मार्केट में मास्क की तो बहार है. डिजाइनर मास्क के साथ-साथ पॉलिटिकल मास्क तक दिख रहे हैं. ऐसे में बच्चों के मास्क ने भी मार्केट में एंट्री कर ली है. बच्चे भले ही स्कूल नहीं जा रहे, लेकिन घर से निकलना, खेलना-कूदना शुरू कर चुके हैं. कोरोना से लड़ाई लंबी है. ऐसे में एक बात संपुट की तरह बार-बार बोली जा रही है, वह है- हमें करोना के साथ जीना सीखना होगा!
बात भी ठीक है. जीना तो कोरोना के साथ सीखना ही होगा. बच्चे भी घर पर बैठे-बैठे परेशान हो गए हैं. वो घर के पास वाले पार्क में खेलने जाने की जिद कर रहे हैं. ऐसे में ये जानना जरूरी है कि 10 बरस से कम उम्र के बच्चों के लिए कैसा मास्क रहेगा सेफ.
पहले जान लेते हैं, स्टडी क्या कहती है
अमेरिका और जापान में हुई स्टडी में सामने आया है कि दो साल से कम उम्र के बच्चों को किसी भी तरह का मास्क पहनाना उनकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है. स्टडी में दावा है कि इतने छोटे बच्चों में सांस लेने की जगह इतनी संकरी होती है कि मास्क पहनने से उनके दिल पर दबाव पड़ सकता है. ऐसे में बच्चे को सांस से जुड़ी परेशानियां हो सकती हैं. कोरोना के चलते जितना भी हो सके, बच्चे को घर पर ही रखा जाए और उन्हें बाहर ले जाने से बचा जाए. अगर जाना ही पड़े, तो कम से कम भीड़-भाड़ वाली जगह से दूर रहें.

और डॉक्टर साब क्या कह रहे हैं
पटेल चेस्ट इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर डॉ. राजकुमार का कहना है कि लंबे वक्त तक बच्चों का मास्क पहनना अमूमन अच्छा नहीं होता. लेकिन कोरोना के खिलाफ लड़ाई में ऐसा करना जरूरी हो गया है. हालांकि बच्चों के लिए किसी भी तरह के फैंसी या मेडिकेटेड मास्क की जगह साधारण मास्क ही बेहतर है. बच्चे शारीरिक रूप से ज्यादा एक्टिव होते हैं. मास्क लगा कर खेलने में सिंथेटिक और मेडिकेटेड मास्क से उन्हें दिक्कत हो सकती है. ऐसे में साधारण और सूती कपड़े का मास्क पहनाना ही बच्चों के लिए बेहतर उपाय है.
ऐसा ही कुछ कहना है कि एमसीडी में मेडिकल ऑफिसर रहे डॉ. अनिल बंसल का. उनके अनुसार बच्चों को ऐसा मास्क पहनाएं, जिससे मुंह और नाक ढका रहे, लेकिन पर्याप्त सांस आती रहे. मेडिकेटेड मास्क में वयस्क लोग आराम से सांस ले सकते हैं, लेकिन 10 बरस से कम उम्र के बच्चों के लिए ऐसा करना मुमकिन नहीं होता. ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी से भी उन्हें सिंथेटिक मास्क में दिक्कत हो सकती है. ऐसे में बच्चे भी अगर बाहर जाएं, तो साधारण सूती कपड़े का मास्क लगाएं.
उनका कहना है कि पैरेंट्स को कोशिश तो यही करनी चाहिए कि वो तीन साल से कम के बच्चों को बाहर लेकर न जाएं. इतने छोटे बच्चे को मास्क पहनाना मुश्किल भरा हो सकता है और बच्चा बीमार हो सकता है.
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