनंद आया?;
रेप होने और एड़ी पर सांप के काटने में भी कोई फर्क नहीं
सिवाय इसके कि लोग पूछते हैं कि क्या तुम्हारी स्कर्ट छोटी थी
और क्यों भला तुम घर से अकेले बाहर निकली.”
मैरिटल रेप को बलात्कार क्यों ना माना जाए?