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जब अपनी बेटियों पर कमेंट कर बहुत बुरे फंसे शाहिद अफ़रीदी

'मूल्यों' के चक्कर में हुआ अफ़रीदी का नुकसान.

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शाहिद अफरीदी (फोटो - Getty Images)

पाकिस्तान. फवाद ख़ान, इमरान अब्बास, अली ज़फर, आतिफ असलम जैसे पुरुषों का देश. लोग अक्सर इनके काम से ज्यादा इनके लुक्स की तारीफ़ करने लगते हैं. और इन्हीं लुक्स के चलते पाकिस्तान, इंडिया से लेकर पूरी दुनिया तक, लड़कियों के बीच इनकी फैन फॉलोइंग बहुत तगड़ी है. और ऐसा ही कुछ हाल पाकिस्तानी क्रिकेटर्स का भी है.

क्रिकेटिंग मामलों से अलग भी बाबर आज़म अक्सर ट्विटर पर ट्रेंड करते रहते हैं. और ऐसा नहीं है कि ये हाल के सालों में शुरू हुआ, पहले भी ऐसा हुआ करता था. और एक पाकिस्तानी प्लेयर के लिए तो मैदान पर लड़कियां शादी के जोड़े तक में आ गई थी.

जी, चलिए आपको इस क्रिकेटर यानी शाहिद अफरीदी का क़िस्सा सुनाते है. अपने खेलने के दिनों में अफरीदी को देखने के लिए लड़कियां बेचैन रहती थीं. जैसे देव आनंद की एक झलक पाने के लिए लड़कियां छत से कूद जाती थीं, वैसे ही अफरीदी के लिए भी उनकी दीवानगी चरम पर थी.

पाकिस्तानियों की नज़र में अफरीदी एकदम स्मार्ट और खूबसूरत थे. और ये प्रूव करने के लिए आपको एक छोटा सा क़िस्सा सुनाते है. ये क़िस्सा डेक्कन क्रॉनिकल ने साझा किया था. साल 2004 में अफरीदी एक मैच में खेल रहे थे. इस मैच के दौरान दो लड़कियां अफरीदी से मिलने शादी के जोड़े में मैदान तक आ गई. और वो मैदान छोड़कर तभी गईं, जब अफरीदी उनसे मुलाकात करने को राजी हुए. अफरीदी को ऐसे शादी के प्रपोजल खूब आते थे. लड़कियों के बीच उनके ऐसे ही जलवे थे.

लेकिन एक दफ़ा कुछ लड़कियां उनके एक बयान से खफ़ा हो गई थी. और इसके चलते अफरीदी की खूब लानत-मलानत हुई. दरअसल, साल 2019 में शाहिद अफरीदी के ऊपर लिखी किताब ‘Game Changer’ मार्केट में आई.  और इस किताब में पाकिस्तान के ‘द मोस्ट वॉन्टेड मैन’ ने कहा था कि वो अपनी लड़कियों को क्रिकेट नहीं खेलने देंगे. उन्होंने लिखा,

‘अजवा और अस्मारा सबसे छोटी हैं और उनको खुद को तैयार करने वाला गेम खेलना बहुत पसंद है. उनको मेरी तरफ से परमिशन मिली हुई है कि वो कोई भी गेम खेल सकती हैं. लेकिन तब तक, जब तक वो घर के अंदर है. क्रिकेट? नहीं, मेरी लड़कियों के लिए नहीं. उनको घर के अंदर खेले जाने वाले सभी गेम्स खेलने के लिए परमिशन दी गई है. लेकिन मेरी लड़कियां पब्लिक स्पोर्टिंग एक्टिविटी में हिस्सा नहीं लेंगी.’

अफरीदी को अपनी किताब में लिखी इस बात के लिए बहुत कुछ सुनना पड़ा. ये देख उन्होंने ट्विटर पर आकर सफाई दी और लिखा,

‘मेरी जिंदगी उनके ओर घूमती है. जिंदगी में उन सभी की कुछ महत्वकांक्षाएं हैं. और मैं उनको एक जिम्मेदार पिता के तौर पर गाइड करने के साथ-साथ सपोर्ट भी करूंगा. मैं किसी को इस बात के लिए जज नहीं करता कि वो क्या करते हैं, या लोगों के जीवन में दखल देते हैं. मैं दूसरों से भी ऐसी ही उम्मीद करता हूं. अल्लाह मेरी बेटियों और दुनिया भर की बेटियों/महिलाओं को आशीर्वाद दें. लोगों को जैसे चाहें, रहने दो.’

एक न्यूज़ चैनल से बात करते हुए अफरीदी ने इस मसले पर कहा था,

‘मैं एक मुस्लिम हूं. मैं एक पठान हूं. मेरी फैमिली के कुछ मूल्य है. मैं जानता हूं मेरी बेटियों को क्या करना है. उनको क्रिकेट खेलना पसंद है लेकिन सिर्फ घर पर. मैं अपनी बेटियों को वह सब करने की अनुमति देता हूं, जो वे चाहती हैं. लेकिन घर के अंदर और बुर्का पहनकर क्योंकि मेरा धर्म मुझे यही सिखाता है. स्त्री का आभूषण उसका घूंघट है. मेरा मानना है कि घर बच्चों के लिए स्कूल है. और माता-पिता उनके शिक्षक.’

बता दें कि शाहिद अफरीदी अक्सर अपने बयानों के चलते फंसते ही रहते हैं. लेकिन ये क़िस्सा पढ़कर अगर आपको लगा हो कि शाहिद अफरीदी के जलवे सिर्फ लड़कियों के बीच में थे, तो ऐसा नहीं है. अपनी क्रिकेटिंग स्किल्स के लिए अफरीदी की फैन फॉलोइंग लड़कों में भी बहुत तगड़ी थी.

और जब वो पहली गेंद पर आउट हो जाते थे, तो गली क्रिकेट की तरह पूरे स्टेडियम में ‘ट्राई बॉल, अफरीदी को फिर से बल्लेबाजी करने दो’ के नारे लग जाते थे. अफरीदी के बारे में ये सारी बातें हमने उनके जन्मदिन पर की हैं.

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