CBSE ने '2002 में मुस्लिम विरोधी हिंसा किसके शासन में फैली' पूछकर दिए चार ऑप्शन
बवाल बढ़ने पर CBSE ने गलती मानते हुए कार्रवाई की बात कही
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केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानी CBSE की बुधवार 1 दिसंबर से टर्म-1 की परीक्षाएं शुरू हो गईं. लेकिन, पहले ही दिन परीक्षा में ऐसा विवाद हो गया जिसके लिए बोर्ड को सार्वजनिक तौर पर स्पष्टीकरण देना पड़ा. यह विवाद 12वीं क्लास के सोशियोलॉजी (समाजशास्त्र) के पेपर में पूछे गए एक सवाल को लेकर हुआ. इसमें छात्रों से उस पार्टी का नाम बताने को कहा गया जिसके कार्यकाल में 2002 में गुजरात में मुस्लिम विरोधी हिंसा (Gujarat Violence) हुई थी.
क्या था पूरा सवाल?
न्यूज़ एजेंसी PTI के मुताबिक सोशियोलॉजी के प्रश्नपत्र में गुजरात दंगों से जुड़ा यह सवाल ऑब्जेक्टिव टाइप यानी बहुवैकल्पिक था. सवाल में यह पूछा गया था कि वर्ष 2002 में बड़े पैमाने और मुस्लिम विरोधी हिंसा किस सरकार के शासन में फैली थी? इस सवाल के जवाब के लिए चार विकल्प दिए गए थे- कांग्रेस, भाजपा, डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन. परीक्षा खत्म होने के बाद इस सवाल पर जमकर विवाद हुआ. लोगों ने सोशल मीडिया के जरिए इस पर काफी नाराजगी जताई. कई लोगों ने CBSE बोर्ड को कठघरे में खड़ा करते हुए उसपर बच्चों के दिमाग में साम्प्रदायिक हिंसा का जहर बोने का भी आरोप लगा दिया.
CBSE ने अपनी सफाई में क्या कहा?
विवाद बढ़ा तो CBSE बोर्ड ने तुरंत इसपर सफाई दी और अपनी गलती स्वीकार की. बोर्ड ने इस प्रश्न को अनुचित और उसके दिशा-निर्देशों के खिलाफ बताया. उसने कहा कि मामले में जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. बोर्ड ने अपने एक ट्वीट में कहा,
'आज 12वीं कक्षा के सोशियोलॉजी टर्म-1 एग्जाम में एक प्रश्न पूछा गया, जो अनुचित है और प्रश्न पत्र तैयार करने को लेकर बाहरी विशेषज्ञों के लिए बने CBSE के दिशा-निर्देशों (CBSE Guidelines) का उल्लंघन है. CBSE इस गलती को स्वीकार करता है और जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा.’
PTI की एक रिपोर्ट में पेपर बनाने वालों के लिए बने CBSE के दिशा-निर्देशों के बारे में भी बताया गया है. ये दिशा-निर्देश साफ़ तौर पर कहते हैं कि एग्जाम पेपर में सवाल केवल एकेडमिक ओरिएंटेड होने चाहिए और ये सभी धर्मों और वर्गों को लेकर तटस्थ होने चाहिए. दिशा-निर्देशों यह भी कहते हैं कि पेपर बनाते समय ऐसे किसी भी विषय को नहीं छूना है, जिससे सामाजिक और राजनीतिक आधार पर लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचे.A question has been asked in today's class 12 sociology Term 1 exam which is inappropriate and in violation of the CBSE guidelines for external subject experts for setting question papers.CBSE acknowledges the error made and will take strict action against the responsible persons
— CBSE HQ (@cbseindia29) December 1, 2021