जैश-ए-मोहम्मद का आतंकी आका मसूद अजहर पाकिस्तान में बैठकर रो रहा है. क्योंकि भारतीय सेना ने उसे वही दर्द दिया है जो वो हमारे निर्दोष लोगों को देता आ रहा है. सेना के ऑपरेशन सिंदूर में मसूद अजहर का भाई अब्दुल रऊफ अजहर बुरी तरह घायल हुआ है. कुछ घंटे पहले ऐसी खबर आई थी कि रऊफ अस्पताल में अपनी आखिरी सांसें गिन रहा है.
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भाई अब्दुल रऊफ के लिए रो रहा मसूद अजहर , पाक और चीन बार-बार बचाते थे
रऊफ अज़हर 1999 में फ्लाइट IC814 के हाईजैक, 2001 में संसद हमले और 2016 के पठानकोट एयरबेस पर हमले की प्लानिंग और एक्ज़ीक्यूशन में शामिल था.

6-7 मई की रात ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेना ने टारगेटेड हमला किया. इनमें इंटरनेशनल बॉर्डर से पाकिस्तान के 100 किलोमीटर अंदर बहावलपुर स्थित सुभान अल्लाह मस्जिद भी शामिल है. यह मस्जिद जैश का हेडक्वॉर्टर थी. इसी हमले में रऊफ घायल हुआ था. रऊफ के अलावा मसूद के परिवार के 14 लोग और मारे गए हैं.
अब्दुल रऊफ अजहर का कच्चा चिट्ठारऊफ अजहर मसूद अजहर का सिर्फ छोटा भाई नहीं था, वह जैश में सेकेंड इन कमांड था. यानी मसूद का उत्तराधिकारी रऊफ ही था. वह 2007 में जैश का एक्टिंग लीडर बना. वह भारत में जैश का टॉप कमांडर और इंटेलिजेंस कमांडर भी रहा. 2008 में उसे भारत में आत्मघाती हमलों की योजना का ज़िम्मा सौंपा गया था. वह जैश के राजनीतिक और प्रशिक्षण गतिविधियों से भी जुड़ा हुआ था.
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रऊफ को निपटाने के साथ ही भारत ने कंधार हाईजैक से लेकर, संसद हमले और पठानकोट एयरबेस हमले का भी बदला ले लिया है. 1999 में मसूद अजहर को भारत की गिरफ्त से छुड़ाने के लिए कंधार में प्लेन हाईजैक किया गया. हाल में इस हाईजैक पर एक सीरीज़ आई थी IC 814. अपने भाई मसूद को छुड़ाने के लिए इस पूरे हाईजैक की योजना बनाने और उसे अंजाम देने में रऊफ अज़हर का बड़ा हाथ था.
2001 में भारत की संसद पर हमला किया गया. आतंकियों के मंसूबे तो पूरे नहीं हुए, लेकिन चोट गहरी लगी थी. संसद हमले की भी प्लैनिंग और एक्ज़ीक्यूशन में रऊफ की भूमिका काफी महत्वपूर्ण थी.
इसके अलावा 2016 में पठानकोट में एयरबेस पर आतंकी हमला हुआ था. दिसंबर 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पाकिस्तान के आक्समिक दौरे के तुरंत बाद 2 जनवरी को पठानकोट में आतंकियों ने हमला कर दिया. यह हमला जैश-ए-मोहम्मद ने किया था. और हमले का रचयिता था रऊफ अजहर.
चीन ने नहीं लगने दिया था प्रतिबंधमई 2023 में भारत ने अब्दुल रऊफ को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ग्लोबल टेररिस्ट की लिस्ट में शामिल कर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव दिया. लेकिन इस पर चीन ने आपत्ति जता दी और रऊफ बच गया. इससे पहले अगस्त 2022 में भी, जब भारत और अमेरिका ने रऊफ अज़हर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने और उस पर यात्रा प्रतिबंध, संपत्ति जब्ती और हथियार प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव दिया था, तब भी चीन ने इस पर रोक लगा दी थी.
चीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य है और उसके पास वीटो की शक्ति है. इसी का फायदा उठाकर वह पाकिस्तान से अपनी दोस्ती निभाते हुए इन आतंकियों को बचाता रहा है. लेकिन अब रऊफ पर प्रतिबंध लगाने के लिए विदेश मंत्रालय को माथापच्ची नहीं करनी पड़ेगी.
वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: इंडियन आर्मी ने ऑपरेशन सिंदूर को कैसे अंजाम दिया