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त्रिपुरा निकाय चुनाव में बुरी तरह हारने वाली TMC किस एक बात को लेकर खुश है?

त्रिपुरा निकाय चुनाव में TMC को 334 में से केवल 1 सीट मिली है

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पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी. (तस्वीर: पीटीआई)
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी. (तस्वीर: पीटीआई)
29 नवंबर 2021 (Updated: 29 नवंबर 2021, 09:12 IST)
Updated: 29 नवंबर 2021 09:12 IST
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त्रिपुरा में नगर निकाय चुनावों के सभी नतीजे आ चुके हैं. इन चुनावों में बीजेपी की एक-तरफा जीत हुई है. पार्टी ने कुल 334 में से 329 सीटों पर जीत का परचम लहराया है. इस चुनाव में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी को 3, टीआईपीआरए और तृणमूल कांग्रेस को 1-1 सीट मिली है. TMC की बड़ी हार त्रिपुरा के निकाय चुनाव के इन नतीजों से सबसे बड़ा झटका ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) को लगा है. TMC नेताओं ने इन चुनावों में बेहतर प्रदर्शन के लिए जमकर प्रचार किया था. निकाय चुनावों से पहले ममता बनर्जी के भतीजे और सांसद अभिषेक बनर्जी ने तीन बार त्रिपुरा का दौरा किया था. राजधानी अगरतला में उसे बड़ी सफलता की उम्मीद भी थी. इसी के चलते TMC ने अगरतला नगर निगम की सभी 51 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. लेकिन, वह अगरतला में कोई सीट नहीं जीत सकी. टीएमसी के सांसद अभिषेक बनर्जी ने त्रिपुरा नगर निकाय चुनाव में केवल एक सीट मिलने के बाद भी अपनी पार्टी के प्रदर्शन को असाधारण बताया है. उन्होंने अपने एक ट्वीट में लिखा,
"जिस पार्टी का (त्रिपुरा में) कोई आधार नहीं था, उसके लिए यह असाधारण बात है कि उसने सफलतापूर्वक नगर निकाय चुनाव लड़े और वह राज्य में 20% से अधिक वोट शेयर हासिल कर मुख्य विपक्षी पार्टी के रूप में उभरी."
अभिषेक ने यह भी कहा कि TMC ने पहली बार त्रिपुरा में निकाय चुनाव लड़ा है. वहां उसने चुनाव से महज 3 महीने पहले ही अपनी चुनावी गतिविधियों की शुरुआत की. ऐसी परस्थिति में 20% वोट मिलना मायने रखता है. बीते अगस्त में कांग्रेस से TMC में आईं सुष्मिता देव ने आजतक से बातचीत में कहा,
"यह वो परिणाम नहीं है, जिनकी हमें उम्मीद थी. लेकिन टीएमसी को प्रमुख विपक्षी दल बनाने के लिए मिले वोट अप्रत्याशित हैं. TMC के लिए यह तो महज एक शुरुआत थी, असली लहर तो 2023 में आएगी."
जीत से बीजेपी नेता गदगद कभी कम्युनिस्ट पार्टी का गढ़ रहे त्रिपुरा में बीते 4 साल से बीजेपी सत्ता में है. अगले साल यानी 2022 में यहां विधानसभा चुनाव है. ऐसे में बीजेपी के नेता निकाय चुनाव में मिली जीत से गदगद हैं. केंद्रीय मंत्री और त्रिपुरा की भाजपा नेता प्रतिमा भौमिक ने आजतक की रिपोर्टर सूर्याग्नि रॉय से बातचीत में कहा,
"यह जीत उन सभी 'साजिशों' का जवाब है, जो हमारे खिलाफ बनाई गई थीं...यह हमारे लिए सेमीफाइनल नहीं, बल्कि फाइनल मुकाबला था. अगरतला नगर निगम में लगभग 4 लाख लोग हैं, जिन्होंने हमें वोट दिया है. लोगों ने विपक्षी दलों को अच्छी तरह से जवाब दे दिया है."
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा ने बीजेपी की जीत को डबल इंजन की सरकार का जनता के प्रति कमिटमेंट का परिणाम बताया है. उन्होंने एक ट्वीट में लिखा,
"स्थानीय निकाय चुनावों में बीजेपी की जीत, आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की नीतियों, उनकी लोक-कल्याणकारी योजनाओं और राज्य के विकास के प्रति डबल इंजन सरकार के कमिटमेंट में जनता के विश्वास का प्रतीक है."
राज्य सरकार पर धांधली का आरोप त्रिपुरा निकाय चुनाव में TMC सहित कई पार्टियों ने धांधली किए जाने का आरोप लगाया है. काउंटिंग खत्म होने के बाद TMC सांसद सौगात रॉय ने इंडिया टुडे से कहा,
"हमारी यह हार अत्याचार के सामने हुई है. हम सुप्रीम कोर्ट गए थे, लेकिन स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव नहीं हुए. मतदाताओं को मतदान नहीं करने दिया गया. धांधली हुई है, लोकतंत्र में यह सब होना दुखद है."
वहीं, वाम मोर्चे के राज्य सचिव जितेंद्र चौधरी ने आजतक से बातचीत में कहा कि बीजेपी ने शहरी निकाय चुनाव को जीतने के लिए राज्य की मशीनरी का बड़े स्तर पर इस्तेमाल किया है.

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