उड़ी अटैक और सर्जिकल स्ट्राइक के बाद एक बात जो सबसे ज्यादा हो रही है. वो ये कि बयान बहुत आ रहे हैं. कभी कोई कहता है कि पाकिस्तानी एक्टर्स को बैन कर दो. कोई कहता है कि सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत दे दो. फिर कोई और एक नए बयान के साथ आता है और इन दोनों बयानों को खारिज करता है.
इन सारे बयानों को खारिज करने के बाद एटीट्यूड से ‘बॉस’ बने अक्षय कुमार आए हैं. अक्षय कुमार ने कोई नई डिमांड नहीं की है. लेकिन जो लोग डिमांड कर रहे हैं, उनकी क्लास लगाई है. अच्छा एक चीज और. अक्षय कुमार ने अपने फेसबुक वीडियो मैसेज में कहा, ‘मैं आपसे एक एक्टर की तरह बात नहीं कर रहा हूं. मैं एक फौजी के बेटे की तरह बात कर रहा हूं.’
अक्षय कुमार की चिंताएं ही सेंसिबल हैं. खासतौर पर ऐसे दौर में जब हर किसी को जंग और सबूतों की लगी है. अक्षय कुमार ने शहीदों और उनके परिवारों की बात की है. अक्षय कुमार ने कहा,
‘आज मैं आप से एक स्टार या सेलेब्रिटी की तरह बात नहीं कर रहा हूं. मैं आप से बात कर रहा हूं एक आर्मीमैन के बेटे की तरह. कई दिनों से मैं देख रहा हूं कि न्यूज या न्यूजपेपर्स में अपने ही लोगों को अपनों से बहस करते हुए. कोई सर्जिकल स्ट्राइक का प्रूफ मांग रहा है. कोई आर्टिस्ट्स को बैन करने की मांग कर रहा है. कोई डर रहा है कि वॉर होगी या नहीं.
अरे शर्म करो. अरे यार, ये सब बहस बाद में कर लेना. पहले ये तो सोचो सरहद पर किसी ने अपनी जान दी है. 19 जवान उड़ी अटैक में शहीद हो गए. एक 24 साल का जवान नितिन यादव बारामूला में शहीद हो गया. क्या उनकी फैमिली और हमारे हजारों फौजियों की परिवारों को चिंता होगी कि कोई फिल्म रिलीज होगी या नहीं? या कोई आर्टिस्ट बैन होगा या नहीं? नहीं. उनकी सिर्फ एक चिंता है, उनका भविष्य. और हमारी चिंता है उनका वर्तमान और भविष्य सही होना चाहिए. अगर वो हैं तो आज मैं हूं. वो हैं तो आज आप हैं. वो नहीं तो हिंदुस्तान नहीं. जय हिंद.’
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