अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Trump in Saudi) ने एक बार फिर से भारत-पाकिस्तान सीजफायर (India-Pakistan Ceasefire) को लेकर अपने दावे को दोहराया है. इस युद्ध विराम समझौते का पूरा क्रेडिट उन्होंने खुद और अपने प्रशासन को दिया है. ट्रंप पहले भी ऐसे दावे कर चुके हैं. और भारत सरकार भी इसे पहलेही नकार चुके है. लेकिन ट्रंप ने इस बार इसको दिलचस्प अंदाज में कहा है.
ट्र्ंप हैं कि मानते नहीं... अब भारत-पाकिस्तान को एक साथ डिनर पर भेजने की बात कह दी
Donald Trump at Saudi-US investment forum: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब राष्ट्र को संबोधित करने वाले थे, तब उससे ठीक पहले ट्रंप ने क्रेडिट का एक और कार्ड खेला. उन्होंने बयान दे दिया कि ट्रेड का धौंस दिखाकर उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराया.

‘सऊदी-यूएस इन्वेस्टमेंट फोरम 2025’ में हिस्सा लेने के लिए ट्रंप सऊदी अरब की राजधानी रियाद पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा,
कुछ दिन पहले ही, मेरी सरकार ने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ती हिंसा को रोकने के लिए, एक ऐतिहासिक युद्धविराम कराने में सफलता हासिल की. और इसमें मैंने व्यापार का अच्छा उपयोग किया. मैंने कहा- ‘दोस्तों, आओ एक सौदा करें. चलो व्यापार करें. परमाणु मिसाइलों का व्यापार न करें, बल्कि उन चीजों का व्यापार करें जो आप इतनी खूबसूरती से बनाते हैं.’ दोनों देशों के पास बहुत ताकतवर, मजबूत, अच्छे और समझदार नेता हैं. और फिर सब कुछ रुक गया. उम्मीद है कि ऐसा ही बना रहेगा, लेकिन फिलहाल सब शांत है.
अमेरिकी राष्ट्रपति इस दौरान अपने विदेश मंत्री मार्को रुबियो की पीठ थपथपाने में भी पीछे नहीं रहे. ट्रंप ने अमेरिकी उप राष्ट्रपति जेडी वेंस का भी नाम लिया. उन्होंने कहा,
भारत-पाकिस्तान के बीच सीधी बात हुई थीमैं मार्को रुबियो और उन सभी लोगों पर गर्व महसूस करता हूं जिन्होंने इतनी मेहनत की. मार्को, खड़े हो जाओ. तुमने बहुत अच्छा काम किया. धन्यवाद, जेडी वेंस. मार्को, आपके साथ पूरी टीम ने मिलकर अच्छा काम किया. ये वाकई एक शानदार काम था. मुझे लगता है कि अब वो एक-दूसरे के साथ ठीक तरह से व्यवहार कर रहे हैं. शायद हम मार्को की मदद से उन्हें एक साथ डिनर पर भी भेज सकें. कितना अच्छा होगा न? हमने बहुत लंबा सफर तय किया है. इस संघर्ष में लाखों लोग मारे जा सकते थे, क्योंकि ये छोटा स्तर पर शुरू हुआ था लेकिन दिन-ब-दिन बड़ा होता जा रहा था. मैं रूस और यूक्रेन के बीच के खूनखराबे को भी खत्म करने के लिए लगातार काम कर रहा हूं.
ये सच है कि ट्रंप ने ही सबसे पहले भारत-पाकिस्तान सीजफायर की जानकारी दुनिया के सामने रखी थी. लेकिन इस बातचीत में उनकी सरकार का कितना योगदान था? भारत सरकार ट्रंप के दावे को खारिज कर चुकी है. ये स्पष्ट किया गया है कि पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन (DGMO) ने भारत में अपने समकक्ष को फोन किया था. उन्हीं की ओर से सीजफायर की पहल की गई. इसके बाद भारत ने अपनी शर्तों हमले रोकने के लिए "अंडरस्टैंडिंग" की घोषणा की.
भारत ने ये स्पष्ट संदेश दिया कि पाकिस्तान से उनकी सीधी बात हुई है. बीच में अमेरिका या कोई अन्य देश नहीं था. लेकिन इसके बावजूद ट्रंप नहीं थक रहे. उन्होंने इसमें ट्रेड वाले एंगल को भी घुसा दिया.
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12 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब राष्ट्र को संबोधित करने वाले थे, तब उससे ठीक पहले ट्रंप ने क्रेडिट का एक और कार्ड खेला. उन्होंने बयान दे दिया कि ट्रेड का धौंस दिखाकर उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराया. हालांकि, इसके तुरंत बाद भारत सरकार ने उनके इस दावे को भी खारिज कर दिया. सरकार ने कहा कि अमेरिका-भारत के बीच इस दौरान ट्रेड को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई.
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