" लाखों साल पहले वाइब्रेनियम से बना एक उल्का पिंड, जो ब्रह्मांड में सबसे शक्तिशाली तत्व है, अफ्रीका के महाद्वीप से आ टकराया जिसका असर यहां के वनस्पति जीवन पर पड़ा. फिर जब मानवों का समय आया तो पांच कबीले इस पर आ बसे और ये जगह कहलाई - वकांडा. यहां के कबीले लगातार एक दूसरे के साथ युद्ध करते रहे, जब तक कि एक यौद्धा शमन को पैंथरों की देवी बस्ट से, एक दृष्टि प्राप्त हुई जो उसे ह्रदय के आकार की एक औषधि तक लेकर गई जिसने उसे सुपर ह्यूमन ताकत, गति और सहज बुद्धि प्रदान की. वो यौद्धा राजा और पहला ब्लैक पैंथर बना, वकांडा का रक्षक. वकांडा के लोगों ने वाइब्रेनियम का इस्तेमाल टेक्नोलॉजी विकसित करने में किया जो किसी भी दूसरे मुल्क से ज्यादा आधुनिक टेक्नोलॉजी थी. लेकिन जहां वकांडा फल-फूल रहा था, बाकी दुनिया अराजकता में गिरती गई. वाइब्रेनियम को सुरक्षित रखने के लिए वकांडा के लोगों ने प्रण लिया कि वे छुपे रहेंगे और अपनी शक्ति का ये सच का बाहरी दुनिया को पता नहीं लगने देंगे ."डायरेक्टर रायन कूगलर की पहली फीचर फिल्म थी 'फ्रूटवेल स्टेशन.' 2013 में आई ये मूवी 22 साल के अश्वेत लड़के ऑस्कर ग्रांट की हत्या पर आधारित थी जिसे उसके कुछ दोस्तों के साथ मेट्रो रेल से लौटते हुए पुलिस ने रेल में फाइट की शिकायत के बाद वहीं हिरासत में ले लिया. किसी के पास कोई हथियार नहीं था और ऑस्कर मुंह के बल जमीन पर था. दो पुलिसकर्मी उसे कंट्रोल किए हुए थे, एक इरीटेट हो गया और अपनी बंदूक निकालकर उसे शूट कर दिया. पुलिस बर्बरता की ये बहुत ही गुस्सा दिलाने वाली फिल्म थी. उसके बाद उन्होंने रॉकी सीरीज की सातवीं फिल्म 'क्रीड' (2015) डायरेक्ट की जिसमें लीड रोल में एक अश्वेत युवक होता है और रॉकी बेलबोआ उसका ट्रेनर. अपनी तीसरी फिल्म 'ब्लैक पैंथर' भी ब्लैक सब्जेक्ट पर ही चुनी. बैरी जेनकिन्स, स्पाइक ली, एनट्वान फुकुआ, जॉर्डन पील और आवा डुवॉर्ने के साथ रायन भी उन फिल्ममेकर्स में से है जिन्होंने खुद को ब्लैक प्रतिनिधित्व वाला सिनेमा बनाने में ही केंद्रित रखा है.- अफ्रीका के एक काल्पनिक देश वकांडा में कहीं एक पिता अपने बेटे को इस जगह का प्राचीन इतिहास बताते हुए कहता है..

उनकी लेटेस्ट फिल्म इस मामले में एक बहुत महत्वपूर्ण कदम साबित हुई है. ब्लैक पैंथर का पात्र वैसे तो मार्वल कॉमिक्स में 1966 से मौजूद है लेकिन वो इतना मुकम्मल साबित नहीं हुआ जितना इस फिल्म से हुआ. ये पहली ब्लैक सुपरहीरो फिल्म है. जिसमें ब्लैक ही डायरेक्टर है. जिसके अधिकतर कलाकार अश्वेत हैं. लेखक अश्वेत है. फिल्म ने भारतीय रुपयों के हिसाब से करीब 9400 करोड़ रुपये की कमाई की है. किसी भी सिंगल सुपरहीरो फिल्म ने 'ब्लैक पैंथर' से ज्यादा कमाई नहीं की है. किसी भी ब्लैक डायरेक्टर ने इतने बड़े कलेक्शन वाली फिल्म नहीं डायरेक्ट की है. फिल्म ने कितना बिजनेस किया है, इसका उसके कंटेंट से कोई संबंध नहीं होता लेकिन ब्लैक लोगों के सिनेमा में प्रतिनिधित्व और मजबूती के लिहाज से ये सारे आंकड़े बहुत मायने रखते हैं. अब तक जो हॉलीवुड स्टूडियो कमर्शियल फिल्मों में ब्लैक कलाकारों को लीड रोल में लेते हुए या गैर-वाइट नायकों वाली कहानियां चुनते हुए ये तर्क देते रहे हैं कि या तो अमेरिका या विदेशी टैरेटरीज़ में ये फिल्म चलेगी नहीं, 'ब्लैक पैंथर' की सफलता ने अब इन तर्कों को कमजोर किया है.
इस फिल्म ने सिर्फ अच्छा बिजनेस ही नहीं किया है बल्कि बाकी सुपरहीरो फिल्म के मुकाबले भी इसका कंटेंट काफी प्रगतिशील है. ये कहानी गरीब अफ्रीकी महाद्वीप के जंगलों में छुपे एक देश वकांडा के बारे में है जो लोगों की नजरों में खेती करने, पशु चराने वालों का देश है. लेकिन असल में ये एक आवरण है जैसा शुरू में हमने जाना. असल में ये अफ्रीकी मुल्क साइंस और टेक्नोलॉजी पर जोर देता है. यहां के राजा टचाका की मृत्यु हो जाती है तो उनके बेटे टचाला (चैडविक बोज़मैन) को राजा बनाया जाता है. उसकी छोटी बहन शोरी (लटीटा व्राइट) उससे भी ज्यादा बुद्धिमान है. वो एक कुशल साइंटिस्ट है. टेक्नोलॉजी, कपड़े, उपकरण, हथियार डिजाइन करती है. वकांडा राष्ट्र की सबसे शक्तिशाली सेना डोरा मिलाजे महिलाओं की है. टचाला की एक एक्स-गर्लफ्रेंड भी है. जिसका नाम नकीया (लुपिटा नयोंगो) है. वो एक कड़क महिला है. वकांडा की एक इंटेलिजेंस ऑफिसर जो अलग-अलग मिशन पर घूमती रहती है.

नकीया और शोरी, प्रतीकात्मक रूप से सशक्त महिलाएं नहीं हैं. वे असल में भी हैं. शोरी ऐसी है जिसे देखकर टचाका जम जाता है. उसे मरने से वही बचाती है. वो अगर उसकी एक्स-गर्लफ्रेंड है बावजूद इसके ऐसा कहीं नहीं दिखाया जाता है कि कभी वो सेंटीमेंटल हो गई हो, उसका पूरा ध्यान अपने काम पर है. वहीं शोरी ऐसी है जो स्मार्ट है, बाग़ी है, स्वतंत्र मानसिकता वाली है. वकांडा शक्तिशाली रहे, वहां टेक्नोलॉजिकल उन्नयन होता रहे, इसका जिम्मा उसने संभाल रखा है. (फोटोः डिज़्नी/मार्वल स्टूडियोज़)
फिल्म में बुरे और अच्छे वाला स्टीरियोटाइप वैसा नहीं है जैसा बालबुद्धि के हिसाब से इन सुपरहीरो फिल्मों में रख दिया जाता है. जैसे फिल्म की कहानी आगे बढ़ती है तो हम देखते हैं कि एक दक्षिण अफ्रीकी अपराधी यूलिसिस क्लॉ (एंडी सर्किस) वकांडा का वाइब्रेनियम एक संग्रहालय से चुरा चुका है और बेचने जा रहा है. इस चोरी में उसकी मदद की है एरिक किलमॉन्गर (माइकल बी. जॉर्डन) नाम के एक आदमी ने. बाद में एरिक वकांडा में आता है और यहां की राजगद्दी पर दावा करता है. वो दरअसल किंग टचाका के उस भाई का बेटा है जिसने किंग ने किसी की जान बचाते हुए मार दिया था. बिना पिता के वो नन्हा बच्चा नफरत की आग को अंदर पलकर बड़ा हुआ. आग दुनिया को खत्म कर देने की. जब युवा राजा टचाला को सच पता चलता है तो वो अपने पिता और दूसरे लोगों पर नाराज होता है कि उन्होंने पिता की मृत्यु के बाद उस बच्चे को अकेला छोड़कर अन्याय किया. टचाला एक न्यायप्रिय शासक है. युद्धप्रेमी नहीं है. संतुलित है. इतनी शक्ति होने के बाद भी.

टचाका जब एरिक के दावे को स्वीकार करता है. वो अपने सरवाइवल से ज्यादा ये सोच रहा होता है कि इस लड़के के साथ उसकी रियासत ने ठीक नहीं किया. और इस अन्याय को करेक्ट करने का जिम्मा वो अपने ऊपर लेता है.
'ब्लैक पैंथर' के अंत में संयुक्त राष्ट्र को संबोधित करते हुए वो कहता है -
"मेरा नाम किंग टचाला है. किंग टचाका का बेटा. मैं संप्रभु राष्ट्र वकांडा का शासक हूं. और हमारे इतिहास में पहली बार, हम अपना ज्ञान और अपने संसाधन बाहरी दुनिया से साझा करेंगे. वकांडा अब परछाइयों के पीछे से बैठकर नहीं देखेगा. हम ऐसा नहीं कर सकते. हमें करना ही नहीं चाहिए. हम इस चीज की मिसाल बनेंगे कि इस धरती पर हम बहनों और भाइयों को एक दूसरे को कैसे ट्रीट करना चाहिए. अब, पहले से भी कहीं ज्यादा. नजरों के भरम हमारे अस्तित्व के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं. सच्चाई हम सब जानते हैं. जितनी चीजें हमें अलग करती हैं, उससे ज्यादा चीजें हमें जोड़ती हैं. संकट की घड़ी में समझदार लोग पुल बनाते हैं और मूर्ख लोग रुकावटें खड़ी करते हैं. हमें ऐसी राह खोजनी ही होगी जिससे हम एक-दूसरे का ख़याल रख सकें. यूं. जैसे कि हम एक ही कबीला हों."ये वो स्पीच है जिसकी अपेक्षा उन देशों के राष्ट्राध्यक्षों से की जाती है को 2-2 हजार न्यूक्लियर बम बनाकर बैठे हैं और खुद को सुपरपावर कहते हैं. लेकिन उनमें टचाला जितनी समझदारी नहीं है. यहां तक कि फिल्म में उसका संबोधन सुनने के बाद वहां बैठा विकसित देशों का एक प्रतिनिधि पूछता है - "किसानों के एक देश (वकांडा) के पास पूरी दुनिया के देने के लिए भला क्या है?" कहीं न कहीं 'ब्लैक पैंथर' और इसे बनाने वालोें का रूपक यही है कि तीसरी दुनिया के अफ्रीकी देश की परछाई में कोई साइंस-टेक्नोलॉजी, प्रकृति की संपदा से भरपूर वकांडा छुपा है. ठीक वैसे ही जैसे कभी बंदर, बैंगन, कोयले की बोरियां कहलाने वाले, गुलाम बनाकर रखे जाने वाले नीग्रोज़ में ये ब्लैक पैंथर छुपे हुए थे.
संयुक्त राष्ट्र में संबोधन देते हुए वकांडा का समझदार, युवा शासक.
ऑस्कर 2019 में 'ब्लैक पैंथर': सात नॉमिनेशंस मिले.
बेस्ट फिल्म - कैविन फाईज ओरिजिनल स्कोर - लुडविग गोरान्सन ओरिजिनल सॉन्ग - "ऑल द स्टार्स" कॉस्ट्यूम डिजाइन - रूथ ई. कार्टर प्रोडक्शन डिजाइन - हैना बीचलर, जे हार्ट साउंड एडिटिंग - बेंजामिन ए. बर्ट, स्टीव बोएडेकर साउंड मिक्सिंग - पीटर डेवलिन, स्टीव बोएडेकर और ब्रैंडन प्रॉक्टर
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