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दुबई में इस भारतीय को जेल हुई है, 500 साल की!

बहुत नामी इस आदमी को जिस जुर्म में 500 साल की जेल हुई, उसकी वजह से इसकी 500 पुश्तें बैठे-बैठे खा सकती हैं.

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सिडनी लेमोस को दुबई की एक अदालत ने 500 साल जेल की सजा सुनाई है. लेमोस पर फर्जी स्कीम चलाकर लोगों के पैसे हड़पने का इल्जाम था.
गोवा के एक हिंदुस्तानी को दुबई में 500 साल से ज्यादा की जेल हुई है. सिडनी लेमोस का नाम 13 अरब रुपयों के ऐक्ज़ेंशियल घोटाले में शामिल था. फुटबॉल के बड़े-बड़े खिलाड़ियों से पहचान थी उसकी. लेमोस के लिए काम करने वाले एक कर्मचारी रेयान डी सूजा को भी सजा हुई है. ये दोनों चाहें, तो अपनी सजा के खिलाफ अपील कर सकते हैं. लेकिन तब भी इन्हें जमानत नहीं मिलेगी. इनकी सजा कितनी भी कम की जाए, तब भी इनको कम से कम उम्रकैद तो पक्का काटनी होगी.
ये ऐक्ज़ेंशियल घोटाला क्या था? साल 2011 में लेमोस ने एक कंपनी खोली. नाम रखा- ऐक्ज़ेंशियल. इस कंपनी में रेयान सीनियर अकाउंट्स स्पेशलिस्ट था. इन लोगों ने एक स्कीम निकाली. लोगों से कहा कि हमारी इस कंपनी के रास्ते पैसा निवेश करो, तो मुनाफा कमाओगे. निवेश करने वाले को कम से कम साढ़े 16 लाख रुपये लगाने थे. इसके बदले उन्हें सालाना 120 फीसद का मुनाफा देने का लालच दिया गया. इन लोगों ने बताया कि इनकी कंपनी विदेशी करंसी का कारोबार करती है. निवेश करने वाले लोगों को अपना एक फॉरेक्स अकाउंट खुलवाना पड़ता था. शुरुआत में कंपनी ने लोगों को मुनाफा भी दिया. लेकिन फिर पैसा देना बंद कर दिया. मार्च 2016 में कंपनी ने कहा कि स्कीम डूब गई. मुनाफा कहां से दें?
गोल घेरे में जो शख्स दिख रहा है,
गोल घेरे में जो शख्स दिख रहा है, वो है लेमोस. लेमोस की पत्नी वलाने का कहना है कि कंपनी सच में डूब गई थी. कोई फर्जीवाड़ा नहीं हुआ.

लेमोस पकड़ा गया, वलाने भागकर भारत आ गई दुबई के पैसे-वैसे संभालने वाले विभाग का नाम है इकॉनमिक डिपार्टमेंट. उसके पास लेमोस के खिलाफ करीब 513 शिकायतें मिलीं. डिपार्टमेंट ने जुलाई 2016 में कंपनी के दफ्तरों पर ताला लगा दिया. लेमोस और रेयान पर केस शुरू हुआ. लेमोस की पत्नी वलाने कोरडोजो के खिलाफ भी केस दर्ज हुआ था. इल्जाम था कि दिसंबर 2017 में वो चुपके से तालाबंद दफ्तर में घुसी और कुछ जरूरी कागजात निकाल ले गई. दिसंबर 2016 में दुबई पुलिस ने लेमोस को गिरफ्तार कर लिया. लेकिन फिर उसे जमानत मिल गई. जनवरी 2017 में पुलिस ने लेमोस को दोबारा अरेस्ट कर लिया. वलाने को अरेस्ट नहीं किया जा सका. वो भागकर भारत आ गई. रेयान ने भी भागने की कोशिश की, लेकिन पकड़ा गया.
गोवा से एक और कनेक्शन है 2015 में लेमोस की कंपनी 'एफ सी प्राइम मार्केट्स' ने गोवा के फुटबॉल क्लब 'FC गोवा' को स्पॉन्सर किया. जैसे हमारे यहां क्रिकेट में IPL (इंडियन प्रीमियर लीग) है. वैसे ही फुटबॉल का भी एक टूर्नमेंट होता है. इसका नाम है- इंडियन सुपर लीग. शॉर्ट में, ISL. इसमें गोवा की तरफ से खेलता है FC गोवा. क्रिकेट और फिल्मों के कुछ नामी-गिरामी लोगों ने भी अपनी टीमें खरीदी हैं. सचिन तेंदुलकर, अभिषेक बच्चन और रणबीर कपूर ने भी ISL में पैसा लगाया हुआ है. वो 'कम ऑन इंडिया, लेट्स फुटबॉल' वाला ऐड देखा होगा. वो इसी का है. तो ISL के बहाने लेमोस की इन लोगों के साथ भी पहचान बनी. कई बड़े फुटबॉल खिलाड़ियों से भी इसकी पहचान थी. ब्राजील के सुपरस्टार नेमार ने एक बार वलाने के लिए एक विडियो बनाया था. ये सारी पहचान और प्रचार लेमोस के बहुत काम आई.
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2015 में लेमोस की कंपनी ने इंडियन सुपर लीग के फुटबॉल क्लब एफसी गोवा को स्पॉन्सर किया था.

वलाने कहती है- हम निर्दोष हैं लेमोस की पत्नी वलाने का कहना है कि फर्जीवाड़े वाली बात झूठी है. कंपनी सच में डूब गई थी. उसका कहना है कि 2011 से 2015 तक कंपनी ने अपने इन्वेस्टर्स को प्रॉफिट दिया. लेकिन फिर कंपनी का एक बैंक खाता बंद हो गया. इसके बाद ही परेशानियां शुरू हुईं. इससे पहले कि ये परेशानियां दूर की जातीं, केस शुरू हो गया. वलाने का कहना है कि न केवल वो और लेमोस, बल्कि रेयान भी एकदम निर्दोष है.


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