भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान में आतंकी गतिविधियों पर कई खुलासे किए. तीनों सेनाओं- थलसेना, वायुसेना और नौसेना ने एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऑपरेशन सिंदूर की डिटेल में जानकारी बताई. इसके अलावा एक डॉक्यूमेंट भी शेयर किया गया है. इसमें सामने आया कि पाकिस्तान की सेना, पुलिस और सियासी नेता आतंकियों के साथ ना केवल हमदर्दी रखते हैं, बल्कि उनके अंतिम संस्कार में भी शामिल होते हैं.
लश्कर कमांडर के जनाजे में शामिल हुए थे पाकिस्तानी आर्मी के ये अधिकारी, भारत ने एक-एक का नाम बताया
Operation Sindoor: भारतीय सेना ने जो डॉक्यूमेंट शेयर किया, उसमें बताया गया है कि लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के आतंकियों के जनाजे में पाकिस्तानी सेना के सीनियर अधिकारी, पंजाब प्रांत के पुलिस प्रमुख और एक MPA (विधायक) शामिल हुआ. ये आतंकवादी ऑपरेशन सिंदूर के तहत मुरीदके में भारतीय सैन्य कार्रवाई के दौरान मारे गए थे.

भारतीय सेना ने जो डॉक्यूमेंट शेयर किया, उसके अनुसार लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के आतंकियों के जनाजे में पाकिस्तानी सेना के सीनियर अधिकारी, पंजाब प्रांत के पुलिस प्रमुख और एक MPA (विधायक) शामिल हुआ. ये आतंकवादी ऑपरेशन सिंदूर के तहत मुरीदके में भारतीय सैन्य कार्रवाई के दौरान मारे गए थे.
लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर अब्दुल रऊफ ने खुद इन आतंकियों की जनाजे की नमाज अदा कराई. अब्दुल रऊफ को अमेरिकी ट्रेजरी ने ग्लोबल टेररिस्ट घोषित कर रखा है.
आतंकियों के जनाजे में शरीक होने वाले पाकिस्तान के बड़े ओहदेदार-
- लेफ्टिनेंट जनरल फैयाज हुसैन शाह, HI (M) - कोर कमांडर IV कोर, लाहौर
- मेजर जनरल राव इमरान सरताज - GOC 11 इन्फेंट्री डिवीजन, लाहौर
- ब्रिगेडियर मोहम्मद फुरकान शब्बीर - कमांडर 15 Hy Mech Bde, लाहौर (पहले 11 इन्फेंट्री डिवीजन/4 कोर)
- डॉ. उस्मान अनवर - इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (IGP), पंजाब
- मलिक सोहैब अहमद भरथ - पंजाब की प्रांतीय विधानसभा के सदस्य (MPA)

इनकी मौजूदगी से साफ हो गया कि आतंकवाद को पाकिस्तान के सत्ता प्रतिष्ठान का सीधा समर्थन मिला हुआ है. दरअसल, पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया. इसके तहत 7 मई की रात को भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों पर स्ट्राइक की. इसमें 100 से ज्यादा आतंकवादियों की मौत हो गई, जिनमें मुदस्सर खादीयन खास, अबू जुंदाल, हाफिज मुहम्मद जमील, मोहम्मद यूसुफ आजहर, खालिद और मोहम्मद हसन खान के नाम शामिल हैं.
इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष बढ़ता चला गया. 10 मई को पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन (DGMO) ने भारत के DGMO से शांति समझौते की पेशकश की. इसके बाद 10 मई शाम 5 बजे से भारत-पाकिस्तान के बीच शांति समझौता लागू हुआ.
हालांकि, इसके बाद भी पाकिस्तान की ओर से सीजफायर का उल्लंघन हुआ, जिस पर भारत ने कड़ा जवाब दिया. भारतीय सेना ने साफ किया कि अगर पाकिस्तान ने दोबारा सीजफायर का उल्लंघन किया, तो भारत मुंहतोड़ जवाब देने से पीछे नहीं हटेगा.
वीडियो: सेना ने पाकिस्तान में हमले का एक-एक सबूत दिखा दिया