भारत में 30 दिसंबर की सुबह तक कोरोना के नए स्ट्रेन के 20 मामले सामने आ चुके हैं. नया स्ट्रेन माने कोरोना वायरस का बदला हुआ रूप. जानकार बता रहे हैं कि ये वाला स्ट्रेन पुराने से 70 प्रतिशत ज्यादा प्रभावी है. माने ये पहले वाले से 70 फीसद ज्यादा तेज़ी से फैलता है. अब इस स्ट्रेन के इलाज को लेकर बाबा रामदेव ने बड़ा दावा किया है.
आज तक के एक कार्यक्रममें राम देव ने कहा,
कोरोना के नए स्ट्रेन के लिए हम तैयार हैं. हमने भी अपनी दवा श्वसारी का नया अवतार तैयार कर लिया है.
इस कार्यक्रम में आचार्य बालकृष्ण भी शामिल थे. उन्होंने कहा,
कोरोना वायरस अगर अपना रूप बदलता है या किस तरह से यह नए रूप में आ सकता है इस के ऊपर भी आयुर्वेद के माध्यम से काम हो रहा है. स्पाइक प्रोटीन के अंदर काम करने वाले सोडो वायरस को लेकर पूरा काम किया जा रहा है. जिन्होंने योग-प्राणायाम किया वो अब भी कोरोना से बचे हुए हैं.
हालांकि, रामदेव और बालकृष्ण के इन दावों का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है. दुनिया की कई कंपनियां कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने की कोशिश में लगी हैं, कुछ देशों में इमरजेंसी अप्रूवल के साथ लोगों को वैक्सीन भी लगाई जा रही है. हालांकि, दवाओं पर रिसर्च अभी चल ही रहा है. फिलहाल कोरोना वायरस की कोई भी दवा, किसी भी देश में नहीं बनी है. मरीजों का सिम्प्टम के आधार पर इलाज हो रहा है. माने अगर किसी को बुखार है तो बुखार की दवाई दी जा रही है, सर्दी या सांस की तकलीफ होने पर उनकी दवाएं जी रही है.
पहले किया था कोरोनिल से कोरोना खत्म करने का दावा
रामदेव की कंपनी पतंजलि ने जून 2020 में ‘कोरोनिल टैबलेट’ और ‘श्वासारि वटी’ लॉन्च कीं. कंपनी ने दावा किया कि ये कोरोना वायरस से होने वाली बीमारी का आयुर्वेदिक इलाज हैं. दावा किया कि कोरोनिल से कोरोना को खत्म किया जा सकता है. इस दावे पर आपत्ति उठी, कई डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने सवाल उठाए.
आयुष मंत्रालय ने पतंजलि की तरफ से कोरोनिल को लेकर किए जा रहे दावों और उसके विज्ञापनों पर संज्ञान लिया. आयुष मंत्रालय ने कहा कि पतंजलि जिस कथित वैज्ञानिक अध्ययन का दावा किया है उसकी सच्चाई और विवरण मंत्रालय के पास नहीं हैं. मंत्रालय ने कोरोनिल की बिक्री और विज्ञापनों पर रोक लगा दी. बाद में कोरोनिल को इम्युनिटी बूस्टर के रूप में बेचने की परमिशन दी गई.
वीडियो – आयुष मंत्रालय ने इन शर्तों पर पतंजलि को ‘कोरोनिल’ बेचने की इजाजत दे दी