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पुलवामा हमले में शामिल जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा टॉप आतंकी मारा गया

मसूद अजहर का खास माना जाता था अदनान उर्फ इस्माइल उर्फ लंबू.

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लंबू की फाइल फोटो. फोटो राहुल पंडिता के ट्विटर हैंडल @rahulpandita से लिए गए हैं.
जैश-ए-मोहम्मद का कुख्यात आतंकवादी अदनान उर्फ इस्माइल उर्फ लंबू को सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में मार गिराया. शनिवार 31 जुलाई की सुबह जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों और सुरक्षा बलों के बीच एक मुठभेड़ हुई. इसमें लंबू समेत दो आतंकी मारे गए. ऐसा माना जाता है कि लंबू, मसूद अजहर का करीबी रिश्तेदार भी था. जैश ने लंबू को कोडनेम 'सैफुल्ला' भी दिया हुआ था जो जैश के सबसे खास कमांडरों को दिया जाता है. पुलवामा हमले में भी लंबू का हाथ था और NIA की चार्जशीट में उसका नाम भी था. https://twitter.com/KashmirPolice/status/1421357339118948353 इंडिया टुडे से बातचीत में जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि लंबू IED बनाने में एक्सपर्ट था. कई आतंकी घटनाओं में उसका हाथ रहा है. पुलवामा के डाचीगाम इलाके में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच ये मुठभेड़ हुई. लंबू के अलावा जो दूसरा आतंकी मारा गया है, उसकी पहचान नहीं हो सकी है. कश्मीर के आईजी विजय कुमार ने लंबू के मारे जाने की पुष्टि की है. उन्होंने इसे सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी बताया है. उन्होंने कहा कि मुठभेड़ वाली जगह से एक एके-47, एक एम-4 रायफल समेत अन्य विस्फोटक सामग्री भी मिली है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस ने बताया कि उसे डाचीगाम इलाके में कुछ संदिग्ध बंदूकधारियों के देखे जाने की खबर मिली थी. इस सूचना के आधार पर एसओजी. आर्मी के 55RR और CRPF 192 बटालियन के जवान मौके पर पहुंचे. आतंकियों की तलाश में कॉम्बिंग की जाने लगी. आतंकियों ने खुद को घिरता देख फायरिंग शुरू कर दी. इस पर सुरक्षाबलों की ओर से उन्हें आत्मसमर्पण करने को कहा गया. आत्मसमर्पण की बात को आतंकियों ने नहीं माना और फायरिंग जारी रखी. इस पर सुरक्षा बलों ने भी फायरिंग की जिसमें दोनों आतंकी मारे गए. दोनों के शवों को सुरक्षाबलों ने अपने कब्जे में ले लिया. पहचान के लिए स्थानीय पुलिस की मदद ली गई तब पता चला कि इनमें से एक जैश का कुख्यात आतंकी लंबू है. IED बनाने में माहिर था लंबू दूसरे आतंकी की पहचान नहीं हो सकी है लेकिन ऐसा अनुमान है कि वह भी विदेशी है. आपको बता दें कि लंबू भी पाकिस्तानी आतंकवादी था और ऐसा माना जाता है कि वह चोरी छुपे भारत में घुसा था. आईजी कश्मीर विजय कुमार ने इस सफलता के लिए पुलिस, सेना और CRPF को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि लंबू के मारे जाने के बाद घाटी में IED चुनौती कुछ हद तक कम होगी. गौरतलब है कि लंबू को IED बम बनाने में महारथ हासिल थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस्माइल उर्फ लंबू साल 2019 में हुए पुलवामा हमले की साजिश में भी शामिल था. 14 फरवरी 2019 को हुए इस हमले में 40 भारतीय जवान शहीद हुए थे. फिदायीन हमले के दिन तक वह आतंकी आदिल डार के साथ रुका था. आदिल का एक वीडियो भी वायरल हुआ था जिसमें लंबू की आवाज भी थी. जैश का मेन कमांडर था लंबू इंडिया टुडे संवाददाता कमलजीत कौर संधू की एक रिपोर्ट के मुताबिक लंबू फिलहाल कश्मीर में जैश का मेन कमांडर था. वह पाकिस्तान के बहवालपुर (Bahawalpur) की कौसर कॉलोनी (Kosar colony) का रहने वाला था. ऐसा माना जाता है कि जनवरी 2017 में वह भारत में दाखिल हुआ था और पुलवामा व अनंतनाग में आतंकी गतिविधियां संचालित करता था. उसने स्थानीय आतंकवादी समीर अहमद डार के साथ मिलकर भी काम किया था. ऐसा माना जाता है कि मार्च 2020 में बड़गाम में हुई एक मुठभेड़ के दौरान लंबू वहां से बच निकला था. लंबू स्थानीय लड़कों को भर्ती भी करता था. इस्माइल उर्फ लंबू, उफगानिस्तान में तालिबान की ओर से भी लड़ चुका था.