बलूच नेता मीर यार बलोच (Mir Yar Baloch) ने 14 मई को पाकिस्तान (Pakistan) से आजादी की औपचारिक घोषणा कर दी. उन्होंने दशकों से हो रही हिंसा, जबरन बलूच लोगों की गायब किए जाने की घटनाएं और मानवाधिकार के उल्लंघन को इसकी वजह बताया है. और भारत समेत अंतरराष्ट्रीय समुदाय से समर्थन की अपील की है.
"बलूचिस्तान अब पाकिस्तान का हिस्सा नहीं"; बलोच नेता ने किया आजादी का एलान, भारत से मांगी मदद
Baloch नेता Mir Yar Baloch ने पाकिस्तान पर बलूचों के दमन और उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए Balochistan के आजादी की घोषणा कर दी है. उन्होंने भारत समेत वैश्विक समुदाय से इस फैसले के समर्थन की अपील की है.

मीर यार बलोच ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि बलूचिस्तान के लोगों ने अपना फैसला सुना दिया है. और दुनिया को अब चुप नहीं रहना चाहिए. उन्होंने भावुक अपील करते हुए लिखा,
तुम मारोगे, लेकिन हम निकलेंगे, क्योंकि हम नस्ल बचाने निकले हैं, आओ हमारा साथ दो. पाकिस्तान अधिकृत बलूचिस्तान में लोग सड़कों पर हैं. और ये उनका राष्ट्रीय फैसला है कि बलूचिस्तान अब पाकिस्तान का हिस्सा नहीं है. दुनिया अब मूकदर्शक बनकर नहीं रह सकती.
मीर यार बलोच ने भारतीय नागरिकों, खासकर मीडिया, यूट्यूबर्स और बुद्धिजीवियों से आग्रह किया कि वे बलूचों को 'पाकिस्तान के अपने लोग' कहना बंद करें. उन्होंने कहा,
हम बलूचिस्तानी हैं, पाकिस्तानी नहीं. पाकिस्तान के अपने लोग पंजाबी हैं, जिन्होंने कभी एयर बॉम्बिंग, जबरन गायब किए जाने और नरसंहार जैसी घटनाओं का सामना नहीं किया.
मीर यार बलोच ने पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू कश्मीर (POJK) पर भारत के रुख का पुरजोर समर्थन किया है. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पाकिस्तान पर इस क्षेत्र को खाली करने के लिए दबाव डालने का आग्रह किया है. मीर यार ने कहा,
14 मई 2025 को बलूचिस्तान पाकिस्तान से POJK खाली करने की भारत की मांग का पूरा समर्थन करता है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान से तुरंत POJK छोड़ने का आग्रह करना चाहिए. पाकिस्तान ने अगर ये बात नहीं मानी तो उसे एक बार फिर से ढाका जैसी शर्मिंदगी झेलनी पड़ेगी. जिसमें 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों को सरेंडर करना पड़ा था.
उन्होंने चेतावनी दी कि पाकिस्तानी सेना की एक और शर्मनाक हार के जिम्मेदार लालची जनरल होंगे, जो POJK के लोगों को अपनी ढाल बना रहे हैं. मीर यार बलोच ने भारत और वैश्विक समुदाय से अपील की है कि वे बलूचिस्तान को मान्यता दें और पाकिस्तान के झूठे दावों का समर्थन ना करें. उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान को बलपूर्वक और विदेशी ताकतों की मिलीभगत से पाकिस्तान में मिलाया गया था.

बलूचिस्तान में लंबे समय से मानवाधिकार उल्लंघन की बेहद परेशान करने वाली खबरें आती रहती हैं. इसमें जबरन लोगों को गायब कर दिया जाना, एक्स्ट्रा ज्यूडिशियल किलिंग और असहमति की आवाजों को दबाया जाना शामिल है. पाकिस्तानी सुरक्षा बलों और स्थानीय सशस्त्र समूह दोनों पर ही मानवाधिकार के हनन का आरोप लगे हैं.
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बलूचिस्तान में चल रहे संघर्ष में अक्सर स्थानीय नागरिक पीड़ित होते हैं. लेकिन मीडिया तक उनकी पहुंच नहीं होती. या फिर उनके प्रति कोई कानूनी जवाबदेही भी नहीं होती है. हाल में अंतरराष्ट्रीय समुदाय में उनको लेकर चिंता बढ़ी है. लेकिन अब भी किसी सार्थक हस्तक्षेप का अभाव बना हुआ है.
कौन हैं मीर यार बलोच?मीर यार बलोच बलूचिस्तानी फ्रीडम फाइटर, लेखक, मानवाधिकार कार्यकर्ता और ‘फ्री बलूच मूवमेंट’ के प्रतिनिधि हैं. वे खुद को पत्रकार भी बताते हैं. मीर यार बलोच लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बलूच लोगों के अधिकारों की आवाज उठा रहे हैं.
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