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चीन की एक बड़ी मजबूरी है... तो इसलिए नहीं कर पा रहा भारत का खुलकर विरोध

China Financial Stakes in India-Pakistan: चीन ने दोनों देशों से तनाव कम करने की भी अपील की है. इस बीच सवाल ये है कि चीन के भारत में क्या व्यापारिक हित हैं? वो भारत-पाकिस्तान के बीच किस तरह बैलेंस बना रहा है?

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चीन का भारत और पाकिस्तान के साथ बिजनेस का क्या भविष्य है. (फ़ोटो- PTI/AP)

भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच चीन के स्टैंड को अहम माना जा रहा है (China On India Pakistan Tension). चीन ने पूरे मामले पर चिंता जताई है और आतंकवाद का विरोध किया है. उसने दोनों देशों से तनाव कम करने की भी अपील की है. इस बीच सवाल ये है कि चीन के भारत में क्या व्यापारिक हित हैं? वो भारत-पाकिस्तान के बीच किस तरह बैलेंस बना रहा है?

इस सवाल का जवाब दिया हिंदुस्तान में चीन से जुड़े मामलों के बड़े विशेषज्ञों में से एक और जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में सेंटर फ़ॉर ईस्ट एशियन स्टडीज के प्रोफेसर श्रीकांत कुंडापल्ली ने. लल्लनटॉप से ख़ास बातचीत में उन्होंने बताया कि भारत में चीनी सामानों के कुल मिलाकर 40 करोड़ के क़रीब कंज्यूमर्स हैं. इनमें चीन का लगभग 63 प्रतिशत कंजम्पशन होता है.

मतलब अगर चीन सौ चीज़ें बनाता है, तो 63 प्रतिशत भारत के कंज्यूमर उसका इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में उन्हें भारत से बहुत फ़ायदा है. हालांकि, हाल के सालों में भारत का व्यापारिक घाटा (trade deficit) घटा है. क्योंकि भारत ने गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद कुछ पाबंदी लगाई हैं.

भारत एक फ्री मार्केट इकोनॉमी है. यानी व्यापार में सरकार का कंट्रोल नहीं है. ऐसे में भारत कुछ ही पाबंदियां लगा सकता है. जैसे टैरिफ या दूसरे कस्टम्स बढ़ाकर. प्रोफेसर श्रीकांत कुंडापल्ली ने आगे बताया कि कुल मिलाकर गलवान के बाद लगाई कई पाबंदियों से चीन का बहुत नुकसान हुआ है.

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कुछ समय पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भी चीन पर बहुत ज़्यादा टैरिफ़ बढ़ा दिया है. इससे भी उनको क़रीब 580 बिलियन डॉलर (लगभग 50 लाख करोड़) का नुकसान हो रहा है. इन सबके कारण चीन लगातार भारत और पाकिस्तान के बीच संतुलन बनाकर रखना चाहता है. क्योंकि चीन भारत में मौजूद उसके 40 करोड़ उपभोक्ताओं को बनाए रखना चाहता है.

चीन पर दबाव है कि उसे भारत में सामान पहुंचाते रहना है और भारत के मार्केट में अपने आपको बनाए रखना है. इसीलिए वो इस समय भारत-पाकिस्तान के बीच बैलेंस बनाकर चल रहा है.  

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