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राहुल गांधी की तो चली गई, लेकिन इस सांसद ने ऐसे बचाई थी अपनी सांसदी

सांसद को 10 साल की सजा सुनाई गई थी.

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राहुल गांधी और मोहम्मद फैसल. (फोटो सोर्स- आज तक)

राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की सांसदी चली गई है. सूरत की कोर्ट ने कल 23 मार्च को उन्हें "मोदी सरनेम" वाले बयान (Modi Surname Defamation Case) को लेकर मामले में दोषी करार दिया था. जिसके बाद लोकसभा सचिवालय ने नोटिफिकेशन जारी कर राहुल की सदस्यता खत्म कर दी. 

अब बड़ा सवाल है कि क्या राहुल आगे चुनाव लड़ पाएंगे? 1951 के ‘रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपुल्स एक्ट’ के प्रावधानों के मुताबिक, 2 साल की सजा का ऐलान होने पर, सजा के 2 साल और उसके बाद 6 साल तक राहुल गांधी चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हैं. हालांकि, सूरत कोर्ट के फैसले के खिलाफ राहुल के पास अभी कानूनी विकल्प मौजूद हैं.

लेकिन इसी रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपुल्स एक्ट से जुड़ा एक पुराना मामला है. जिसमें एक सांसद को इसलिए सजा से मुक्त कर दिया गया ताकि उपचुनाव न करवाने पड़ें. ये कोर्ट का तर्क था. पूरा मामला तफसील से जानते हैं.

क्या था मामला?

लक्षद्वीप से सांसद और NCP नेता मोहम्मद फैजल और 3 अन्य लोगों को हत्या के प्रयास के एक पुराने मामले में 10 जनवरी, 2023 को 10 साल कैद की सजा सुनाई गई. मोहम्मद फैजल पर पूर्व केंद्रीय मंत्री पीएम सईद के दामाद और कांग्रेस नेता मोहम्मद सालिया पर हमले का आरोप था. कावारत्ती जिला न्यायालय से ये सजा हुई. फैसल को कन्नूर जेल भी भेज दिया गया. 13 जनवरी को लोकसभा सचिवालय ने फैसल की सदस्यता भी रद्द कर दी. ठीक उसी तरह जैसे राहुल की सदस्यता रद्द हुई और 18 जनवरी को चुनाव आयोग ने लक्षद्वीप लोकसभा के लिए 27 फरवरी को उपचुनाव कराने की घोषणा कर दी.

ऐसे बची सांसदी

लेकिन फैसल ने कावारत्ती डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के फैसले के खिलाफ केरल हाईकोर्ट में अपील की थी. केरल हाई कोर्ट ने फैसल की सजा रद्द कर दी. केरल हाईकोर्ट के जज बेचू कुरियन थॉमस ने कहा कि इस तरह का कदम महंगे चुनाव से बचने के लिए जरूरी है. यह भी तथ्य है कि इस तरह से महंगी चुनाव प्रक्रिया के बाद चुने गए उम्मीदवार का कार्यकाल केवल 15 महीने का होगा.

हालांकि, केरल हाई कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ लक्षद्वीप प्रशासन का कहना था कि अगर सजा रद्द की गई तो समाज में गलत संदेश जाएगा. 

दोषसिद्धि पर तो निलंबन हो गया लेकिन मामला फैसल की अयोग्यता पर अटका था. मोहम्मद फैसल ने 19 जनवरी को उपचुनाव करवाने के चुनाव आयोग के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाल दी.

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस कुरियन जोसेफ की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिका का निस्तारण करते हुए कहा,

“निर्वाचन आयोग ने भी कह दिया है कि केरल हाई कोर्ट की ओर से पूर्व सांसद की दोष सिद्धि पर रोक लगाने के बाद अब EC नई परिस्थितियों के लिए मौजूदा नियमों के तहत आगे की कार्यवाही करेगा.” 

वहीं चुनाव आयोग ने कहा,

“केरल हाईकोर्ट से दोष सिद्धि पर स्टे लगाए जाने के बाद फिलहाल उपचुनाव की जरूरत नहीं रह गई है.”

इस पूरी जद्दोजहद के बाद आखिरकार सांसद फैसल मोहम्मद ने अपनी सांसदी बचा ली थी. 

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