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IRCTC ने कहा - बिहार में शराब चालू करो, ट्रेन चलाने में घाटा हो रहा है!

चखना ख़रीदने से पहले पूरी ख़बर तो पढ़ लो!

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(बाएं) बिहार के सीएम नीतीश कुमार (तस्वीर- एएनआई). दाईं तस्वीर सांकेतिक है. (साभार- Unsplash.com)

बिहार में शराबबंदी राज्य की नीतीश कुमार सरकार के सबसे बड़े फैसलों में से एक है. अप्रैल 2016 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में शराब के कारोबार पर आधिकारिक रोक लगा दी थी. तब से ये मुद्दा प्रदेश की राजनीति पर हावी रहा है. इसे लेकर नई बहस, नए विवाद सामने आते रहते हैं. भूमिका समाप्त, अब खबर बताते हैं. बिहार की शराबबंदी पर फिर बहस छिड़ सकती है. वजह है इंडियन रेलवे कैटरिंग ऐंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन यानी IRCTC का एक बयान. उसने कहा है कि शराबबंदी के कारण बिहार में पर्यटन को बढ़ावा नहीं मिल पा रहा है, इसलिए कम से कम विदेशी पर्यटकों को शराब की बोतलें गटकने की अनुमति मिलनी चाहिए.

विदेशी पर्यटकों को तो पीने दो- IRCTC

बिहार सरकार दावा करती रही है कि शराबबंदी से राज्य के पर्यटन पर कोई असर नहीं पड़ा है. लेकिन IRCTC इससे इत्तेफाक नहीं रखता. वो कह रहा है कि बिहार के पर्यटन को शराबबंदी प्रभावित कर रही है, इसलिए कम से कम विदेशी सैलानियों को शराब खरीदने और पीने की सुविधा दी जानी चाहिए. आजतक से जुड़े सुजीत झा की रिपोर्ट के मुताबिक IRCTC का कहना है कि शराबबंदी के कारण विदेशी पर्यटक बिहार का रुख नहीं कर रहे हैं.

दरअसल, IRCTC के ईस्ट जोन के ग्रुप जनरल मैनेजर जफर आजम ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा,

“हम लोग जैसे पानी पीते हैं, वैसे विदेशी लोग वो (शराब) पीते हैं. इसलिए अगर आप विदेशी मुद्रा अर्जित करना चाहते हैं तो विदेशी पर्यटकों को उनके हिसाब से खाने और पीने की आजादी देनी होगी.”

जफर आजम ने भारत आने वाले कई देशों के नागरिकों से बातचीत के आधार पर ये बात कही है. उनके मुताबिक विदेशी पर्यटक बोधगया, वैशाली, सारनाथ समेत बिहार के कई मशहूर और चर्चित पर्यटक और धार्मिक स्थलों पर जाना चाहते हैं, लेकिन यात्रा के दौरान शराब ना मिलने से उनका काम नहीं चलता है.

जफर आलम ने कहा कि राज्य को भी विदेशी मुद्रा की जरूरत होती है और इसके लिए विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करना जरूरी है. लेकिन शराबबंदी इस काम में बड़ी बाधा है. IRCTC के अधिकारी ने कहा कि अगर बिहार सरकार को अपना विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाना है तो वो शराबबंदी को लेकर IRCTC के ब्लू प्रिंट पर काम कर सकती है. जफर का दावा है कि इससे ना सिर्फ बिहार सरकार को करोड़ों डालर की विदेशी मुद्रा मिल सकती है, बल्कि हजारों लोगों के लिए रोजगार भी पैदा किए जा सकते हैं.

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