अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को 'हश मनी' (पैसे देकर चुप कराना) मामले में कोई सजा नहीं हुई है. पिछले साल इस केस के सभी 34 आरोपों में दोषी करार दिए जाने के बावजूद न्यूयॉर्क की अदालत ने उन्हें सजा नहीं सुनाई. और ना ही उन पर कोई जुर्माना लगाया गया है. ट्रंप पर 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के दौरान पॉर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल को चुप रहने के लिए पैसे देने का आरोप लगा था. इसके अलावा, उनके खिलाफ बिजनेस रिकॉर्ड्स को छिपाने, पैसों के लेन-देन में हेराफेरी और राष्ट्रपति चुनाव को करप्ट करने जैसे आरोप थे.
शपथ से ऐन पहले 'हश मनी' केस में ट्रंप को बड़ी राहत, दोषी साबित होने के बावजूद सजा से बच गए
ट्रंप के खिलाफ पॉर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल को चुप रहने के लिए पैसे देने, बिजनेस रिकॉर्ड्स को छिपाने, पैसों के लेन-देन में हेराफेरी और राष्ट्रपति चुनाव को करप्ट करने जैसे आरोप थे. पिछले साल मई में उन्हें दोषी करार दिया गया था.

20 जनवरी को डॉनल्ड ट्रंप दोबारा अमेरिकी राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले हैं. वे अमेरिकी इतिहास के पहले मौजूदा या पूर्व राष्ट्रपति हैं, जिन्हें किसी अपराध में दोषी ठहराया गया था.
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 10 जनवरी को जज जुआन मर्चन ने कहा कि वे ट्रंप को जेल, जुर्माने या किसी प्रोबेशन से बचने की सजा दे रहे हैं, क्योंकि अमेरिका का संविधान राष्ट्रपतियों को आपराधिक मुकदमे से बचाता है. हालांकि, जज ने कहा कि राष्ट्रपति कार्यालय को दी गई सुरक्षा किसी अपराध की गंभीरता को कम नहीं करती है या उस अपराध को सही नहीं ठहराती है.
ट्रंप को इस मामले में बिना किसी शर्त के सजा से बचाया गया है. जज के मुताबिक, राष्ट्रपति कार्यालय को संविधान से मिली कानूनी सुरक्षा एक ऐसा फैक्टर है जो दूसरे सभी बिंदुओं के ऊपर है. उन्होंने इसे ‘असाधारण मामला’ बताते हुए कहा कि इससे पहले कोर्ट ने इस तरह के हालात का सामना नहीं किया था.
क्या है पूरा मामला?इस पूरे मामले की शुरुआत जुलाई 2006 में होती है. डॉनल्ड ट्रंप एक सेलिब्रिटी गोल्फ टूर्नामेंट में पॉर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स से मिले थे. डेनियल्स का दावा है कि उनके और ट्रंप के बीच शारीरिक संबंध बना. लेकिन ट्रंप इससे इनकार करते हैं. मई 2011 में स्टॉर्मी डेनियल्स ‘इन टच’ नामक मैगजीन को इंटरव्यू देती हैं. इसमें ट्रंप से हुई मुलाकात का जिक्र करती हैं. लेकिन वो इंटरव्यू उस वक्त पब्लिश नहीं हुआ. ट्रंप के फिक्सर माइकल कोहेन ने मैगजीन को ई-मेल भेजकर धमकी दी थी कि अगर स्टोरी पब्लिश हुई तो अदालत का चक्कर लगाना पड़ेगा.
2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप के उम्मीदवार बनने के बाद स्टॉर्मी डेनियल्स ने नेशनल इंक्वायरर नामक टैबलॉयड को बताया कि वो ट्रंप के साथ हुए सेक्शुअल एनकाउंटर की पुष्टि करने के लिए तैयार हैं. इसके बाद नेशनल इंक्वायरर की पेरेंट कंपनी अमेरिकन मीडिया इंक (AMI) के तत्कालीन CEO डेविड पेकर ने ट्रंप के वकील कोहेन को डेनियल्स के वकील से मिलवाया. दोनों के बीच एक लाख तीस हजार डॉलर (अभी 1 करोड़ 10 लाख रुपये) पर समझौता हो गया. बदले में डेनियल्स ने चुप रहने का वादा किया था.
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कुछ दिनों बाद माइकल कोहेन ने एक शेल कंपनी के जरिए डेनियल्स के वकील को पैसे भेज दिए. इसके बाद डेनियल्स ने एग्रीमेंट पर दस्तखत कर दिया. इसमें दोनों पक्षों ने फेक नाम का इस्तेमाल किया था.

नवंबर 2016 में राष्ट्रपति चुनाव से चार दिन पहले अमेरिकी अखबार 'वॉल स्ट्रीट जर्नल' ने एक रिपोर्ट पब्लिश की. रिपोर्ट के मुताबिक, डेनियल्स किसी टीवी नेटवर्क के साथ संपर्क में थी. मगर समझौते के बाद वो पीछे हट गईं. इसी रिपोर्ट में अमेरिकी मॉडल केरेन मैकडॉगल और नेशनल इंक्वायरर के बीच हुई डील का भी खुलासा किया गया. ट्रंप के प्रवक्ता ने मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की. कहा कि दोनों महिलाओं से ट्रंप का कोई संबंध नहीं है.
इस बयान के कुछ दिन बाद ही वॉल स्ट्रीट जर्नल डेनियल्स को किए गए पेमेंट की डिटेल्स भी छाप देती है. रिपोर्ट के बाद डेनियल्स एक और स्टेटमेंट जारी करतीं है. बतातीं हैं कि ट्रंप के साथ शारीरिक संबंध वाली घटना झूठी है.
ट्रंप पर आरोप कैसे लगा?फरवरी 2018 में ट्रंप के फिक्सर रहे माइकल कोहेन अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स को बताते हैं कि उन्होंने डेनियल्स को अपनी जेब से पैसे दिए. जब ट्रंप से इस बारे में पूछा जाता है, वो जानकारी होने से इनकार कर देते हैं. अप्रैल 2018 में माइकल कोहेन के दफ्तर और होटल के कमरे पर छापेमारी होती है. छापेमारी में डेनियल्स को किए गए पेमेंट से जुड़े दस्तावेज जब्त किए जाते हैं.
फिर अगस्त 2018 में माइकल कोहेन पर कैंपेन-फाइनेंसिंग में धोखाधड़ी और हश मनी के भुगतान से जुड़े आरोप लगते हैं. कोहेन आरोपों को स्वीकार कर लेते हैं. उनको तीन बरस की सजा होती है. उसी सुनवाई में कोहेन कहते हैं कि उन्होंने ट्रंप के कहने पर पैसों का भुगतान किया.
अगस्त 2019. मैनहटन के डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी साइरस वॉन्स ट्रंप की कंपनी को नोटिस भेजते हैं. डेनियल्स और मैकडॉगल से जुड़े दस्तावेज सौंपने के लिए कहा जाता है. अमेरिका में जिले के स्तर के सरकारी वकीलों को डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी कहा जाता है. वे स्टेट की तरफ से क्रिमिनल केस लड़ते हैं. राज्य के सबसे बड़े सरकारी वकील को अटॉर्नी जनरल कहा जाता है.
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नवंबर 2020 में जो बाइडन के राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद ट्रंप के खिलाफ लग रहे आरोपों की जांच तेज होती है. एक साल बाद, नवंबर 2021 में एल्विन ब्रैग मैनहटन के डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी बनते हैं. वो ट्रंप के खिलाफ केस आगे बढ़ाने का वादा करते हैं. जनवरी 2023 में ब्रैग, ट्रंप के खिलाफ गवाहों और सबूतों की पड़ताल के लिए एक ग्रैंड ज्यूरी बनाते हैं.
मार्च 2023 में ग्रैंड ज्यूरी ट्रंप के खिलाफ लगे आरोपों पर मुहर लगा देती है. अप्रैल 2023 में ट्रंप को कोर्ट में पेश किया जाता है. उनके सामने आरोपों की लिस्ट पढ़ी जाती है. ट्रंप सभी आरोपों से इनकार कर देते हैं. फिर अप्रैल 2024 में मैनहट्टन की अदालत में ट्रायल शुरू होता है.
पहले चरण में ज्यूरी का चुनाव किया जाता है. अमेरिका में आपराधिक मुकदमों की सुनवाई में ज्यूरी अनिवार्य है. ज्यूरी में 12 लोग होते हैं. ये आम जनता के बीच से चुने जाते हैं. उनसे निष्पक्षता की उम्मीद की जाती है. वे ट्रायल के दौरान सबूतों और गवाहों को सुनते हैं. दलील खत्म होने के बाद वे आपस में बहस करते हैं. फिर फैसला सुनाते हैं. अगर ज्यूरी केस को नकार दे तो वहीं पर मामला खत्म हो जाता है.
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