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राहुल गांधी के 'आलू की फैक्ट्री' पर हंसने वालों की हंसी बंद हो जाएगी, जब ये जानेंगे

राहुल के आलू की फैक्ट्री कहने का पूरा सच.

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फोटो - thelallantop

किसी को खारिज करने का सबसे आसान तरीका है, उसका मजाक बना देना. जिससे आप लड़ नहीं सकते या लड़ना नहीं चाहते, उसका चुटकुला बना दीजिए. जितने चुटकुले, जितना मजाक, उतनी आसानी से वो खत्म. भारतीय राजनीति में ये परंपरा पुरानी है, लेकिन इसका सबसे ज्यादा खामियाजा उठाया है राहुल गांधी ने. राहुल गांधी को इतना 'पप्पू' बनाया गया है कि फिलहाल उनके बूते कांग्रेस के आगे बढ़ने की कोई संभावना नहीं है.

बीते दिनों राहुल गांधी की एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर खूब शेयर की गई. ये वीडियो फिरोजाबाद में हुई राहुल गांधी की रैली का था, जिसमें वो गांववालों से कह रहे थे कि सत्ता में न होने की वजह से वो 'आलू की फैक्ट्री' नहीं लगवा सकते.  उनके इस बयान को सोशल मीडिया पर यूं शेयर किया गया, जैसे राहुल गांधी को ये भी नहीं पता कि आलू फैक्ट्री में नहीं, खेतों में उगते हैं. उनका मजाक उड़ाया गया कि किसानों की बात करने वाले एक भारतीय नेता को खेती की जमीनी समझ भी नहीं है.

इस वीडियो के आधार पर राहुल की धज्जियां उड़ाकर रख दी गईं. खुद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने उन्हें सुझाव दे डाला कि गंभीर मुद्दों के बजाय राहुल को आलू की फैक्ट्री पर ध्यान देना चाहिए. लेकिन, उस पूरी क्लिप को देखने की जहमत किसी ने नहीं उठाई.

यहां पर हम राहुल गांधी की जमीनी समझ पर कोई दावा नहीं कर रहे हैं. उनके अपने विचार, अपनी समझ और अपनी विचारधारा हो सकती है. हमें नहीं पता कि उन्हें आलू की खेती के बारे में कितनी जानकारी है. लेकिन क्या वाकई उन्होंने वो कहा, जो सबने समझा. इतने बवाल के बाद उनकी पूरी बात सुनना बनता है.

उस वक्त हुआ ये कि फिरोजाबाद की उस रैली में गांववालों ने राहुल गांधी से इलाके में आलू के चिप्स की फैक्ट्री लगाने की गुजारिश की थी. उनसे कहा गया कि जिले में सबसे बड़ी समस्या आलू के किसानों की है, क्योंकि आलू सस्ता बिक जाता है. ऐसे में अगर आलू के चिप्स की फैक्ट्री लग जाएगी, तो किसानों का भला हो जाएगा. इस बातचीत के दौरान राहुल गांधी ने 'स्टोरेज' और 'आलू के चिप्स की?', दोनों शब्द इस्तेमाल किए.

इसके बाद राहुल बोले कि विपक्ष का नेता होने की वजह से वो 'आलू की फैक्ट्री' नहीं लगवा सकते, लेकिन कांग्रेस की सरकार बनी तो 'आलू की फैक्ट्री' लगवाई जाएगी. राहुल की गलती बस इतनी सी थी कि एक बार 'आलू के चिप्स की फैक्ट्री' बोलने के बाद उन्होंने दोबारा चिप्स नहीं बोला. वो हर बार 'आलू की फैक्ट्री' कहते रहे. ये वहां का पूरा वीडियो है, इसे देख-सुन कर आप कायदे से समझ सकते हैं.

कोई भी इस वीडियो को देखने के बाद आराम से समझ सकता है कि राहुल के 'आलू की फैक्ट्री' कहने का क्या मतलब था.

सोशल मीडिया पर बीते दिनों यही सलूक ओम पुरी के साथ भी किया गया था, जब टीवी चैनल पर हुई डिबेट का एक हिस्सा उठाकर उन्हें जी भर के गरियाया गया था. जबकि उन्होंने जो कहा था, वो काफी अलग था, जिसे आप यहां पढ़ सकते हैं, 'ओम पुरी को गाली देने वाले अपनी गाली चाट लेंगे, जब ये जानेंगे'

हालांकि, जब राहुल का पुराना वीडियो आया था, तब हमने भी उसका स्पूफ बनाया था. बाकी लोगों की तरह हमने भी इस वीडियो का मजाक उड़ाया था. सॉरी राहुल.


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