NTA की NEET UG 2024 परीक्षा नतीजे जारी होने के बाद से हंगामा जारी है. इसी बीच केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान दिल्ली विश्वविद्यालय (Dharmendra Pradhan Delhi University) जाने वाले थे. योग दिवस समारोह के मौक़े पर. लेकिन अब उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) जाने का कार्यक्रम रद्द कर दिया है. बताया जा रहा है कि छात्रों ने उन्हें काले झंडे दिखाए. छात्रों ने NEET और UGC NET को लेकर नारे भी लगाए.
धर्मेंद्र प्रधान का DU में कोई कार्यक्रम था ही नहीं, PIB का दावा, लेकिन मुख्य अतिथि तो वही थे
Dharmendra Pradhan ने छात्रों के विरोध के बाद Yoga Day celebration program में जाने का प्रोग्राम रद्द कर दिया.

DU के छात्रों ने विरोध करते हुए हंगामा भी किया. इंडिया टुडे से जुड़े पीयूष मिश्रा की रिपोर्ट के मुताबिक़, छात्रों का कहना है कि धर्मेंद्र प्रधान और NTA ने छात्रों के भविष्य को ख़तरे में डाल दिया है. विरोध के डर से शिक्षा मंत्री कार्यक्रम में नहीं आए हैं. NEET और अब UGC-NET में हुए घोटाले ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के भ्रष्टाचार को पूरी तरह से उजागर कर दिया है. छात्रों ने कहा कि धर्मेंद्र प्रधान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जो बहाने और जुमले दिए हैं, वो पर्याप्त नहीं होंगे. शिक्षा मंत्री को ज़िम्मेदारी स्वीकार करते हुए इस्तीफा देना चाहिए.

छात्र NTA को तुरंत खत्म करने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि भ्रष्ट और अहंकारी शिक्षा मंत्री का हमारी यूनिवर्सिटी में स्वागत नहीं है. धर्मेंद्र प्रधान को इस्तीफा देना चाहिए. बताया जा रहा है कि DU के छात्रों के साथ मिलकर AISA कार्यकर्ताओं ने भी काले झंडे लहराए हैं.
हालांकि भारत सरकार की फैक्ट चेक यूनिट 'PIB फैक्ट चेक' ने दावा किया है कि आज दिल्ली विश्वविद्यालय में केंद्रीय शिक्षा मंत्री का कोई भी कार्यक्रम निर्धारित नहीं था.
PIB का दावा अपनी जगह है. लेकिन दिल्ली यूनिवर्सिटी में योग दिवस कार्यक्रम के कई पोस्टर सामने आए हैं, जिनमें मुख्य अतिथि के तौर पर धर्मेंद्र प्रधान का ही नाम लिखा है. दिल्ली यूनिवर्सिटी के एक्स हैंडल से भी कई पोस्ट किए गए हैं, जिनमें ऐसे पोस्टर दिख रहे हैं.

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बीते रोज़, 20 जून को एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस को संबोधित करते हुए धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि UGC NET का प्रश्नपत्र लीक होना, NTA की "संस्थागत विफलता" है. सरकार इसकी कार्यप्रणाली की जांच करने और सुधार की सिफारिश करने के लिए एक हाई लेवल कथित गठित करेगी. धर्मेंद्र प्रधान ने माना है कि 'ख़ास क्षेत्रों में कुछ गड़बड़ियां' हुई हैं. उनका रुख पिछले हफ़्ते से अलग दिखा. पिछले हफ़्ते उन्होंने कहा था कि पेपर लीक होने का कोई सबूत नहीं है, ना ही कोई भ्रष्टाचार हुआ है. अब उन्होंने युवाओं और छात्रों के बीच विश्वास खोने की नैतिक ज़िम्मेदारी ली है.
वीडियो: JNU में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सीतारमन और जयशंकर का नाम लेकर क्या बोल दिया?