अरविंद त्रिवेदी मशहूर गुजराती थिएटर आर्टिस्ट उपेंद्र त्रिवेदी के भाई हैं. उन्होंने 1971 में बलराज साहनी की फिल्म 'पराया धन' से हिंदी फिल्मों में अपना एक्टिंग करियर शुरू किया. आगे वो 'जंगल में मंगल', 'प्रेम बंधन' और 'हम तेरे आशिक' समेत कई फिल्मों में नज़र में आए. 1987 में रामानंद सागर 'रामायण' बना रहे थे. इसमें उन्होंने अपने पिछले शो ‘विक्रम और बेताल’ के ही अधिकतर एक्टर्स को साइन किया था. अरविंद भी उन्हीं में से एक थे. इंट्रेस्टिंग बात ये कि 1991 में वो बीजेपी की टिकट से गुजरात की साबरकांठा सीट से चुनाव लड़े और सांसद बन गए. इनके खाते में हिंदी और गुजराती मिलाकर कुल 250 से ज़्यादा फिल्में हैं.

शो के एक सीन में शिव अराधना मेें लगा रावण.
मशहूर फिल्ममेकर और देव आनंद के भाई विजय आनंद ने जब वैचारिक मतभेद की वजह से 2002 में सेंसर बोर्ड चेयरमैन का पद छोड़ा, तब अरविंद को ही कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था. अब इनकी उम्र 84 साल है. इसलिए एक्टिंग वगैरह से दूर हो चुके हैं.

अपने चिरपरिचित अंदाज़ में रावण उर्फ अरविंद त्रिवेदी.
कोरोनावायरस की वजह से हुए लॉकडाउन में जब 'रामायण' दोबारा टीवी पर लौटा, तो इसने टीवी के पिछले सारे रिकॉर्ड्स तोड़ दिए. बीते पांच सालों में ये सबसे ज़्यादा देखा जाने वाला हिंदी एंटरटेनमेंट शो बन गया. ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल यानी बार्क (BARC) की रिपोर्ट के मुताबिक दूरदर्शन अब देश का सबसे ज्यादा देखे जाने वाला चैनल बन गया है. 27 मार्च तक टॉप-10 में भी नहीं था दूरदर्शन. लेकिन बार्क ने बताया कि पिछले सप्ताह यानी 29 मार्च से 3 अप्रैल के बीच दूरदर्शन को सबसे ज्यादा देखा गया. चैनल पर सुबह और शाम को देखने वालों की संख्या में 40 प्रतिशत का उछाल आया है.
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